क्योंकि बिहार जब चुनाव उत्सव का आनंद
उठा रहा तब, तब विपक्ष ने ये मुद्दा बड़े जोरशोर से
उठाया था कि नीतीश-लालू की जीत से जंगलराज की वापसी होगी।लेकिन बिहार की जनता ने
बीजेपी के मुद्दे को उस वक्त नकार दिया था और बिहार के सत्ता की चाभी नीतीश-लालू
को थमा दी, जिसमें लालू की कामयाबी नीतीश से बेहतर रही।
लेकिन अब एक बार फिर से सवाल उठने लगे
हैं कि क्या बिहार में जंगलराज की वापसी हो रही है, या ऐसा कहना अभी थोड़ी
जल्दबाजी होगी?
दरअसल जिस प्रकार से बीते दिनों बिहार में दो
इंजीनियरों की हत्या का मामला अभी सुलझा भी नहीं था कि एक और इंजीनियर की हत्या कर
दी गई।ऐसे में क्या माना जाए कि राज्य में अपराधियों के दिलों में कानून-व्यवस्था
का खौफ खत्म होता जा रहा है।क्या ला एण्ड आर्डर का कोई महत्व नहीं रह गया है बिहार
में..?
सवाल इसलिए भी उठना लाजमी है कि एक तरफ तो
नीतीश की अगुवाई में बिहार की तस्वीर और तकदीर बदलने की बात की जाती है, कारोबार लगाने और विकास के वादे किए जाते हैं, तो वहीं दूसरी तरफ सड़कें बनवा रहे इंजीनियर मारे जाते हैं।ऐसे में नीतीश कुमार की सुशासन सरकार बिहार
में कितने निवेशकों को खींचने में कामयाब रहेगी, इसका अंदाजा आप लगा सकते हैं।और खासकर तब, जब सरकार बनने से पहले ही जंगलराज
वापसी की आशंका जतायी जाती रही हो।
क्या कहना गलत होगा कि बिहार में 12 साल
बाद फिर से रंगदारी,धनउगाही का पुराना रोग लौट आया है? सवाल इसलिए भी उठता है कि दरंभगा जिले में दो इंजीनियरों की हत्या रंगदारी ना
देने पर ही दिनदहाड़े की गई।
एक नजर उन चंद दो महिनो पर डालते हैं जब
नीतीश कुमार ने 2015 में बिहार की सत्ता संभाली,और बढ़ गया अपराध-
27 दिसंबर को सीतामढ़ी में डॉक्टर पी पी
लोहिया के घर पर गोलाबारी हुई ।डॉक्टर से 5 लाख की रंगदारी मांग गई थी।जिसके बाद
पूरा परिवार दहशत में है। 26 दिसंबर को दरभंगा में दो इंजीनियरों की हत्या कर दी गई,कारण रहा 5 लाख की रंगदारी मांगना। वहीं वैशाली में दो समुदायों में लड़ाई हुई, इस दौरान बदमाशों ने एक पुलिस इंस्पेक्टर अजीत कुमार की पीट-पीटकर हत्या कर दी।अपराध
के ग्राफ में एक कदम आगे बढ़ते हुए अपराधीयों ने दरभंगा में एएसपी विजय कुमार
पासवान की चाकू मारकर हत्या कर दी।साथ ही बिहार को शर्मसार करते हुए राजधानी पटना
में 12 साल की दलित लड़की से डीएम ऑफिस के कैंपस में ही रेप किया गया। वहीं पटना
में ही महिला पुलिस के साथ छेड़खानी की गई।
अंतत: सवाल उठता है कि क्या बीजेपी के आरोपों में सच्चाई थी,या फिर नीतीश कुमार
महागठबंधन करके कहीं खुद को कमजोर महसूस कर रहे हैं। या जंगलराज भाग 2 कहना अभी जल्दबाजी है...?
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