Wednesday 28 February 2018

कांची कामकोटि पीठ के पीठाधिपति शंकराचार्य जयेंद्र सरस्वती जी के निधन पर श्रद्धांजलि



संदीप कुमार मिश्र: कांची कामकोटि पीठ के पीठाधिपति और 69वें शंकराचार्य परम श्रद्धेय श्री जयेंद्र सरस्वती जी महाराज का बुधवार को निधन हो गया। आखिर कौन थे जयेंद्र सरस्वती और कितना प्रभावशाली रहा उनका जीवन...

दरअसल दक्षिण भारत की प्राचिन नगरी कांची जो कि कांची कामकोटि के नाम से जानी जाती है।कांची प्राचीन समय से ही भारतीय संस्कृति और सभ्यता के विकास केन्द्र के रूप में प्रतिष्ठीत रही है। भारतीय दर्शन, धर्म, कर्मकाण्ड और योग साधनाओं का मुख्य केंद्र रहा है कांची कामकोटि पीठ...।
भारत के चार महानगरों में से एक चेन्नई से 75 किमी की दूरी पर स्थित कांची वो धर्म नगरी, वो परम धाम है,जहां भगवान शिव के अंशावतार आदि गुरु शंकराचार्य जी ने कांची कामकोटि पीठम की स्थापना की थी। आदि गुरु शंकराचार्य जी महाराज स्वयं कांची में रहे,इसलिए आचार्य जी के द्वारा स्थापित चार शिष्य पीठ हैं,लेकिन कांची का पीठ स्वयं आचार्यजी का गुरु-पीठ है।तभी तो कांची पीठ का महत्व हमारी परंपरा में सबसे अधिक बताई गई है।कांची पीठ के 69 शंकराचार्य पूज्य श्री जयेन्द्र सरस्वती जी महाराज बने...

पूज्य जयेन्द्र सरस्वती जी महाराज का कहना था कि धर्म के पीठ और मठ केवल पूजा-पाठ तक सीमित न रहें,बल्कि वे शिक्षा, सेवा और समाज के उत्थान की अनेक प्रक्रियाओं में भी सहभागी बनकर उभरेंअपने इसी संकल्प को पूरा करने के लिए पूज्य महाराज श्री ने 1987 में सोचा कि पीठ पर विराजमान रहकर यदि यह काम नहीं किया जा सकता तो पीठ का त्याग कर देना ही उचित है और महाराज श्री ने पीठ का त्याग भी करना चाहाइतना ही नहीं कुछ दिनों के लिए कांची से चले भी गए। लेकिन पूज्य परमाचार्य जी महाराज ने उन्हें बुलाकर कहा कि सेवा का यह कार्य आप पीठ पर विराजमान रहकर भी कर सकते हैं और करना भी चाहिए

इसलिए पूज्य स्वामीजी महाराज ने पून: अपने पद को स्वीकार किया और वे सेवा कार्यों में जुट गए।जिसका परिणाम है कि भारत के विभिन्न प्रदेशों में मठ,वेद रक्षा निधि, आदि न्यास,स्थापित एवं संचालित वेद पाठशालाएं, संस्कृत भाषा एवं शास्त्र विद्यालय,बड़े चिकित्सालय एवं चिकित्सा शिक्षा संस्थान, छोटे चिकित्सा केन्द्र, समाजसेवा केन्द्र, अन्नक्षेत्र, अनाथालय,वृद्धाश्रम एवं विकलांग आश्रम,के साथ ही माध्यमिक विद्यालय (हाईस्कूल), गोशाला,ग्रामीण विकास आदि सेवा केन्द्र,विदेशों में सेवा केन्द्र,और श्री चंद्रशेखरेन्द्र सरस्वती विश्वविद्यालय की स्थापना की गई। विश्वविद्यालय में एक बृहत पुस्तकालय है जहां पाण्डुलिपियों को सहेज कर रखा गया है...शोधार्थियों के लिए पुस्तकों का विशाल भण्डार भी है...इस पुस्तकालय में वेद, शास्त्र, धर्म, संस्कृति, सभ्यता, संगीत, कला, वास्तु-शास्त्र, शिल्पकला, आयुर्वेद, सिद्ध चिकित्सा, ज्योतिष, विज्ञान तकनीकी और अन्तरिक्ष विज्ञान सहित सभी विषयों पर साहित्य का संग्रह है जो अद्भूत है...साथ ही वेद की पढ़ाई करते इस पीठ में संस्कारों की जो गंगोत्री बहती है वो देखते ही बनती है...।

