संदीप कुमार मिश्र: आस्था और विश्वास का देश है भारत। जहां पत्थरों में परमात्मा की पूजा होती
है।ये विश्वास और श्रद्धा संसार के किसी भी देश में आपको नहीं मिलेगी।तभी हम
भारतवर्ष हैं,विश्व गुरु हैं। हिमालय से लेकर कन्याकुमारी तरह जितने विविधता भरे
रंग-रुप,सभ्यता संस्कृति,भाषा-वेषभुषा सब कुछ भिन्न होते हुए भी एक है।दरअसल मध्य
प्रदेश की सांस्कृतिक नगरी इंदौर में स्थित है एक मंदिर।जी हां प्रसिद्ध खजराना
गणेश मंदिर।आपको बता दें कि इस प्राचीन मंदिर का निर्माण सन 1735 ईसवी में होल्कर वंश की महारानी अहिल्याबाई ने करवाया था।
कहते हैं इस मंदिर में श्रद्धालु जो भी
कामना लेकर आते हैं, वह जरुर पूरी होती है।एक परंपरा के अनुसार, खजराना मंदिर में मांगी गई मन्नतें
पूरी होने के बाद श्रद्धालू यहां एकबार फिर आते हैं और भगवान गणेश जी को लड्डुओं
का भोग लगाते हैं।
वहीं भगवान गणेश जी के खजराना मंदिर से
एक विशेष मान्यता यह जुड़ी हुई है कि यहां भगवान गणेश की प्रतिमा की पीठ पर उल्टा
स्वस्तिक बनाने से मन्नत पूरी होती है।मन्नत पूरी होने के बाद श्रद्धालु यहां दोबारा
आकर सीधा स्वस्तिक बनाते हैं।साथ ही एक दूसरे रिवाज की माने तो, श्रद्धालु इस मंदिर की तीन परिक्रमा लगाते हैं और मंदिर की दीवाल में धागा
बांधते हैं।
खजराना गणेश की स्थापना अद्भुत ढंग से
हुई
दोस्तों आपको बता दें कि खजराना मंदिर
में गणेशजी की एक अत्यन्त प्राचीन प्रतिमा स्थापित है।कहते हैं यह प्रतिमा एक
स्थानीय पंडित मंगल भट्ट को सपने में नजर आयी थी।इसी सपने के आधार पर रानी अहिल्या
बाई होल्कर ने खुदाई कर जमीन के नीचे से मूर्ति निकलवाई और स्थापित करवाया गया।आपको
बता दें कि जिस स्थान से इस प्रतिमा निकाली गई थी, उस स्थान पर आज एक
जलकुंड है, जो मंदिर के ठीक सामने है। इसके साथ ही इस मंदिर में भगवान भोलेनाथ और माता
दुर्गा के मंदिर सहित कुल छोटे-बड़े 33 मंदिर हैं।वहीं मंदिर परिसर में एक
पीपल का प्राचीन पेड़ भी है,
जिसके बारे में मान्यता है कि यह पेड़ भी मनोकामना पूर्ण
करने वाला है|
मंदिर में बुधवार को होती है विशेष आरती
और पूजा
मित्रों इंदौर के खजराना में स्थित
भगवान गणेश जी के मंदिर में ऐसे तो नित्य पूजा और आरती होती है, लेकिन बुधवार को यहां विशेष पूजा और आरती आयोजित की जाती है। इसमें भाग लेने
के लिए यहां बड़ी भारी संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ जुटती है।और ऐसे भी हम सब जानते
हैं बुद्धवार भगवान गणेश जी का दिन है।लम्बोदर भगवान का दिन है।
आप इस मंदिर की ख्याति और लोकप्रियता का
अंदाजा इसी बात से लगा सके हैं कि खजराना गणेश मंदिर समिति ने ’लाइव दर्शन’ की ऑनलाइन सुविधा भी शुरू कर दी है,जिससे कि श्रद्धालु घर बैठे
भगवान श्रीगणेश के दर्शन कर सकें,और पुण्य के भागी बन सकें।
विघ्नहर्ता श्री गणेश को प्रथम निमंत्रण
एक लोक परंपरा और स्थानीय परंपरा के साथ
ही हमारे हिन्दू रीति रिवाज के अनुसार, किसी भी शुभ कार्य जैसे विवाह, जन्मदिन व अन्य सभी शुभ कार्य होने पर भक्त सबसे पहले यहां आकर सिंदूर का तिलक
लगाना नहीं भूलते हैं। यहां तक की मंदिर की प्रसिद्धि इतनी है कि इंदौर शहर के साथ
ही आस-पड़ोस के क्षेत्रों में होने वाले सभी धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का
प्रथम निमंत्रण भक्त खजराना मंदिर में आकर भगवान श्रीगणेश जी को ही देते हैं। बिना
भगवान गणेश को निमंत्रण दिए किसी भी कार्यक्रम को अधूरा माना जाता है।साथ ही नये
वाहन, दुकान, मकान, जमीन-जायदाद की खरीदी-बिक्री का सौदा सफल होने पर दूरदराज से श्रद्धालु यहां
मत्था टेकने आते हैं।इस प्रकार से ये मंदिर लोक आस्था का मुख्य केंद्र है।
खजराना गणेश मंदिर देश के सबसे धनी गणेश
मंदिरों में से एक
दोस्तों भक्तों की ओर
से चढ़ाए जाने वाले नकद-चढ़ावे की दृष्टि से खजराना गणेश मंदिर न केवल मध्य प्रदेश
बल्कि देश के कई मंदिरों से काफी आगे है। अब तो ऑनलाइन दान देने के चलन के बाद
इसमें और भी इजाफा हुआ है। शिर्डी स्थित साईं बाबा, तिरुपति स्थित भगवान
वेंकटेश्वर मंदिर की तर्ज पर खजराना गणेश के भक्तगण पार्वतीपुत्र विनायक की चरणों
में ऑनलाइन चढ़ावा देने में पीछे नहीं हैं।
कहते हैं कि इस मंदिर की कुल चल और अचल
संपत्ति का कोई हिसाब नहीं है। एक अनुमान के अनुसार इस मंदिर की चल और अचल संपत्ति
दोनों प्रकार की संपत्तियों का मूल्य आंका जाए, तो यह देश का सबसे धनी मंदिर भी हो
सकता है।
अंतत: भगवान श्रीगणेश विध्नहर्ता है,प्रथम पूज्य हैं।ऐसे में दोस्तों जब भी अवसर
मिले आप भी हो आईए इंदौर और खजराना के लंबोदर भगवान श्रीगणेश का जरुर दर्शन कर
आईए।
।जय भगवान श्रीगणेश।
No comments:
Post a Comment