Wednesday 25 November 2015

आमिर खान जी देश प्रेम सिर्फ रील लाईफ में...!

संदीप कुमार मिश्र:  क्या आमिर बाबू आप भी ना..कैसी बात कर दी।क्या तकलीफ हो गयी थी साब आप को।फिल्मे नहीं मिल रही थी या अपनी किसी फिल्म का प्रमोशन करना था या सियासत करने का मन करने लगा था,या फिर वास्तव में ही इरान,इराक,सीरिया,अफगानिस्तान या फिर कोई और देश पसंद आने लगा था...तो चले जाते।और भी स्टार तो जाकर बसे हैं विदेशों में, आप भी जाते कौन रोक रहा था । लेकिन ये कहकर कि आप की किरण ने कहा कि अब उसे डर लगता है भारत में, तो साब बात कुछ हजम नहीं हुई।आप जानते हैं आमिर साब इस देश में करोड़ों की तादाद में आमिर खान पड़े हुए हैं कोई नहीं जानता उन्हें।लेकिन आप को सब जानते हैं,क्योंकि इस देश ने आपको आमिर खान बनाया है।जितनी शिद्दत से आपकी फिल्म को मुसलमान भाई देखता है उतनी ही शिद्दत से हिन्दू भी।साब इस देश में करोड़ो,अरबों कमाकर आप ये कहो कि ये देश असहिष्णु है..तो गलत बात है ना।
अरे हां याद आया,जब आप मोदी को अमेरिका का वीजा ना मिले,इसका समर्थन कर रहे थे तो देश आपके लिए सहिष्णु था। लेकिन मोदी जी को देश की सम्मानित जनता ने देश की बागड़ोर थमा थी तो देश असहिष्णु हो गया और आपकी किरण को तो यहां डर भी लगने लगा है।आप कहीं और जाकर बसने की सोचने लगे हो।बुरा मत माना जनाब लेकिन ये आपके किसी फिल्म की कहानी नहीं है,ये असल जींदगी के फलसफे हैं जहां आपके तारे जमी पर होने चाहिए।

कितना अफसोस होता है कि आपको मिस्टर परफेक्सनिस्ट कहा जाता है,क्योंकि आप थ्री इडियट, लगान,सरफरोस,कयामत से कयामत तक के स्टार जो हो, आपकी pk भी देखते हैं इस देश के लोग,जिसमें आपने क्या दिखाया है,वो तो आप जानते ही हैं,तब भी देश असहिष्णु नहीं लगा आपको,क्योंकि कमाई आपकी जोरों पर जो थी, लेकिन वहीं मैमोरी लास गजनी भी हो ये हमारा प्यारा देश और यहां के लोग भूल जाते हैं।क्योंकि आप तो कुछ भी बोल सकते हो,भूल सकते हो।अब साब आपकी दंगल को आने में तो अभी समय था,लेकिन आपने देश में पहले ही दंगल करवा दिया।भला हो आपका लेकिन क्या अब भी आप यही कहोगे कि देश में सहिष्णुता नहीं है...आमिर खान साब ये देश आपको बेहद संवेदनशील और संजिदा कलाकार मानता है,इस देश के लोग आपको बहुत बहुत प्यार करते हैं।
यहां तक की आपके लिए जीने मरने तक की कसमें खाते हैं।लेकिन शायद ये देश और यहां के लोग ये भूल जाते हैं कि जितने संजिदा और समर्पीत आप पर्दे पर अभिनय करते हुए दिखते हैं, शायद रीयल लाईफ में आप और आप जैसे बड़े लोग वैसे होते नहीं हैं। आप और आपकी धर्मपत्नी किरण जी तो उस श्रेणी में हैं जिनके पास मान सम्मान और धन दौलत सब कुछ है।अब तो आपने देश की आम जनता की उस समझ और विश्वास को भी तोड़ दिया कि आप वास्तव में समझदार कलाकार हैं क्योंकि सत्यमेव जयते में आपने ये सिद्ध किया था कि देश की आम जनता की समस्याओं से आपका सरोकार है,आप उनके दर्द को महसूस करते हैं, लेकिन अब लगता है कि स्क्रप्टि राइटर की जुबान ही आप बोल सकते हैं।नहीं तो क्या जरुरत थी भला तब...जब आप जैसे धन संपन्न लोग ज्याद गरमी पड़ने पर विदेश चले जाते हैं,शहर में बिजली चली जाए तो किसी बड़े होटल में ठहर जाते हैं और बाढ़ की आशंका होने मात्र से दूसरे शहर की शरण ले लेते हैं।आपको लगता है कि जरुरत थी इस तरह के बयानबाजी की..? क्या सत्यमेव जयते कह देने भर से काम चल जाएगा या सचमुच में देशहित के लिए काम करना पड़ेगा।उस तबके तक पहुंचना पड़ेगा जहां की बुनियादी जरुरत सिर्फ और सिर्फ रोटी कपड़ा और मकान है।
अब देखिए साब राजनीति तो होगी ही,हमारे नेतागण को भी आपकी तरह ही दुकानदारी चलानी है ना,और अपने ऐतिहासिक पराजय का भी बदला लेना है,सो आप ने बोला और नेता जी और हम ही इमानदार हैं जी,बाकी सब बेईमान है जी....जैसे नेताओं ने लपक लिया...क्योंकि उन्हें तो जात धर्म की ही सियासत करनी है....और जब विपक्ष बोलेगा तो पक्ष भी बोलेगा,सो बयानबीरों की फौज सोशल मीडिया से लेकर न्यूज चैनलों पर बहस करने लगी..हां ये अलग बात है कि टीआरपी की गंदी दौड़ में मुद्दा आप हैं ना की देस का वो गरीब तबका जो भुको मरता है लेकिन न्यूज चैनलों का कैमरा उस तबके तक नहीं पहुंच पाता है...क्योंकि उन्हें भी तो मसाला चाहिए... और वो मसाला आप जैसे लोग थाली में सजाकर परोसते हैं।
अंतत: हमारे देश में अभिव्यक्ति की आजादी है,हम कुछ भी बोलने के लिए स्वतंत्र तभी तक हैं,जब तक देश के सम्मान को आघात ना पहुंचे,औरों ने भी विरोध किया,जनाब आमिर साब आप भी करते लेकिन ये कहना निहायत गलत है कि आप की किरण ने कहा कि कहीं और जाकर रहें,यहां डर लगता है...खैर ये आपका देश है और हमेशा रहेगा और इतना कहने भर देने से आप पर उंगली नहीं उठाई जा सकती...हो जाता है कभी कभी...इन्सान भावनाओं में बहकर कहता है कुछ और कह जाता है कुछ...एक बात और ये देश शांति प्रिय था है और रहेगा...सियासतें बदलती रहती है...लेकिन लोग वही रहते हैं..आप भी थोड़ा धैर्य रखे,संवेनशील बने..क्योंकि ये रील नहीं रीयल लाइफ है।।।




दोस्तों इस लेख में आपको जो गलत लगे वो मेरे लिए है,और जो अच्छा लगे वो आपके लिए...एक शेर और सवाशेर के साथ अपने कीबोर्ड को आराम देता हुं......


आसान नहीं इस दुनिया में,ख्वाबों के सहारे जी सकना।
संगीन हकिकत है दुनिया,ये कोई सुनहरा ख्वाब नहीं।।


No comments:

Post a Comment