अत्यंत सादगीपूर्ण जीवन जीते हुए...दिन में केवल एक बार अन्नग्रहण करके सांसारिक सुखों का त्याग कर सादगी पूर्ण जीवन जीते हुए परम त्यागी सत्पुरुष कांची कामकोटि पीठाधिपति पूज्य शंकराचार्य स्वामी जयेन्द्र सरस्वती जी महाराज ऐसी संस्थाओं का निर्माण कर उनका संचालन जिस प्रकार से कर रहे हैं...वो वंदनिय है पूज्यनिय है...दक्षिण भारत में एक दीपस्तंभ के रूप में खड़ा हुआ कांची पीठ इन सारी सेवाओं का संचालन निरंतर करता रहा है...और कर रहा है।

जयेंद्र सरस्वती जी महाराज के जीवन की मुख्य घटनाएं-
1- पूज्य जयेंद्र सरस्वती का वास्तवकि नाम सुब्रमण्यन महादेव अय्यर था और उनका जन्म 18 जुलाई 1935 को हुआ था।
2- जयेंद्र सरस्वती को वेदों का ज्ञाता माना जाता था। भारत के पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी भी इनके प्रशंसकों में से एक थे।
3- जयेंद्र सरस्वती ने अयोध्या विवाद के हल के लिए भी पहल की थी। इसके लिए वाजपेयी ने उनकी काफी प्रशंसा की। जबकि इसके लिए तब जयेंद्र सरस्वती जी को आलोचना का भी शिकार होना पड़ा था।
4- जयेंद्र सरस्वती ने हिंदुओं के प्रमुख केंद्र कांची कामकोटि मठ को ताकतवर बनाया।
5- जयेंद्र सरस्वती ने 1983 में शंकर विजयेंद्र सरस्वती को अपना उत्तराधिकारी घोषित किया था।
6- कांची मठ के मैनेजर शंकरारमन की हत्या के आरोप में 11 नवंबबर 2004 को जयेंद्र सरस्वती को गिरफ्तार भी किया गया था। उस समय जयललिता की ही सरकार थी। एक समय ऐसा था जब जयललिता जयेंद्र सरस्वती को अपना आध्यात्मिक गुरु मानती थीं।
7- कहा जाता हैं कि जिस वक्त जयेंद्र सरस्वती को पुलिस गिरफ्तार करने पहुंची तो वह 'त्रिकाल संध्या' कर रहे थे।
8- 27 नवंबर 2013 को शंकररमन मर्डर केस में पुडुचेरी की अदालत ने कांची कामकोटि पीठ के शंकराचार्य जयेंद्र सरस्वती, उनके भाई विजयेंद्र समेत सभी 23 आरोपियों को बरी कर दिया था।

भारतीय सभ्यता और संस्कृति के संवाहक परम श्रद्धेय शंकराचार्य जी का निधन संत समाज के साथ ही संपूर्ण मानवता के लिए एक अपूर्णिय क्षति है।


