Friday 23 October 2015

वीजा चाहिए,हवाई जहाज चढ़ाईए, विदेश जाने की पूरी होगी हसरत...!


संदीप कुमार मिश्र: हमारे देश में सभी धर्मों को मानने वाले लोग है,ऐसे में हमारी भावनाएं और विश्वास सब कुछ धर्म से जुडी होती है।हम किसी भी कार्य की शुरूआत ईश्वर का नाम लेकर ही करते हैं।मान्यताओं के देश हिन्दुस्तान में सब कुछ सम्भव है।हमारी ईच्छाएं और चाह असिमित है।हम अपने सपनों को उड़ान देनें के लिए कुछ भी करते हैं।ऐसे में विदेश जाने का सपना हर युवा अपने मन में संजोता है।इसके लिए कभी वो धर्म का सहारा लेता है,और कभी कबूतरबाजों के चंगुल में फंस जाता है।हमारे देश का समबृद्धशाली प्रदेश पंजाब,जहां की लोक संस्कृती,रहन-सहन,सब कुछ अनूठा और बेहद निराला है।यहां के लोग अपनें जिवन को जितनी खूबसुरती से जीते हैं,उतनी ही शिद्दत से अपनें गुरू में आस्था और विश्वास रखते हैं।जिसका परिणाम है कि खुशहाली यहां के लोगों के रग-रग में बसी होती है।

विदेशी करंसी की चकाचौंध का जादू यहां की युवा पीढ़ी के सिर चढ़कर बोलता है।देश में नौकरी करने की बजाय विदेश में ही सैटल होना यहां के युवाओं की पहली पसंद में शुमार हो है।आलम कुछ ऐसा है कि युवाओं में विदेश जाने की ललक लगातार बढ़ती जा रही है। विदेश जाने की हसरत यहां के युवाओं पर इस कदर हावी है कि प्रदेश से हर साल सैंकड़ों हजारों की तादाद में युवा विदेश की फ्लाइट पकड़ अपनों को बाय-बाय कह जाते हैं।कोई पढ़ने के लिए विदेश जाना चाहता है, तो कोई धन दौलत कमाने की चाह में,और कुछ घूमने के लिए सात समंदर पार जाना चाहते हैं,और कुछ तो वहीं बस जाना चाहते हैं।

विदेशों में युवाओं को काम के काफी अवसर मिल जाते हैं।विदेश में युवाओं को मॉल, शापिंग काम्पलैक्स, फैक्टरियों में आसानी से नौकरी मिल जाती है।युवा छोटा-बड़ा कोई भी काम मिले बेझिझक होकर पकड़ लेते हैं।काम के बदले लोगों को उचित वेतनमान मिल जाता है।इसके अलावा घंटों के हिसाब से वेतन, पार्ट टाइम जॉब भी मिल जाती हैं।रुपए के मुकाबले इंग्लैंड, अमरीका, अस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और कनाडा  सहित देशों की मजबूत करंसी भी लोगों को विदेश की ओर आकर्षित कर रही है।अपनों को छोड़ विदेश में बसे युवा,पहले खुद सैटल होने के बाद माता-पिता, भाई-बहन, रिश्तेदारों और सगे-संबंधियों को भी विदेश में ही बुला लेते हैं।ऐसे में विदेश जाने की हसरतें हर किसी के मन में हिलोंरे लेती है,लेकिन कुछ अड़चनो की वजह से सुवाओं की विदेस जाने की इच्छा धरी की धरी रह जाती है।क्योंकि हम जाना तो चाहते हैं लेकिन वीजा नहीं मिल पाता है।आखिर कैसे होगा विदेश जानें का सपना सच,कैसे होगा वीजा मिलना आसान। कैसे लगेंगे आपके सपनों को पंख।जिससे होगी आपकी मुश्किल आसान और आप पहुंच जाएंगे सात समंदर पार..तो चलिए हम आपको बताते हैं।

