Wednesday, 6 January 2016

हाइड्रोजन बम से हड़कंप: मानवता पर सबसे बड़ा खतरा...!



संदीप कुमार मिश्र : एक तरफ जहां विश्वभर में आतंकवाद मानवता का सबसे बड़ा दूश्मन बना बैठा है तो वहीं दूसरी तरफ उत्तर कोरिया ने एक शक्तिशाली और खतरनाक हाईड्रोजन बम का सफल परिक्षण किया है,जो मानवता के सबसे बड़ा खतरा है।जिसकी पुष्टी उत्तर कोरिया के सरकारी टीवी चैनल ने की है कि परिक्षण सुबह 10 बजे किया।इस परिक्षण पर कुछ देश संशय भी कर रहे हैं कि इस प्रकार का कोई परिक्षण नहीं हुआ है।लेकिन वहीं इस परिक्षण की दुनियाभर में आलोचना हो रही है।

दरअसल उत्तरी कोरिया के नेता किम जोंग-उन ने पिछले महीने ही संकेत दिए थे कि उनके परमाणु-संपन्न देश ने हाइड्रोजन बम भी विकसित कर लिया है। आपको बता दें कि उत्तर कोरिया इससे पहले एटम बम के भी तीन परीक्षण कर चुका है।

ये जानना आपके लिए भी बेहद जरुरी है कि क्या  एटम बम की तुलना में हाइड्रोजन बम क्यों है ज़्यादा खतरनाक-

दोस्तों हाइड्रोजन बम कहीं ज़्यादा शक्तिशाली आणविक हथियार है एटम बम की तुलना में...एटम बम की तुलना में हाइड्रोजन बम से निकलने वाली ऊर्जा बेहद ज़्यादा होती है...एक भरे पूरे शहर को नेस्तनाबूत कर देने की शक्ति होती है हाइड्रोजन बम में...हाइड्रोजन बम अपनी ऊर्जा अणुओं के विलय यानि एटॉमिक फ्यूज़न से हासिल करता है, जबकि एटम बम अपनी ऊर्जा अणुओं के विखंडन यानि एटॉमिक फिशन से हासिल करता है...।

वहीं आणविक विलयन तथा आणविक विखंडन दो अलग-अलग तरह की प्रतिक्रियाएं हैं, जिनसे ऊर्जा निकलती है...विखंडन की प्रक्रिया में प्रत्येक अणु दो या उससे ज़्यादा छोटे और हल्के अणुओं में बंट जाता है...इसके ठीक उलट, विलयन के दौरान दो या उससे ज़्यादा छोटे और हल्के अणु मिलकर बड़ा और अधिक भारी अणु बन जाते हैं...हाइड्रोजन बम में हाइड्रोजन के अणुओं का विलयन इस्तेमाल होता है, इसीलिए इसे हाइड्रोजन बम कहा जाता है...।

आपको जानकर हैरानी होगी कि किसी फ्यूज़न बम को बनाना कहीं अधिक जटिल होता है, क्योंकि इसके लिए कहीं ज़्यादा तापमान- करोड़ों डिग्री सेंटीग्रेड- की आवश्यकता पड़ती है...इस तापमान को पाने के लिए पहले आणविक विखंडन की प्रक्रिया करवाई जाती है, ताकि ज़्यादा ऊर्जा उत्पन्न हो, और फिर उस ऊर्जा के जरिये विलयन शुरू करवाया जाता है...किसी भी फ्यूज़न बम के लिए पहले एक विखंडन उपकरण को चलाया जाना अनिवार्य होता है...हाइड्रोजन बम को छोटे आकार में बनाया जाना सरल होता है, ताकि उसे मिसाइल में आसानी से फिट किया जा सके...।

साथियों आपको याद होगा कि जापान के हिरोशिमा और नागासाकी पर दूसरे विश्वयुद्ध के दौरान एटम बम गिराए गए थे, जिसका परिणाम ये निकला कि आज तक एटम बम का असर वहां देखने को मिलता है,लेकिन कभी भी आज तक किसी भी युद्ध में हाइड्रोजन बम का इस्तेमाल नहीं किया गया है...यह उत्तरी कोरिया द्वारा किया गया कुल मिलाकर चौथा आणविक परीक्षण है, हालांकि यह पहला फ्यूज़न बम है...।

आपको बता दें कि अमेरिका और संयुक्त राष्ट्र की ओर से परमाणु और मिसाइल परीक्षण पर प्रतिबंध लगाने के बावजूद उत्तर कोरिया ने चौथी बार भूमिगत परमाणु परीक्षण किया है।वहीं उत्तर कोरिया का कहना है कि अमेरिका की उससे शत्रुतापूर्ण नीतियों के कारण और खुद को सुरक्षित रखने के लिए वह अपने परमाणु कार्यक्रम जारी रखेगा। वह एक जिम्मेदार परमाणु राष्ट्र के रूप में काम करेगा और जब तक उसकी संप्रभुता को किसी प्रकार का कोई खतरा नहीं होगा, तब तक वह इसका इस्तेमाल नहीं करेगा।


अंतत: हाइड्रोजन बम का सफल परिक्षण सबसे पहले अमेरिका, फिर रूस, चीन और फ्रांस भी कर चुके हैं।और इस श्रेणी में अब उत्तर कोरिया भी शामिल हो गया है।इस प्रकार का परिक्षण मानवता और विश्व के लिए सबसे बड़ा खतरा है।जिसपर रोक लगाना बेहद जरुरी है...।

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