शंकराचार्य जयेंद्र सरस्वती जी महाराज को शत् शत् नमन,श्रद्धांजलि

Friday 16 February 2018

योगीराज में “आपरेशन क्लिन यूपी ” दनादन एनकाउंटर से कांपे गैंगस्टर



संदीप कुमार मिश्र: लगभग 10 महीने का योगी राज और तकरीबन 900  से ज़्यादा एनकाउंटर।या तो  बदमाश परलोक पहुंच चुके या फिर सलाखों के पीछे या फिर प्रदेश छोड़कर भाग गए।
दरअसल देश के सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश में जब से सत्ता पर योगी'राज' की ताजपोशी हुई तब से सबसे ज्यादा चर्चा में जो सबसे गरम मुद्दा रहा है वो है गुंडों और बदमाशों का हो रहा एनकाउंटर।यकिनन योगी राज में बदमाशों की शामत आ गई है। सिर्फ यूपी को तो छोड़िए अपराधियों के खिलाफ यूपी पुलिस अब दूसरे राज्यों में जाकर भी एक्शन ले रही है।

जिस प्रकार से देश का सबसे बड़ा सूबा उत्तर प्रदेश अपराध का गढ़ बनता जा रहा था,उसका परिणाम था कि आम आदमी का जीना दूभर हो गया था।राह चलते कब किसका अपहरण हो जाए,कब किस माता बहन की आबरु लूट ली जाए या फिर किस घर का चिराग उसे छोड़कर चला जाए कोई नहीं जानता था...इतना ही नहीं आतंकवाद का गढ़ बनता जा रहा था...जिससे गंगा जमनी तहजीब के इस प्रदेश को निजात मिलना जरुरी था।

यकीन मानिए दशकों से अपराधियों की शरणगाह बन गया था उत्तर प्रदेश....राजनीतिक शरण लेकर लेकर अपराध व्यवसाय की तरह फलफूल रहा था।रात को घर से बाहर निकलना मुश्किल होता था।खैर आज भी स्थिति बहुत बेहतर नहीं है लेकिन ये जरुर कहा जा सकता है अपराध पर लगाम लगाने की दिशा में सरकार जरुर आगे बढ़ती नजर आ रही है।

सवाल ये है कि किसी भी प्रदेश को आगे बढ़ने में वहां की प्रशासनिक व्यवस्था का अहम स्थान होता है,क्योंकि सुरक्षा एक ऐसा बड़ा मुद्दा है जो आर्थिक ढ़ांचे को मजबूत और कमजोर करता है।कल कारखाने और रोजगार तभी आगे बढ़ते हैं जब व्यवस्थाएं अच्छी हों।नहीं तो हफ्ता वसूली और गुंडागर्दी के डर से व्यवसाय आगे नहीं बढ़ पाता है।हम सह सकते हैं कि गुजरात की गिनती देश के बेहतरीन राज्यों में की जाती है तो इसीलिए कि वहां की व्यवस्थाएं बेहतर है जिससे कल कारखाने और रोजगार बढ़ रहे हैं।

इसलिए जरुरी है कि शासन और प्रशासन कर्तव्यपरायण हों जिससे प्रदेश का विकास हो। अब तो योगी राज में ऐसा भी देखने को मिल रहा है कि ऑपरेशन क्लीन, एनकाउंटर के डर से माफी की तख्ती लेकर अपराधी घूम रहे हैं,और गुहार लगा रहे हैं कि हम अब अपराध नहीं करेंगे, मेहनत मजदूरी कर परिवार को पालेंगे, कृपया हमें माफ कर दें अब हम गलत काम नहीं करेंगे..बस एनकाउंटर मत करना।दरअसल सलीम अली और इरशाद अहमद को डर है कि कहीं यूपी पुलिस उनका एनकाउंटर न दे, इसलिए वे सार्वजनिक तौर पर माफी मांग रहे हैं। ये दोनों अपराधी कई लूट और हत्या के मामलों में आरोपी हैं।एक बात तो तय है कि उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ऑपरेशन क्लीन का असर दिखने लगा है, क्योंकि प्रदेश में कल तक जो दूसरों की जान लेते थे वही अब अपनी जान की भीख मांगते नजर आने लगे हैं।

