संदीप कुमार मिश्र : रिश्तों की कड़वाहट को कम करने की कोशिश कामयाब होती नजर आ
रही है।जी हां दोस्तों दरअसल भारत और पाकिस्तान के रिश्तों में जो बर्फ जमी थी वो
अब पिघलने लगी है। एक बार फिर दोनों देशों के बीच संबंध सुधारने के लिए समग्र
द्विपक्षीय वार्ता पर सहमति बनी है। इस्लामाबाद में बुधवार को विदेश मंत्री सुषमा
स्वराज और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के विदेश मामलों के सलाहकार सरताज अजीज के
बीच हुई बैठक में इस बात पर सहमति जताई गई।
इस्लामाबाद में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने बुधवार को कहा कि समग्र वार्ता
के मुद्दे के अलावा और भी कई विषयों पर चर्चा हुई।आपको बता दें कि भारत जहां जम्मू
एवं कश्मीर पर वार्ता के लिए तैयार है तो वहीं पाकिस्तान ने मुंबई हमले के दोषियों
को जल्द से जल्द सजा दिलाने की बात इस वार्ता में कही है।
सुषमा स्वराज ने कहा कि दोनों देशों के विदेश मंत्री वार्ता प्रक्रिया की
रूपरेखा तय करने के लिए जल्द ही मिलेंगे। इससे पहले सुषमा ने पाकिस्तान के
प्रधानमंत्री नवाज शरीफ से मुलाकात की। सुषमा ने कहा कि भारत पड़ोसी देशों के साथ
बेहतर संबंध चाहता है। कयास ये भी लगाए जा रहे हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
दक्षिण एशिया क्षेत्रीय सहयोग संगठन शिखर सम्मेलन जो पाकिस्तान में होना है उसमें
अगले साल हिस्सा लेंगे।
आपको बता दें कि जनवरी 2004 में अटल बिहारी वाजपेयी की यात्रा के बाद यह किसी भारतीय
प्रधानमंत्री की पाकिस्तान की पहली यात्रा होगी। वाजपेयी भी दक्षेस सम्मेलन में
हिस्सा लेने के लिए पाकिस्तान गए थे। मोदी सरकार में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज
दरअसल 'हार्ट
ऑफ एशिया' सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए इस्लामाबाद पहुंचीं थीं। सुषमा स्वराज की पाकिस्तान
यात्रा 2012 के बाद भारत के किसी मंत्री की पहली पाकिस्तान यात्रा है। 2012 में तत्कालीन विदेश
मंत्री एस. एम. कृष्णा पाकिस्तान की यात्रा पर गए थे।
दरअसल इसी साल जुलाई में उफा (रूस) में शंघाई सहयोग संगठन की बैठक के मौके पर
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने मोदी को दक्षेस सम्मेलन में आने का न्योता
दिया था। जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया था। उफा की मुलाकात के बाद दोनों देशों के
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की बैठक तय हुई। लेकिन, दिल्ली में होने वाली एनएसए स्तर
की वार्ता रद्द हो गई थी। पाकिस्तानी उच्चायुक्त ने कहा था कि उनके एनएसए हुर्रियत
नेताओं से मुलाकात करेंगे। भारत ने कहा था कि यह संभव नहीं है।
सुषमा स्वराज की पाकिस्तान यात्रा बीते 10 दिनों में भारत और पाकिस्तान के
बीच राजनयिक स्तर पर हुए कई संपर्को का नतीजा मानी जा रही है। नरेंद्र मोदी और
नवाज शरीफ की पेरिस में 30 नवंबर को संक्षिप्त लेकिन गर्मजोशी से भरी मुलाकात हुई थी।
इसके बाद 6 दिसंबर को बैंकॉक में भारत और पाकिस्तान के एनएसए ने मुलाकात की और 'रचनात्मक संवाद को आगे
भी जारी रखने पर सहमति' जताई।
अंतत:
इस्लामाबाद
में हुई वार्ता में शांति और सुरक्षा, आतंकवाद, जम्मू एवं कश्मीर और नियंत्रण रेखा पर शांति जैसे कई
अन्य मुद्दे भी उठे।जिसके बाद ये तय किया गया कि रचनात्मक संवाद को जारी रखा
जाएगा। लेकिन मूल प्रश्न वही है कि क्या पड़ोसी मुल्क पर भरोसा किया जा सकता
है,क्योंकि अब तक जितनी भी वार्ता पाक से हुए वो नापाक ही रही।
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