संदीप कुमार मिश्र : मोदी सरकार के सत्ता पर काबिज होने के बाद प्रधानमंत्री ने
एक के बाद एक लगातार विदेशी दौरे किए।जिस प्रकार से बेहद सजग और सक्रिय होकर पीएम
मोदी ने विदेशी सरजमी भारत का परचम लहराया वो शायद अब तक के किसी प्रधानमंत्री के
शासन काल में देखने को नही मिला।ये जानना बड़ा ही दिलचस्प होगा कि साल 2015 में
विदेशी सरजमी पर पीएम मोदी ने कहां-कहां दौरा किया।
10 और 11 मार्च, 2015 सेशेल्स यात्रा
दोस्तों 34 साल में सेशेल्स की यात्रा करने वाले भारत के पहले प्रधानमंत्री हैं नरेंद्र
मोदी।सेशेल्स की यात्रा में पीएम ने हिन्द महासागर स्थित इस द्वीपीय देश को भारत
की ओर से दूसरा ड्रोनियर विमान देने की घोषणा की।सात ही तटीय निगरानी राडार
परियोजना को भी प्रारंभ किया। मोदी और माइकल ने इस दौरान जल क्षेत्र मापन, अक्षय ऊर्जा, ढांचागत सुविधाओं के
विकास और नौवहन चार्ट सौदा तथा इलेक्ट्रानिक नौसंचालन संबंधी चार्ट से जुड़े चार
अहम समझौते पर हस्ताक्षर किये। मोदी ने इस अवसर पर सेशेल्स के नागरिकों को तीन
महीने के लिये निशुल्क वीजा देने की भी घोषणा की है।आपको बता दें कि सेशेल्स की
आबादी 90
हजार है, और जिनमें से 10 प्रतिशत भारतीय मूल के लोग हैं।ये छोटी सी यात्रा कई मायने
में खास रही।
11 और 12 मार्च, 2015 मॉरिशस यात्रा
विदेशी यात्राओं के क्रम में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का अगला पड़ाव मॉरीशस
था।जहां पीएम मोदी ने बेहद महत्वपूर्ण अवसंरचना परियोजनाओं के लिए मॉरीशस को 50 करोड़ डॉलर का रियायती
ऋण देने की पेशकश की।वहीं दोनों देशों के बीच समुद्री अर्थव्यवस्था सहित पांच
समझौतों पर हस्ताक्षर किए।साथ ही मॉरीशस ने कर मामले में भारत के
साथ सूचनाएं साझा करने की पेशकश भी की।आपको बता दें कि मॉरीशस में बहुसंख्यक रुप
में भारतीय रहते हैं।
13 और 14 मार्च, 2015 श्रीलंका यात्रा
पीएम मोदी की यात्राओं का अगला पड़ाव श्रीलंका था।जहां मुद्रा विनिमय समझौता,
व्यापार संतुलन के
लिए कस्टम समझौता,300 मिलियन डॉलर से अधिक
क्रेडिट लाइन और बनारस विश्वविद्यालय के साथ शैक्षिक आदान-प्रदान संबंधी समझौता
किया गया। भारत ने श्रीलंका को 1.6 अरब डॉलर की मदद देने का भरोसा भी दिया और रेल क्षेत्र को 3.18
लाख डॉलर दिए जाने की प्रतिबद्धता दर्शाई । भारत और श्रीलंका के बीच आर्थिक,
वीजा और कस्टम पर
भी समझौता हुआ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि, 'श्रीलंका को हम दोस्त और पड़ोसी
होने की जिम्मेदारी के रूप में देखते हैं,और हर प्रकार का सहयोग बने रहने की उम्मीद
करते है।'
मार्च 2015 का अंतिम पड़ाव सिंगापुर
यात्रा
2015 मार्च के अंतिम दिनो में पीएम मोदी ने सिंगापुर की पहली यात्रा में ली
कुआन यू के अंतिम संस्कार में भाग लिया।आपको बता दें कि ली कुआन यू सिंगापुर के
प्रथम प्रधानमंत्री थे। बाद में वे भारत-सिंगापुर राजनयिक संबंध के स्वर्ण जयंती