आंकड़ों की बात करें तो बीजेपी सरकार के बाद प्रदेश के माहौल में बदलाव नजर आने लगा है। योगी सरकार में दिसंबर 2017 तक 895  पुलिस एनकाउंटर हो चुके हैं। एक अनुमान के मुताबिक यूपी में रोज 3 एनकाउंटर हो रहे हैं। गोरखपुर जोन में सिर्फ 24 एनकाउंटर दिसंबर 2017 तक हुए हैं। मतलब जनवरी 2018 तक 1 हजार एनकाउंटर के करीब है यूपी पुलिस।

अंतत: जिस प्रकार से उत्तर प्रदेश अपराधियों के लिए ऐशगाह बन गया था,बहुत जरुरी था की क्लिन यूपी बने।जिससे प्रदेश में रहने वाले चैन से रह सकें।

“परीक्षा पर चर्चा”: छात्रों को पीएम मोदी का गुरु मंत्र



संदीप कुमार मिश्र: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज परीक्षा पर चर्चा के दौरान देश के लाखों छात्र-छात्राओं के सवालों के जवाब दिए और उन्हें बोर्ड परीक्षा के दौरान टेंशन नहीं लेने का मंत्र दिया। 

आपको बता दें कि पीएम नरेंद्र मोदी ने बोर्ड एग्जाम से पहले 10 करोड़ छात्रों से परीक्षा से जुड़े विविध विषयों पर चर्चा की। दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में आयोजित 'परीक्षा पर चर्चा' कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने स्टूडेंट्स को एग्जाम से जुड़े तनाव को कम करने के टिप्स देने के साथ ही उनके सवालों के जवाब भी दिए।

आपको जानकर हर्ष होगा कि पीएम मोदी देश के ऐसे पहले प्रधानमंत्री हैं जिन्होने देश के बच्चों का मनोबल ऊंचा करने के लिए परीक्षा से पहले ऐसे कार्यक्रम में शिरकत की और उन्हें निर्भिक होकर परीक्षा देने के गुरु सिखाए।जिसकी जितनी प्रशंसा की जाए कम है।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि हर माता-पिता को अपने बच्चों को पूर्ण रूप से विश्वास करना चाहिए। बच्चों को माता-पिता की भावना समझने की बात कहते हुए मोदी ने कहा कि एक अभिभावक अपने अधूरे सपनों को उनके जरिए पूरे करने की कोशिश करते हैं।

तालकटोरा स्टेडियम में छात्रों के प्रश्नों का उत्तर देते हुए पीएम मोदी ने उन्हें आत्मविश्नास, खुद पर भरोसा करने और माता-पिता से कैसे संवाद करें, ताकि कॉम्यूनिकेशन का गैप खत्म हो इसके गुर भी सिखाएं। यकिनन इस प्रकार के कार्यक्रम में देश के मुखिया यानी प्रधान सेवक संबोधित करते हैं और मित्रतापूर्ण तरीके से बच्चों के साथ बात करते हैं तो उनका मनोबल ऊंचा उठता है।ऐसे कार्यक्रम निरंतर होने चाहिए।धन्यवाद प्रधानमंत्री जी।
                      “परीक्षा पर चर्चा में बच्चों ने दिए पीएम मोदी को 10 में 10 अंक

MAKING EXAM FUN WITH PM MODI JI PART 1/परीक्षा की तैयारी पीएम मोदी के...

