संदीप कुमार मिश्र : जगत के कल्याण के लिए,रोग शोक के नाश के लिए,अशुरों से देव
दनुज की रक्षा के लिए समय समय पर दैवीय शक्तियों का अवतार होता रहा है जैसा की
हमारे धर्म ग्रंथों में वर्णीत है।नवरात्र के पावन और पवित्र त्योहार में संपूर्ण
सनातन धर्म को जानने और मानने वाले साधक माता जगत जननी जगदम्बा की आराधना करते
हैं।जिससे की कलिकाल में मुक्ती और भक्ति दोनो प्राप्त हो सके।जैसा की हम सब जानते
हैं कि नौ दिनो में नव देवियों की पूजा अर्चना की जाती है।जो चलिए जानते हैं नौ
देवियों के उन सिद्ध बीज मंत्रों के बारे में जिनकी साधना से,पाठ से संपूर्ण
मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं।
सिद्ध नौ बीज मंत्र का जाप नित्य के क्रमानुसार इस प्रकार हैं।यकिन मानीए
जितनी ही श्रद्धा भाव से आप इन मंत्रों का पाठ,जाप करेंगे आपके कार्य उतने ही
सिद्ध होंगे।
शक्ति की उपासना के सिद्ध बीज
मंत्र -
प्रथम दिवस माता शैलपुत्री
मंत्र:- ह्रीं शिवायै नम:
द्वितिय दिवस माता ब्रह्मचारिणी
मंत्र:- ह्रीं श्री अम्बिकायै नम:
तृतिय दिवस माता चन्द्रघंटा
मंत्र:- ऐं श्रीं शक्तयै नम:
चतुर्थ दिवस माता कूष्मांडा
मंत्र:- ऐं ह्री देव्यै नम:
पंचम दिवस माता स्कंदमाता
मंत्र:- ह्रीं क्लीं स्वमिन्यै नम:
छठा दिवस माता कात्यायनी
मंत्र:- क्लीं श्री त्रिनेत्रायै नम:
सप्तम दिवस माता कालरात्रि
मंत्र:- क्लीं ऐं श्री कालिकायै नम:
अष्टम दिवस माता महागौरी
मंत्र:- श्री क्लीं ह्रीं वरदायै नम:
नवम दिवस माता सिद्धिदात्री
मंत्र:- ह्रीं क्लीं ऐं सिद्धये नम:
इन सभी सिद्ध मंत्रों को दुर्गा
सप्तशती और श्रीमद्देवीभागवत से लिया गया है,जो कल्याणकारी है,फलदायी है।
।।जय माता दी।।
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