समारोह का हिस्सा बने।इस यात्रा से भी पीम मोदी ने सबका ध्यान अपनी और खिंचा।
9 से 11 अप्रैल, 2015 फ्रांस यात्रा
फ्रांस यात्रा के दौरान दोनों देशों ने रेलवे, स्पेस रिसर्च, परमाणु ऊर्जा, विज्ञान, तकनीकी और मरीन
टेक्नोलॉजी के क्षेत्रों सहित 20 अन्य समझौतों और सहमति-पत्रों पर हस्ताक्षर किए। देश
के विकास के लिहाज से फ्रांस यात्रा बेहद अहम रही क्योंकि इस यात्रा से मेक इन
इंडिया को बल मिला।
12 से 14 अप्रैल, 2015 जर्मनी यात्रा
पीएम मोदी ने जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल और व्यापार जगत के तमाम नेताओं और विदेशों में बसे भारतीयों से
मुलाकात की। भारत में निवेश करने के क्रम में जर्मन उद्योग के शीर्ष मुख्य
कार्यकारी अधिकारी के साथ गोलमेज सम्मेलन में भा पीएम मोदी ने अपनी इस यात्रा में शिरकत
की।एंजेला मर्केल के साथ हनोवर मेसे औद्योगिक मेले का उद्घाटन भी पीएम ने किया। आपको
बता दें कि हैनोवर व्यापार मेला दुनिया का सबसे बड़ा औद्योगिक मेला कहा जाता है।
साथ ही मोदी ने बर्लिन में नेताजी सुभाष चंद्र बोस के पौत्र सूर्य कुमार बोस से भी
मुलाकात की। पीएम मोदी की जर्मनी यात्र भी भारत के लिहाज से बेहद खास रही।
14 से 17 अप्रैल, 2015 कनाडा यात्रा
कनाडा यात्रा यूरेनियम की खरीद के साथ कुल 13 समझौते किए गए। जिनमें रेलवे,
सुरक्षा, नागरिक विमानन, शिक्षा एवं कौशल का
विकास, संयुक्त
राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्यता आदि को लेकर कई महत्वपूर्ण समझौते शामील
थे। अपने कनाडा यात्रा के पहले दिन ही पीएम मोदी ने एक महत्वपूर्ण करार किया। इस
करार के तहत कनाडा भारत को अगले पांच साल में तीन हजार टन यूरेनियम की आपूर्ति
करेगा। इसका इस्तेमाल भारत में परमाणु ऊर्जा बनाने में किया जाएगा, जिससे देश में बिजली की
किल्लत खत्म होगी।आपको बता दें कि कनाडा की कंपनी आने वाले पांच सालों तक 1793 करोड़ रुपये मूल्य का
यूरेनियम भारत को मुहैया कराएगी।
14 से 16 मई, 2015 चीन यात्रा
अब तक के अपने सबसे महत्वपुर्ण दौरे का पीएम मोदी का अगला पड़ाव था चीन ।जहां
दोनो देशों के बीच 63 हजार करोड़ रुपए निवेश के 24 करार पर हस्ताक्षर हुए।जिसमें मुख्य रुप से माइनिंग एंड
मिनरल सेक्टर में सहयोग, एजुकेशन एक्सचेंज प्रोग्राम, चीन के सहयोग से अहमदाबाद में
महात्मा गांधी स्किल डेवलपमेंट इंस्टिट्यूट का निर्माण, भारत के सहयोग से चीन में योग
कॉलेज खोलने पर सहमति बनी। इसके साथ ही तमाम अन्य क्षेत्रों में सहमती बनी और करार
हुए।
17 से 18 मई, 2015 मंगोलिया यात्रा
मंगोलिया को बुनियादी ढांचा विकास के लिए मोदी ने अपनी इस यात्रा में एक अरब
डॉलर का ऋण मुहैया करने की घोषणा की। वहीं दोनों देशों ने अपने संबंधों को रणनीतिक
साझेदारी तक पहुंचाया और असैन्य परमाणु सेक्टर जैसे क्षेत्रों में संभावनाएं