संदीप कुमार मिश्र: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज परीक्षा पर चर्चा के दौरान देश के लाखों छात्र-छात्राओं के सवालों के जवाब दिए और उन्हें बोर्ड परीक्षा के दौरान टेंशन नहीं लेने का मंत्र दिया। आपको बता दें कि पीएम नरेंद्र मोदी ने बोर्ड एग्जाम से पहले 10 करोड़ छात्रों से परीक्षा से जुड़े विविध विषयों पर चर्चा की। दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में आयोजित 'परीक्षा पर चर्चा' कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने स्टूडेंट्स को एग्जाम से जुड़े तनाव को कम करने के टिप्स देने के साथ ही उनके सवालों के जवाब भी दिए। आपको जानकर हर्ष होगा कि पीएम मोदी देश के ऐसे पहले प्रधानमंत्री हैं जिन्होने देश के बच्चों का मनोबल ऊंचा करने के लिए परीक्षा से पहले ऐसे कार्यक्रम में शिरकत की और उन्हें निर्भिक होकर परीक्षा देने के गुरु सिखाए।जिसकी जितनी प्रशंसा की जाए कम है।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि हर माता-पिता को अपने बच्चों को पूर्ण रूप से विश्वास करना चाहिए। बच्चों को माता-पिता की भावना समझने की बात कहते हुए मोदी ने कहा कि एक अभिभावक अपने अधूरे सपनों को उनके जरिए पूरे करने की कोशिश करते हैं। तालकटोरा स्टेडियम में छात्रों के प्रश्नों का उत्तर देते हुए पीएम मोदी ने उन्हें आत्मविश्नास, खुद पर भरोसा करने और माता-पिता से कैसे संवाद करें, ताकि कॉम्यूनिकेशन का गैप खत्म हो इसके गुर भी सिखाएं। यकिनन इस प्रकार के कार्यक्रम में देश के मुखिया यानी प्रधान सेवक संबोधित करते हैं और मित्रतापूर्ण तरीके से बच्चों के साथ बात करते हैं तो उनका मनोबल ऊंचा उठता है।ऐसे कार्यक्रम निरंतर होने चाहिए।धन्यवाद प्रधानमंत्री जी।

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Making Exams Fun: PM Modi to interact with students from across India

Thursday 15 February 2018

Holi 2018: होली पर करें उपाय,दूर होगी बाधाएं,जाने कैसे ?




संदीप कुमार मिश्र: भक्ति भाव और विभिन्न रंगों से भरा देश है भारत।जहां विश्व की सबसे ज्यादा भाषाएं बोली जाती है,त्योहार मनाएं जाते हैं,कहते हैं भारत विश्व का एकमात्र ऐसा देश है जहां हर दिन उत्सव मनाया जाता है।ऐसे में हमारे घर में सुख-शांति बनी रहे इसके लिये विशेष उपाय भी किये जाते हैं। तंत्र-मंत्र, टोटकों से लेकर अनेक उपायों को हम सुख शांति और संबृद्धि के लिए करते हैं।

दरअसल ऐसा ही महापर्व है होली। जिसमें प्रेत बाधाओं से लेकर घर में सुख-समृद्धि लाने, संतान से लेकर दांपत्य जीवन को सुखद बनाने और मनोमकामनाओं की पूर्ति की कामना की जाती है। आईए जानते हैं कुछ ऐसे ही सरल उपाय जिन्हें अपनाकर आप भी अपनी बाधाओं से पार पा सकते हैं और अपने जीवन को रोग,शोक और क्लेश मुक्त बना सकते हैं।

पढ़ें-
Holi 2018: जानिए होलिका दहन का शुभ मुहूर्त और कब है होली


होलिका दहन देखना है लाभकारी
होली के एक दिन पहले होलिका दहन होता है,जिसे हमें देखना जरुर चाहिए।कहते हैं कि इसके दर्शन से ही राहु-केतु, शनि दोष शांत हो जाते हैं।उपाय के तौर पर होलिका दहन के समय गोमती चक्र को हाथ में लेकर 21 बार मन में अपनी कामनाओं को दोहराते हुए उसे होलिका में डाल कर प्रणाम करना चाहिए।ऐसा कहा जाता है कि इस प्रकार से संकल्प लेने और करने से जल्द ही आपकी मनोकामना पूर्ण होती है।

होली की भस्म बनाए बिगड़े काम
जब होलिका दहन हो जाए और उसकी अग्नि शांत और भस्म ठंडी हो जाये तो इस भस्म को हमें रख लेना चाहिये। दरअसल होली की भस्म का यदि आप टीका लगाते हैं तो मान्यता है कि इससे नजर दोष व प्रेत बाधा से पास नहीं फटकती है । वहीं यदि इस भस्म को चांदी की डिबिया में रखा जाये तो उससे भी बाधाओं के दूर होती हैं।

