Monday, 14 December 2015

सियासत की झुग्गी... नेताओं का पर्यटन स्थल भी...वोट बैंक भी...!


संदीप कुमार मिश्र : मुझे ये कहने में जरा भी संकोच नहीं हो रहा कि इस देश में सियासत झुग्गी,झोंपड़ी, धर्म ,मजहब ,सम्प्रदाय,को लेकर शुरु होती है और इसी पर खतम।सफेदपोश नेताओं के लिए इस देश में मुद्दे ही नहीं बचे हैं,विकास से उन्हें कोई मतलब नहीं,भ्रस्टाचार से नेता जी लोगों का कई जन्मों का नाता है,महंगाई इन्हें छू नहीं सकती।फिर ये परेशान क्यों हों।अब जरा नेताओं और पार्टीयों की जमात के जुमले भी जान लिजिए-कोई कहता है कि सिर्फ मैं ही इमानदार जी,बाकी सब बेईमान जी,हम बोलें तो सच जी और बोलें तो झूठ जी।इनसे भी आगे बढ़कर देश के युवराज कहे जाने सिर्फ गरीबों किसानो की बात करते हैं।चाहे भले ही उन्हें इसका मतलब ना मालूम हो।अब भला सोचिए जरा कि पिछले 50-60 साल से क्या कर रहे थे साब।इतनी मेहनत किए की देश के हर हिस्से में झुग्गियों का साम्राज्य बना दिया और बात करते हैं गरीबों किसान की।

दरअसल दोस्तों लोकतंत्र में विरोध जायज है लेकिन सियासी उल्लू सीधा करने के लिए नहीं देशहीत में बेहतर करने के लिए।विरोध करने के लिए ही विरोध करना है तो ठीक है लेकिन कुछ अच्छा करने के लिए विरोध करें तब तो देश का भला हो साब। दरअसल रेलवे ने राजधानी दिल्ली के शकूरबस्ती इलाके में नये टर्मिनल के लिए 500 झुग्गियां उजाड़ दी हैं।दरअसल ये वो झुग्गीयां थी जो रेलवे की जमीन पर अबैध रुप से बनी हुई थी।इन झुग्गीयों में रहने वाले लोग कई नोटीस के बाद भी हटने को राजी नहीं थे।जिसके बाद रेलवे ने हटाने की कार्यवाही शुरु की और फिर सियासत तेज हो गई।सियासत इसलिए भी की तोड़फोड़ में पश्चिम दिल्ली के शकूर बस्ती कॉलोनी में एक झुग्गी बस्ती में छह महीने की एक बच्ची की मौत हो गयी ।जिसके बाद अरविंद केजरीवाल सरकार और केंद्र के बीच एक नया टकराव शुरु हो गया ।

अब बात झुग्गियों की हो तो सियासी पारा चढ़ेगा ही। इस पूरे मामले पर जहां एक तरफ दिल्ली की आप सरकार और केंद्र के मोदी सरकार के बीच रेलवे की ओर से झुग्गियां तोड़ने तथा मौके पर एक बच्चे की मौत को लेकर नया टकराव शुरु हो गया।वहीं, इन सबके बीच कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी जब शकूर बस्ती पहुंचते हैं तो सियासत जमकर होने लगती है।राहुल गांधी ने रेलवे द्वारा झुग्गी बस्ती को तोड़े जाने को लेकर केंद्र और केजरीवाल सरकार पर निशाना साधा। इतना ही नहीं भाईयों हमारे देश में सियासत हो तो कुछ भी बोलने की आजादी है सो दिल्‍ली के मुख्‍यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने राहुल गांधी पर पलटवार करते हुए कह दिया कि राहुल अभी बच्‍चे हैं।

दूसरी तरफ संसद में सदन की कार्यवाही शुरू होने के बाद ही आम आदमी पार्टी और तृणमूल कांग्रेस ने दोनो सदनों में हंगामा शुरु कर दिया।इतना ही नहीं आप और टीएमसी के सांसदों ने संसद भवन परिसर में धरना देकर विरोध प्रदर्शन भी किया।

जबकि इस पूरे मामले पर संसद में रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने बयान दिया कि अवैध कब्जा हटाने के दौरान बच्ची की मौत नहीं हुई है और दिल्ली पुलिस की मौजूदगी में बस्ती से अवैध कब्जे को हटाने का काम किया गया। यह काम रेलवे के डेवलपमेंट के लिए किया गया है। अवैध कब्जा जमाने वालों को कई बार इस संबंध में नोटिस जारी किया जा चुका था. इसके बाद 10 दिसंबर को दिल्ली पुलिस ने एडवाइस जारी कर सिक्युरिटी देने की बात कही तभी बस्ती को हटाने का कार्य किया गया।रेल मंत्री ने सहां तक कहा कि यदि दिल्ली के मुख्‍यमंत्री अरविंद केजरीवाल को लगता है कि हमने गलत किया तो वे आकर बहस कर सकते हैं।

अंतत : मुद्दा ये नहीं कि झुग्गियां टूट गई,मुद्दा ये नहीं नहीं की कोई गरीब बेघर हो गया। दरअसल मुद्दा ये है कि हमारे पर्यटक नेताओं का पसंदीदा स्थान है झुग्गियां,क्योंकि झुग्गियों में बसते हैं वोट।जहां जाकर सहानुभूति बटोरना जरुरी है नहीं तो वोट कहां से मिलेगा।खैर, अफसोस होता है कि जहां सियासत इतनी तिकड़मबाजियों पर टिकी हो वहां विकास के मुद्दे को कैसे आगे बढ़ाया जा सकता है।



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