संदीप कुमार मिश्र: पठानकोट आतंकी हमले
में पाकिस्तान बेनकाब हो गया।तमाम सबूतों के मध्य नजर ये साफ हो गया है कि
आतंकियों का नापाक कनेक्शन हर बार की तरह इस बार भी पाकिस्तान से ही है।जिसके तमाम
सबूत भी पाकिस्तान को सौंप दिए गए हैं,और उम्मीद की जा रही है कि पाक आतंकियों पर
कार्यवाही करेगा..!
दरअसल हमारी सरकार ने साफतौर पर कहा है
कि पंजाब के पठानकोट एयरफोर्स बेस पर हुए आतंकवादी हमले से जुड़े उन सबूतों पर
पाकिस्तान को 'त्वरित तथा निर्णायक कार्रवाई' करनी ही होगी जो भारत ने उसे सौंपे
हैं।केंद्र सरकार की इस कड़ी प्रतिक्रिया के बाद ऐसी उम्मीद की जा रही है कि
पाकिस्तान की ओर से कार्रवाई के अभाव में दोनों देशों के विदेश सचिवों के बीच इसी महिने
होने वाली महत्वपूर्ण बातचीत का होना मुमकिन नहीं हो पाएगा।जो संभवत: जो संभवत: पाकिस्तान नहीं
चाहेगा।
आपको बता दें कि भारत सरकार ने पठानकोट
हमले के गुनहगारों की पहचान और पाकिस्तान में ही साजिश रचे जाने के ठोस और पक्के
सबूत पड़ोसी मुल्क को सौंप दिए हैं।केंद्र की मोदी सरकार ने ये साफ संदेश दिया है
कि हम पड़ोसी देश से मित्रता जरुर चाहते हैं,लेकिन इसके लिए सीमा पार से आतंकी
हमलों पर लगाम लगाना जरुरी है,और ऐसे किसी भी हमले को भारत बर्दास्त नहीं
करेगा।वहीं भारत द्वारा दी गई इस चेतावनी के पहले, इस्लामाबाद में नवाज
शरीफ ने अपने गृह मंत्री,
विदेश मंत्री और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के साथ
उच्चस्तरीय बैठक की।जिसके बाद ये कहा जाने लगा कि पठानकोट के दोषियों पर पाकिस्तान
अगले 72 घंटे में बड़ी कार्रवाई कर सकता है।जबकि भारत सरकार ने पाकिस्न को पठानकोट के
गुनहगारों के नाम के साथ ही कुछ और जरुरी चीजें मुहैया करवाकर भविष्य में किसी भी बातचीत
के लिए आतंकियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की शर्त रखी है।जिसपर अब पहल पाकिस्तान को
करनी है।
भारत के विदेश सचिव विकास स्वरूप ने कहा
कि पाकिस्तान के साथ विदेश सचिव स्तर की वार्ता तभी संभव है जब पठानकोट हमले को
लेकर इसलामाबाद ‘त्वरित एवं निर्णायक’
कार्रवाई करता
है।दरअसल भारत ने पाकिस्तान को ‘कार्रवाई करने के लिए खुफिया जानकारी’मुहैया करा दी है।समयसीमा की बात पर स्वरुप का कहना था कि, ‘हम कोई समयसीमा नहीं दे रहे हैं। इसके साथ ही त्वरित का मतलब
त्वरित होता है और हम इस शब्द की आम
व्याख्या के साथ जायेंगे।’
अब देखने वाली बात ये होगी कि भारत की
इच्छा के अनुरुप पाकिस्तान पठानकोट हमले के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई
करता है या नहीं।हमारी खुफिया एजेंसियों का कहना है कि हमले में जैश के ‘आकाओं’ अशफाक अहमद, हाफिज अब्दुल शकूर, कासिम जान और मौलाना मसूद अजहर के हाथ
हैं।वहीं ये भी कहा गया कि इस बात के भी पक्के सबूत हैं कि पठानकोट हमले की साजिश
लाहौर के पास ही रची गयी है।
इस बात की पक्की जानकारी है कि, जैश का सरगना मसूद अजहर ही इस पूरे हमले का मास्टरमाइंड था। पाक में बैठे
हैंडलर पठानकोट में आतंकियों को निर्देश दे रहे थे। सूत्रों का ये ही कहना है कि
पाक के ही किसी एयरबेस पर ले जाकर आतंकियों को सबकुछ सिखाया गया था ताकि पठानकोट
में आतंकियों को अजीब न लगे और वे ऑपरेशन को सही तरीके से अंजाम दे सकें। कहा जा रहा है कि पाकिस्तान के चकलाला
और लायलपुर एयरबेस पर ट्रेनिंग दी गई हो सकती है। इन आतंकियों की पूरी कोशिश यह थी
कि दोनों देशों के बीच होने वाली बातचीत को डीरेल किया जाए। सूत्रों का ये भी कहना
है कि, हैंडलर बहावलपुर, सियालकोट और शकरगढ़ में थे। आतंकी एयरबेस के बारे में काफ़ी जानकारी रखते थे।
आतंकी एल्युमिनियम पाउडर के साथ भी आए थे। आग लगाने के लिए एल्युमिनियम पाउडर के
साथ आए थे। आतंकियों के पास एयरबेस पर हमले के लिए हथियार भी थे।
वहीं कुछ और सबुतों की बात करें तो पठानकोट
एयरफोर्स बेस पर हमला करने वाले आतंकवादियों के पाकिस्तानी हैंडलर 'उस्ताद' का फोन नंबर भी मिल गया है, जिस पर उन्होंने भारतीय सीमा में दाखिल
होने के बाद कॉल किया था। दरअसल अंग्रेज़ी दैनिक 'टाइम्स ऑफ इंडिया' में इंटेलिजेंस ब्यूरो के हवाले से प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक, पहला नंबर +92-3017775253 एक आतंकवादी की मां का हो सकता है, जिसने एयरफोर्स बेस पर हमला करने
से पहले अपनी मां को फोन किया था। दूसरा नंबर +92-3000597212 आतंकवादियों
के पाकिस्तान में बैठे हैंडलर का हो सकता है।
आपको बता दें कि स्मार्टफोन ऐप 'ट्रूकॉलर' के मुताबिक +92-3000597212
पाकिस्तान के किसी 'फ़ैज़न कैंट' का है, जबकि दूसरा नंबर +92-3017775253
किसी मौलाना के नाम दर्ज है। अब भारतीय एजेंसियां इन नंबरों
की कॉल डिटेल के जरिये आतंकवादियों की पहचान में जुट गई हैं।वहीं कुछ दवाएं,खजुर
के खाली पैकेट भी आतंकियों के पास से मिले थे, जिनपर मेड इन पाकिस्तान लिखा हुआ
है।
अंतत: इस प्रकार के तमाम सबूत पाकिस्तान को हर आतंकी हमले के बाद दिए जाते रहे
हैं।सबूत... कुछ जिंदा तो कुछ मुर्दा...और भी बहूत कुछ..।लेकिन क्या इन सबूतों का
असर पाकिस्तान पर हुआ..?क्या कभी पाक ने आतंकियों पर कार्यवाही की..?क्या मानवता के दुश्मन पाक में बैठे आतंकी एक के बाद एक नए हमलों को अंजाम
नहीं दे रहे हैं।
इन सवालों के जवाब आप भी सोचिए,हम भी
सोचते हैं..कि आखिर शांती की पहल भारत कब तक करता रहेगा..?या अब हद हो चुकी...?अब तो सवेरा विजय का ही होकर
रहेगा...
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