होली की रात्री में करें उपाय
जिस दिन होली की पर्व मनाया जाता है उसी दिन रात को कुछ उपाय आपके बना देंगे सभी बिगड़े काम। कार्यसिद्धि के लिये रात्रि के समय एक काले कपड़े में काली हल्दी व खोपरे में बूरा भरकर इसकी एक पोटली बना लें। साथ ही आठ गोमती चक्र भी अपने साथ लें। फिर इस पोटली को किसी पीपल के पेड़ के नीचे गड्ढ़ा खोदकर दबा दें और इस पर आटे से बना एक दीपक व धूपबत्ती जला देना चाहिए। साथ ही कोई मिष्ठान भी अर्पित कर दें तो और भी बेहतर । अब इस गोमती चक्रों को पीपल के पेड़ पर रखें और वहां से लौट आयें।इस पूरे टोटके के दौरान ध्यान रखें कि पीछे मुड़कर उन्हें नहीं देखना है।ततपश्चात् जब भी शुक्ल पक्ष का आरंभ हो तो शुक्ल पक्ष के प्रथम शनिवार को उसी पीपल के वृक्ष के पास जायें और गोमती चक्रों के साथ दीपक को अपने साथ ले आयें।

इसके बाद जब तक आपका कार्य सिद्ध नहीं होता तब तक या तो गोमती चक्र अपनी जेब में रखें या किसी रोगी व्यक्ति के सिरहाने रख दें ।ऐसे में आप देखेंगें कि जो भी कामना आपने सच्चे मन से की थी वो अवश्य पूरी होती नजर आएगी।(ये सभी उपाय ज्योतिष और टोटकों पर आधारित है)


Holi 2018: जानिए होलिका दहन का शुभ मुहूर्त और कब है होली




संदीप कुमार  मिश्र: कहते हैं त्योहारों का देश है भारत।हर त्यौहार का अपना अलग रुप और रंग  है। जिसे बड़े ही भाव के साथ हम भारतीय आनंद और उल्लास के साथ मनाते हैं। लेकिन हरे, पीले, लाल, गुलाबी जैसे सप्तरंगों का भी एक त्यौहार सिर्फ देश ही नहीं पूरी दुनिया में जहां कहीं भी हिंदू धर्म के मानने वाले रहते हैं उसे मनाते हैं...वो रंगो का त्योहार है होली।जो ना सिर्फ रंगों का त्योहार है बल्कि भारतीय संस्कृति के रंग में रंगकर सारी भिन्नताएं भी मिटा देता है और सब बस एक ही रंग में रंग जाते हैं और वो रंग बन जाता है एकता का,सद्भाव का,सामंजस्य का,प्रेम का...।
पढ़ें- 
Holi 2018: होली पर करें उपाय,दूर होगी बाधाएं,जाने कैसे ?  


दरअसल हमारे हिन्दू धर्म ग्रंथो में लिखा है कि इस दिन स्वयं को ही भगवान मान बैठे हिरण्यकश्यपु ने भगवान की भक्ति में लीन अपने ही पुत्र प्रह्लाद को अपनी बहन होलिका के जरिये जिंदा जला देना का प्रयास किया था, लेकिन भगवान ने भक्त पर अपनी कृपा की और प्रह्लाद के लिये बनाई चिता में स्वयं होलिका जो कि हिरण्यकश्यपु की बहन थी वही भस्म हो गई। इसलिये इस दिन होलिका दहन की परंपरा हमारे हिन्दू धर्म से सदियों से चली आ रही है ।वहीं होलिका दहन से अगले दिन रंगों से होली खेली जाता है। यहां पर ये जानना भी जरुरी है कि सूर्यास्त के बाद पूर्णिमा तिथि में ही होलिका दहन करना चाहिए।