तलाशने के लिए रक्षा सहयोग मजबूत करने पर राजी हुए।मंगोलिया में ट्रेन चलाने,
साइबर सिक्युरिटी
सेंटर बनाने में भी भारत ने मदद की भी पेशकश की।
18 से 19 मई, 2015 दक्षिण कोरिया यात्रा
दक्षिण कोरिया ने भारत को स्मार्ट सिटी के बुनियादी ढांचे के विकास के साथ ही रेलवे, ऊर्जा उत्पादन और अन्य विविध
क्षेत्रों के लिए 10 अरब डॉलर मुहैया करने का फैसला किया। दोनों देश अपने द्विपक्षीय संबंध को एक
विशेष रणनीतिक साझेदारी तक पहुंचाने के लिए सहमत हुए।पीएम मोदी और राष्ट्रपति
पार्क गीयून हाई ने रक्षा, व्यापार और निवेश तथा क्षेत्रीय सहयोग को बढ़ाने पर चर्चा
की ।
6 से 7 जून, 2015 बांग्लादेश यात्रा
बेहद करीबी पड़ोसी
देश बांग्लादेश जहां 6 जून की सुबह
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपनी दो दिवसीय यात्रा के लिए ढाका पहुंचे।जहां
बांग्लादेश की पीएम शेख हसीना ने प्रोटोकॉल से अलग हटते हुए हज़रत शाहजलाल
अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डे पर स्वयं पहुंचकर प्रधानमंत्री मोदी का स्वागत किया।इस
यात्रा में दोनो देशों के बीच कई समझौते हुए।
6 से 13 जुलाई, 2015 रूस समेत कई मध्य एशियाई देशों की यात्रा
विदेशी सरजमीं पर आगे बढ़ते हुए पीएम मोदी रूस के साथ ही पांच अन्य मध्य
एशियाई देशों की यात्रा की।पीएम नरेंद्र मोदी ने ब्रिक्स और शंघाई सहयोग संगठन (sco) के सम्मेलनों में
हिस्सा लिया और अपने पाकिस्तानी समकक्ष नवाज शरीफ तथा अन्य नेताओं से बातचीत की।आपको
बता दें कि 8 दिवसीय दौरे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उजबेकिस्तान, कजाखस्तान, रूस, तुर्कमेनिस्तान, किर्गिजस्तान और
ताजकिस्तान गए।ये यात्रा अब तक की पीएम की सबसे लंबी यात्रा रही।
16 से 17 अगस्त, 2015 संयुक्त अरब अमीरात
प्रधानमंत्री मोदी ने संयुक्त अरब अमीरात का दो दिवसीय दौरा किया।इस यात्रा के
पहले दिन पीएम मोदी शेख जायद मस्जिद गए। आपको बता दें कि यह दुनिया की तीसरी सबसे
बड़ी मस्जिद है।ऐसा कहा जाता है कि मोदी ने जीवन में संभवत: पहली बार किसी मस्जिद
में कदम रखा।इस यात्रा के दौरान ही अरब में मंदिर बनाने की भी पेशकश की गई।
सितंबर 2015, डब्लिन, आयरलैंड के साथ अमेरिका यात्रा
अपने सितंबर की यात्रा में पीएम मोदी संयुक्त राष्ट्र के दौरे पर गए जहां मोदी
ने जी-4
शिखर सम्मेलन में हिस्सा लिया। दरअसल यह ब्राजील, जापान, जर्मनी और भारत का संगठन है, जो
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्यता के दावेदार हैं। इस दौरान पीएम
मोदी ने डब्लिन और आयरलैंड का भी दौरा किया।
नवंबर 2015 ब्रिटेन यात्रा
ब्रिटेन के दौरे पर प्रधानमंत्री मोदी ने महारानी एलिजाबेथ और शाही परिवार के
साथ भोजन किया।वहीं अपने समकक्ष
प्रधानमंत्री डेविड कैमरन के साथ बातचीत की और बेंबली स्टेडियम में भारतीय मूल के
हजारों लोगों को संबोधित किया।जो किसी भी भारतीय के लिए ऐतिहासिक क्षण था।
