Sunday, 10 January 2016

मोदी के गढ़ में दहाड़ेंगे नीतीश...!


संदीप कुमार मिश्र: दोस्तों बिहार का दिलचस्प चुनाव खत्म हुआ तो चिंतन का दौर भी चला और मंथन का भी।विचारों के गोते भी लगे तो जीत का जश्न भी मना।लेकिन कुछ बातें बिहार चुनाव के दौरान ऐसी रही जो भविष्य की सियासत के लिहाज से देखी जाने लगी..जिनमें लालू प्रसाद यादव का वो बयान अहम था जिसमें उन्होने कहा था कि वो वाराणसी जाएंगे और वहां का विकास देखेंगे
दरअसल लालू यादव का तो फिलहाल पता नहीं लेकिन बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जरूर वाराणसी जाने वाले हैं।जी हां वाराणसी में पटेल नव निर्माण सेना ने नीतीश कुमार के स्वागत का फैसला किया है और बहुत संभव है कि मकर संक्रांति के बाद ही नीतीश कुमार बाबा विश्वनाथ की नगरी वाराणसी का रुख करें।

अब साब जीत बड़ी थी तो उम्मीद भी नीतीश कुमार की ज्यादा बढ़ गयी हैं,जिसमें पार्टी का विस्तार मुख्य है।और पड़ोसी राज्य देश के सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश में विस्तार से बेहतर विकल्प और क्या हो सकता है। इस लिहाज से नीतीश कुमार काफी पहले से भी यूपी में रैलियां के जरिए जमीन तैयार करने की कोशिशें काफी दिनों से कर रहे थे।राजनीति में साब कुछ भी संभव है,तभी तो मकर संक्रांति के बाद का पटेल समाज की तरफ से स्वागत समारोह के बहाने नीतीश बहुत कुछ साधने के मौके का लाभ उठाने से नहीं चुकना चाहेंगे। ऐसे में मुमकिन है कि जब नीतीश कुमार वाराणसी में होंगे तो निशाने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नहीं होंगे ऐसा हो ही नहीं सकता।

आपको बता दें कि नीतीश कुमार  पर बीजेपी की तरफ शुरु से एक आरोप लगाया जाता रहा है कि वो प्रधानमंत्री बनना चाहते थे और इसी महत्वाकांक्षा के चलते उन्होंनें पीएम मोदी का विरोध किया था और बीजेपी से नाता तोड़ा था। अब आप इसे एक संयोग कहें या फिर कोई सोची-समझी रणनीति का परिणाम कि वाराणसी के पटेल समुदाय ने नीतीश कुमार  को देश का भावी प्रधानमंत्री के रूप में पेश  भी कर दिया है।दरअसल वाराणसी में पटेल नवनिर्माण सेना की एक बैठक हुई थी।जिसमें पटेल समुदाय के नेताओं ने कहा कि आजादी के बाद सरदार वल्लभ भाई पटेल के प्रधानमंत्री बनने का संयोग बना था,लेकिन तब पंडित जवाहर लाल नेहरू पीएम बन गए थे, लेकिन अब फिर से ऐसा ही संयोग बन रहा कि उनके समाज का कोई प्रधानमंत्री बन सकता है और अबकी बार वो इस मौके को नहीं जाने देंगे। दरअसल नीतीश कुमार जिस कुर्मी समाज से आते हैं।उसी का एक बड़ा हिस्सा उत्तर प्रदेश में पटेल सरनेम का भी इस्तेमाल करता है।जो वाराणसी सहीत प्रदेश के अन्य हिस्सों में फैले हुए हैं।

यहां तक कि पटेल संगठन के आयोजकों का ये भी कहना था कि नीतीश कुमार को अगले लोकसभा चुनाव में वाराणसी से ही उम्मीदवार बनाया जाएगा। उनका ये भी कहना था कि देश की राजनीति अब नीतीश कुमार के इर्द-गिर्द ही रहेगी,औऱ इसके लिए लोगों को भी तैयार रहना होगा। उनका कहना था कि देश के प्रधानमंत्री भी यहीं के हैं और भावी पीएम भी यहीं से निकलेगा।
देश के सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश में पांव पसारने को लेकर जेडीयू की गंभीरता इस बात से भी नजर आती है कि अखिल भारतीय पटेल नवनिर्माण सेना के इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए नीतीश ने अपने दो सांसदों के सी त्यागी और आरपी सिंह को इस सम्मेसलन में शरीक होने के लिए भेजा था।


अंतत: आने वाले समय में देखना दिलचस्प होगा कि देश में सियासत और क्या क्या रंग दिखाती है।लेकिन एक बात तो जरुर है कि सुशासन बाबू यानि नीतीश कुमार जी को प्रधानमंत्री बनने से पहले खुद को बिहार में बेहतर सीएम बन के दिखाना चाहिए।क्योंकि एक बार फिर बिहार जंगलराज की तरफ बढ़ता जा रहा है। 

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