होलिका दहन और पूजा का शुभ मुहूर्त
होली 2018
1 मार्च (होलिका दहन)
होलिका दहन मुहूर्त- 18:16 से 20:47
भद्रा पूंछ- 15:54 से 16:58
भद्रा मुख- 16:58 से 18:45
2 मार्च-(होली)
पूर्णिमा तिथि आरंभ- 08:57 (1 मार्च)
पूर्णिमा तिथि समाप्त- 06:21 (2 मार्च)


Wednesday 14 February 2018

जानिए 12 राशियों पर सूर्य ग्रहण का कैसा होगा असर



संदीप कुमार  मिश्र:  हमारे धर्म शास्त्र और ज्योतिष विज्ञान के अनुसार कहा जाता है कि यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में सूर्य शुभ स्थिति में होता है तो उसका भाग्य चमकता है और समाज में मान-सम्मान और उसे यश की प्राप्ति होती है। वहीं इसके विपरीत कुंडली में सूर्य खराब होने से परेशानीयों का सामना करना पड़ता है । साल के पहले सूर्य ग्रहण का 12 राशियों पर क्या पड़ेगा प्रभाव आइए जानते हैं-
मेष राशि- सूर्य का मकर राशि से कुंभ राशि में परिवर्तन मेष राशि वालों के लिए शुभ रहेगा। लंबे समय से कोई इच्छा अगर आपकी पूरी नहीं हो रह है तो इस परिवर्तन से सफल हो जाएगी। धन लाभ के कई मौके आएंगे। परिवार में सुख-समृद्धि बनी रहेगी।
वृष राशि - इस राशि वालों के लिए यह परिवर्तन आर्थिक लाभ मिलने की संभावना है। जीवन साथी का भरपूर साथ मिलेगा। नौकरी में आ रही परेशानियां समाप्त होगी। सेहत के मामले में यह महीना आपके के लिए अच्छा रहेगा।
मिथुन राशि -सूर्य के प्रभाव से मिथुन राशि वाले लंबी विदेश यात्रा पर जा सकते है और सामाजिक और धार्मिक कामों में भाग लेंगे। हालांकि इस गोचर से कुछ नकारात्मक प्रभाव भी देखने के मिल सकते है जैसे कि किसी कानूनी मसलों में फंस सकते है। धोखेबाज लोगों से बच कर रहें। धन हानि होने की संभावना है और परिवार में पिता के साथ विवाद होने की आशंका है।
कर्क राशि - कर्क राशि के जातकों के लिए मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। सूर्य के कुंभ राशि में परिवर्तन से आर्थिक नुकसान होने की प्रबल संभावना है। खर्चें से बढ़ने से आपकी शांति भंग हो सकती है। सम्मान को चोट पहुंच सकती है। इस दौरान किसी गैरकानूनी कामों से दूर रहें।
सिंह राशि - सिंह राशि वालों के लिए सूर्य का राशि परिवर्तन अशुभ साबित होने वाला है। बिजनेस करने वाले जातको के लिए हानि की संभावना है वहीं नौकरी करने वाले किसी विवाद में फंस सकते है इसलिए सावधानी बरतें। वैवाहिक जीवन में विवाद पैदा हो सकता है।
कन्या राशि - सू्र्य का प्रभाव कन्या राशि वालों पर अधिक रहेगा। अधिक परिश्रम के बाद आपको उत्तम फल की प्राप्ति होगी। बड़े लक्ष्य हासिल करेंगे। रुका हुआ काम पूरा होगा। किसी नए प्रोजेक्ट में सफलता मिल सकती है। हालांकि इस दौरान सेहत में लापरवाही न बरतें।
तुला राशि - तुला राशि वालों के लिए यह परिवर्तन शुभ रहेगा। सूर्य के प्रभाव से आर्थिक लाभ मिलने की संभावना नजर आ रही है। इनकम में वृद्धि होगी। नौकरी हो या बिजनेस तरक्की होने की प्रबल संभावना है। आपके द्वारा किए गए काम की बदौलत मान-सम्मान में वृद्धि होगी। जीवन साथी और मित्रों का सहयोग मिलेगा।
वृश्चिक राशि - इस राशि के जातकों के लिए यह परिवर्तन मिला-जुला रहेगा। काम की बदौलत नई पहचान मिलेगी। सामाजिक कार्यों में व्यस्त रहेंगे। सूर्य के इस गोचर से  वृश्चिक राशि वालों के लिए अच्छा साबित होने वाला है। 
धनु राशि - सूर्य के प्रभाव से धनु राशि वालों के लिए मान-सम्मान बढ़ेगा। कहीं से आपका रुका हुआ पैसा प्राप्त हो सकता है। इस दौरान की वाद -विवाद में पड़ सकते है।
मकर राशि - आर्थिक रुप से मकर राशि वाले लोग मजबूत होंगे। उम्मीद से ज्यादा किसी सौदे में लाभ मिलने की संभावना है। हो सकता है पैतृक संपत्ति से आपको लाभ मिले। अपनी नई योजना में सफल होंगे। व्यापार के मामले में सफलता मिलेगी।
कुंभ राशि - सूर्य का आपकी राशि में परिवर्तन होने से कई शुभ फल की प्राप्ति होगी। नौकरी में आई बाधा दूर होंगी। व्यापार के मामले में कोई नई रणनीति बना सकते है जिसका शुभ असर दिखेगा। सामाजिक जीवन में सक्रिय रहेंगे। तनाव से बच कर  रहें।
मीन राशि - इस राशि वालों के लिए सूर्य का कुंभ में गोचर मंगलकारी रहने वाला है। नौकरी पेशा लोगों के लिए कोई शुभ समाचार प्राप्त हो सकता है यह प्रमोशन के रुप में या नई नौकरी भी मिल सकती है। संतान की तरफ से प्यार मिलने की प्रबल संभावना है।
ऊं सूर्याय नम:




