संसद में हुई इस बहस पर यही कहना सही होगा कि यहां सवाल नारी के अपमान का नहीं था। क्योंकि जब आपने स्वयं के साथ संसद और प्रधानमंत्री की गरिमा और मर्यादा को आप भूल करके इस तरह का व्यवहार करते हो तो उसका परिणाम तो आपको यकिनन प्राप्त होगा ही।जब आप देश के प्रधानमंत्री को सम्मान नहीं दे पा रही हैं उनका अपमान कर रहे हैं।तो ऐसे में आप कैसे अपेक्षा कर सकते हैं कि आप को सम्मान मिलेगा।
बहरहाल चर्चा देश के विकास पर होनी चाहिए,किसानो की भलाई कैसे हो,बेरोजगारी कैसे दूर हो,शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार पर होना चाहिए।लेकिन अफसोस विपक्ष इन मुद्दों को छोड़कर अन्य सभी बातों पर चर्चा कर रहा है जिससे देश का कोई सरोकार नहीं है।
Friday, 9 February 2018
देखें वीडियो:PM MODI ON Renuka Chowdhury/रामायण के बाद सुनी ऐसी हंसी
संदीप कुमार मिश्र: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण के दौरान अन्य कांग्रेस सांसद जहां 'झूठा भाषण बंद करो', 'विपक्ष के सवालों का जवाब दो' के नारे लगा रहे थे। वहीं रेणुका चौधरी जोर-जोर से हंस रही थीं। सभापति एम. वेंकैया नायडू ने जब रेणुका को कार्रवाई की चेतावनी दी, तो मोदी ने कहा, 'सभापति जी, उनको कुछ मत कहिए, ऐसी हंसी 1980 के दशक में धारावाहिक 'रामायण' के बाद आज ही सुनने को मिला है.' इसके बाद सत्तापक्ष के सभी सांसद ठहाके लगाने लगे।
वीडियो पर क्लिक करें;-
दरअसल रेणुका चौधरी ने पीएम नरेंद्र मोदी के इस दावे पर ठहाके लगाए कि अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार के दौरान आधार पर विचार किया गया था, जिस पर मोदी ने उन पर (रेणुका) यह तंज कसा।जिस प्रकार का अट्टहास रेणुका चौधरी संसद में लगा रही थी वो ऐसी ही लग रही थी जैसे राक्षसी शूर्पणखा लक्ष्मण द्वारा नाक काटे जाने से पहले कर रही थी।
संसद में हुई इस बहस पर यही कहना सही होगा कि यहां सवाल नारी के अपमान का नहीं था। क्योंकि जब आपने स्वयं के साथ संसद और प्रधानमंत्री की गरिमा और मर्यादा को आप भूल करके इस तरह का व्यवहार करते हो तो उसका परिणाम तो आपको यकिनन प्राप्त होगा ही।जब आप देश के प्रधानमंत्री को सम्मान नहीं दे पा रही हैं उनका अपमान कर रहे हैं।तो ऐसे में आप कैसे अपेक्षा कर सकते हैं कि आप को सम्मान मिलेगा।
बहरहाल चर्चा देश के विकास पर होनी चाहिए,किसानो की भलाई कैसे हो,बेरोजगारी कैसे दूर हो,शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार पर होना चाहिए।लेकिन अफसोस विपक्ष इन मुद्दों को छोड़कर अन्य सभी बातों पर चर्चा कर रहा है जिससे देश का कोई सरोकार नहीं है।
संसद में हुई इस बहस पर यही कहना सही होगा कि यहां सवाल नारी के अपमान का नहीं था। क्योंकि जब आपने स्वयं के साथ संसद और प्रधानमंत्री की गरिमा और मर्यादा को आप भूल करके इस तरह का व्यवहार करते हो तो उसका परिणाम तो आपको यकिनन प्राप्त होगा ही।जब आप देश के प्रधानमंत्री को सम्मान नहीं दे पा रही हैं उनका अपमान कर रहे हैं।तो ऐसे में आप कैसे अपेक्षा कर सकते हैं कि आप को सम्मान मिलेगा।
बहरहाल चर्चा देश के विकास पर होनी चाहिए,किसानो की भलाई कैसे हो,बेरोजगारी कैसे दूर हो,शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार पर होना चाहिए।लेकिन अफसोस विपक्ष इन मुद्दों को छोड़कर अन्य सभी बातों पर चर्चा कर रहा है जिससे देश का कोई सरोकार नहीं है।
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