संदीप कुमार मिश्र: लगभग 10 महीने
का योगी राज और तकरीबन 900 से ज़्यादा
एनकाउंटर।या तो बदमाश परलोक पहुंच चुके या
फिर सलाखों के पीछे या फिर प्रदेश छोड़कर भाग गए।
दरअसल देश के सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश में जब से सत्ता
पर योगी'राज' की ताजपोशी हुई तब से सबसे
ज्यादा चर्चा में जो सबसे गरम मुद्दा रहा है वो है गुंडों और बदमाशों का हो
रहा एनकाउंटर।यकिनन योगी राज में बदमाशों की शामत आ गई है। सिर्फ यूपी को तो
छोड़िए अपराधियों के खिलाफ यूपी पुलिस अब दूसरे राज्यों में जाकर भी एक्शन ले रही
है।
जिस प्रकार से देश का सबसे बड़ा सूबा उत्तर प्रदेश अपराध का
गढ़ बनता जा रहा था,उसका परिणाम था कि आम आदमी का जीना दूभर हो गया था।राह चलते कब
किसका अपहरण हो जाए,कब किस माता बहन की आबरु लूट ली जाए या फिर किस घर का चिराग
उसे छोड़कर चला जाए कोई नहीं जानता था...इतना ही नहीं आतंकवाद का गढ़ बनता जा रहा
था...जिससे गंगा जमनी तहजीब के इस प्रदेश को निजात मिलना जरुरी था।
यकीन मानिए दशकों से अपराधियों की शरणगाह बन गया था उत्तर
प्रदेश....राजनीतिक शरण लेकर लेकर अपराध व्यवसाय की तरह फलफूल रहा था।रात को घर से
बाहर निकलना मुश्किल होता था।खैर आज भी स्थिति बहुत बेहतर नहीं है लेकिन ये जरुर
कहा जा सकता है अपराध पर लगाम लगाने की दिशा में सरकार जरुर आगे बढ़ती नजर आ रही
है।
सवाल ये है कि किसी भी प्रदेश को आगे बढ़ने में वहां की प्रशासनिक
व्यवस्था का अहम स्थान होता है,क्योंकि सुरक्षा एक ऐसा बड़ा मुद्दा है जो आर्थिक
ढ़ांचे को मजबूत और कमजोर करता है।कल कारखाने और रोजगार तभी आगे बढ़ते हैं जब
व्यवस्थाएं अच्छी हों।नहीं तो हफ्ता वसूली और गुंडागर्दी के डर से व्यवसाय आगे
नहीं बढ़ पाता है।हम सह सकते हैं कि गुजरात की गिनती देश के बेहतरीन राज्यों में
की जाती है तो इसीलिए कि वहां की व्यवस्थाएं बेहतर है जिससे कल कारखाने और रोजगार
बढ़ रहे हैं।
इसलिए जरुरी है कि शासन और प्रशासन कर्तव्यपरायण हों जिससे
प्रदेश का विकास हो। अब तो योगी राज में ऐसा भी देखने को मिल रहा है कि ऑपरेशन
क्लीन, एनकाउंटर के डर
से माफी की तख्ती लेकर अपराधी घूम रहे हैं,और गुहार लगा रहे हैं कि हम अब अपराध
नहीं करेंगे, मेहनत मजदूरी कर
परिवार को पालेंगे, कृपया हमें माफ
कर दें अब हम गलत काम नहीं करेंगे..बस एनकाउंटर मत करना।दरअसल सलीम अली और इरशाद
अहमद को डर है कि कहीं यूपी पुलिस उनका एनकाउंटर न दे, इसलिए वे सार्वजनिक
तौर पर माफी मांग रहे हैं। ये दोनों अपराधी कई लूट और हत्या के मामलों में आरोपी
हैं।एक बात तो तय है कि उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ऑपरेशन
क्लीन का असर दिखने लगा है, क्योंकि प्रदेश में कल तक जो दूसरों की जान लेते थे
वही अब अपनी जान की भीख मांगते नजर आने लगे हैं।
आंकड़ों की बात करें तो बीजेपी सरकार के बाद प्रदेश के
माहौल में बदलाव नजर आने लगा है। योगी सरकार में दिसंबर 2017 तक 895 पुलिस एनकाउंटर हो चुके हैं। एक अनुमान के
मुताबिक यूपी में रोज 3 एनकाउंटर हो रहे
हैं। गोरखपुर जोन में सिर्फ 24 एनकाउंटर दिसंबर 2017 तक हुए हैं। मतलब
जनवरी 2018 तक 1 हजार एनकाउंटर के
करीब है यूपी पुलिस।
अंतत: जिस प्रकार से
उत्तर प्रदेश अपराधियों के लिए ऐशगाह बन गया था,बहुत जरुरी था की क्लिन यूपी
बने।जिससे प्रदेश में रहने वाले चैन से रह सकें।
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