साल 2018 का पहला सूर्यग्रहण,जाने ग्रहण का समय



संदीप कुमार मिश्र: 15 फरवरी 2018 को इस साल का पहला सूर्य ग्रहण पड़ेगा।आपको बता दें कि जनवरी 2018 में आए चंद्र ग्रहण के बाद अमावस्या को सूर्य ग्रहण पड़ेगा।यहां आपको ये भी जानना आवश्यक है कि सूर्य ग्रहण के 12 घंटे पहले सूतक लग जाते हैं और इस दौरान हमारे हिन्दुदू धर्म में कुछ कामों को करने की मनाही बतायी गई है।साल का पहला सूर्य ग्रहण ऐसे आंशिक सूर्य ग्रहण होगा।
सूतक में वर्जित कार्य
दरअसल ग्रह दशा के अनुसार सूर्य ग्रहण के 12 घंटे पहले ही सूतक लग जाता है। इस दौरान कोई भी शुभ काम करने से बचना चाहिए।
जानिए ग्रहण का क्या है समय ?
इस बार सूर्य ग्रहण भारतीय समयानुसार ग्रहण 15 फरवरी की रात 12 बजकर 25 मिनट पर शुरू होगा और प्रात: 4 चार बजे इसका मोक्ष होगा। लेकिन बताया जा रहा है 15 फरवरी को सूर्य ग्रहण दिखाई नहीं देगा क्योंकि इसका असर आंशिक है।
ध्यान रखने योग्य विशेष बातें
सूर्य ग्रहण के दौरान कोई भी शुभ काम करने से हमें बचना चाहिए, क्योंकि इस दौरान सूतक  रहता है।साथ ही ग्रहण के बाद गरीबों में अन्न के साथ राशि का दान करना चाहिए । ग्रहण में गर्भवती महिलाओं बच्चों और बुजुर्गों को घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए। ऐसी धारणा है कि उस वक्त की कुछ किरणें खतरनाक असर डाल सकती हैं। ग्रहण के दौरान पूजा पाठ का विधान है। 13 फरवरी को सूर्य मकर राशि से कुंभ राशि में अपना स्थान बदल रहा है। इसके बाद सूर्य ग्रहण है।