नवंबर 2015 तुर्की यात्रा
पीएम मोदी ने तुर्की के अंताल्या में जी-20 देशों के शिखर सम्मेलन में
हिस्सा लिया। इस सम्मेलन को मुख्यतः पर्यावरण सम्मेलन होना था लेकिन पेरिस पर
आतंकी हमले के बाद मुख्य ध्यान आतंकवाद और आईएस से लड़ने पर रहा।क्योंकि पेरिस में
आतंकी संगठन ISIS
ने हमला कर दिया था।जिसमें कई लोगों की जान गई थी।
नवंबर 2015 मलेशिया, सिंगापुर यात्रा
अपने यात्रा के सिलसिले और देस को मजबुती की राह पर आगे बढ़ाते हुए पीएम का
अगला पड़ाव था दक्षिण पूर्व एशिया।जहां अपनी चार दिन की यात्रा के दौरान पीएम मोदी
ने मलेशिया और सिंगापुर की यात्रा की। दोनों देशों की यात्रा के दौरान व्यापारिक
संबंधों को मजबूत बनाने और भारत में निवेश आकर्षित करने के लिए कई समझौतों पर हस्ताक्षर
किए गये।
29 से 30 नवंबर 2015 फ्रांस यात्रा
साल 2015 अपने अंतिम पड़ाव की ओर आगे बढ़ रहा था लेकिन पीएम मोदी के बढ़ते कदम
थमने का नाम नहीं ले रहे थो सो उनकी विदेश यात्रा का अगला पड़ाव एक बार फिर फ्रांस
था। अपने दो दिनो की यात्रा में फ्रांस की राजधानी पेरिस में अहम जलवायु परिवर्तन
सम्मेलन में पीएम ने भाग लिया और भारत द्वारा पेश किए गए अंतरराष्ट्रीय सौर गठजोड़
की शुरूआत की। सम्मेलन में भारत ने जलवायु परिवर्तन को कम करने की अपनी मजबूत
प्रतिबद्धता साझा की।’ मोदी ने इस यात्रा के दौरान जलवायु सम्मेलन से इतर अमेरिका
के राष्ट्रपति बराक ओबामा से मुलाकात की और जापान के प्रधानमंत्री शिंजो एबे के
साथ द्विपक्षीय बैठक की।पीएम की ये यात्रा बेहद खास और कामयाब रही।
दिसंबर 2015 रुस, अफगानिस्तान और पाकिस्तान यात्रा
साल 2015 का अंतिम महिना दिसंबर,जब देश
में ठंड़ ने शानदार दस्तक दे दी थी,और संसद का शीतकालिन सत्र समाप्त हो चुका
था।लेकिन विश्व में भारत की पहचान और शांति संदेश को आगे बढ़ाने के लिए पीएम
नरेंद्र मोदी रुस की दो दिवसिय यात्रा पर निकल पड़े,जहां व्लादीमिर पुतिन के साथ
कई अहम मुद्दों पर बात हुई और समझौते हुए।रुस के बाद पीएम मोदी का अगला एक दिवसिय
पड़ाव था अफगानिस्तान।जहां प्रधानमंत्री ने अफगान संसद के नए भवन का उद्दाटन किया
और संसद को संबोधित किया।इसके बाद विश्व के सभी देशों को चैंकाते हुए पीएम मोदी
अचानक पाकिस्तान पहुंच जाते हैं,जहां नवाज शरीफ उनका स्वागत करते हैं,पीएम मोदी भी
भी अपने समकक्ष नवाज शरीफ के नातीन की निकाह पर आशिर्वाद देकर भारत लौट आते हैं। पाकिस्तान
की यात्रा से मोदी ने अपने सानदार और जानदार राजनीतिक,कुटनीति का परिचय दिया।जिसकी
श्वभर में प्रशंसा हुई।
अंतत: इन यात्राओं से आप समझ सकते हैं कि किस प्रकार से देश के विकास की राह आसान
करने के लिए प्रधानमंत्री दौरे पर दौरा कर रहे हैं।उम्मीद की जानी चाहिए कि आने
वाले समय में भारत की साख विश्व पटल पर नई उर्जा,महाशक्ति और शांति दूत के रुप में
होकर उभरेगी।