दरअसल पंजाब के जालंधर के पास एक ऐसा गुरुद्वारा  है,जहां लोग चढ़ावे के रुप में खिलौना चढाते है,और विदेश जाने की मन्नत मांगते है। वैसे तो हमारे देश में बहुत से ऐसे धार्मिक स्थान हैं,जहां लोग मन्नतें मांगते है,और कुछ कुछ चढ़ावा जरूर चढाते हैं, लेकिन पंजाब के जालंधर के पास एक ऐसा गुरुद्वारा  है,जहां मन्नत मांगने के लिए एक ऐसी चीज चढ़ाई जाती हैं,जिसे सुन कर हर कोई हैरान हो जाएगा।यहां पर लोग मन्नत  मांगने और उसके पूरे होने पर हवाई जहाज चढ़ाते हैं। दोस्तों हैरान मत होईए,ये कोई असली का जहाज नही बल्कि खिलौने वाली हवाई जहाज है। मन्नत पूरी होने पर और विदेश का वीसा लगने पर यहां लोग खिलौने वाला जहाज चढ़ाते हैं।वैसे भी दोआबा बेल्ट के लोग विदेशों  के प्रति अपनी चाहत के लिए मशहूर हैं और उसके लिए कुछ भी करने को तैयार रहते हैं,पर ये बात कुछ अलग और अनोखी ही है।ये गुरुद्वारा जालंधर के पास तल्हन में स्थित निहाल सिंह शहीदां गुरुद्वारा है.जहां हर रोज खिलौने वाली जहाज चढ़ाए जाते हैं।

एक अनोखी चाह और एक अनोखा चढ़ावा।विदेश जाने की ललक युवायों पर किस कदर सवार है,इस बात का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि लगभग हर रोज कबूतरबाजों के चंगुल में फंसने के किस्से यहां आम बात है।लेकिन जालंधर के आस पास के गांवों के युवाओं में एक अजब सी मान्यता और विश्वास ने जन्म ले लिया है।वो ये कि तल्हन के इस गुरुद्वारा में जहाज का खिलौना चढ़ावे के तौर पर चढ़ा कर मन्नत मांगो तो जरूर पूरी होती है,और उसके पूरे होने पर फ़िर जब वो विदेश से वापस आते हैं तो यहां जहाज चढ़ाते हैं।
अपने परिवार के साथ जालंधर से माथा टेकने आए सोनू ने माथा टेका और मन्नत मांगी की जब वह बाहर चला जाएगा तो भी यहां आकर जहाज भेंट करेगा,और उसका कहना है कि उसे विश्वास है कि वो जरूर बाहर जाएगा और उसके जाने के बाद वो फ़िर यहां वापस आकर जहाज चढ़ाएंगे। यहां पर मन्नत मांगने आए लुधियाना के रमनप्रीत सिंह ने बताया की उसने मन्नत मांगी थी की अगर उसका बाहर जाने का वीज़ा लगेगा तो वह यहां आकर जहाज भेंट करेगा और जब मन्नत पूरी हो गयी तो वो यहां जहाज चढ़ा रहा है।  यहां पर मन्नत मांगने के बाद जर्मनी दो साल लगा कर छुट्टी पर आए रामा मंडी के शमशेर सिंह का कहना था कि वो मन्नत पूरी होने के बाद यहां जहाज चढ़ाने आए हैं। 

इस गुरूद्वारे से जुड़े लोगों का कहना है कि ये मान्यता एक विश्वास है युवकों और उनके मां बाप में कि यहां पर जहाज चढ़ाकर अगर मन्नत  मांगो तो विदेश का वीजा जरूर लग जाता है,वैसे यहां पर लोग और भी इच्छाएं लेकर मन्नत मांगने के लिए आते हैं।
पंजाब का जालंधर जिला,जहां के तल्हण गांव में स्थित संत बाबा निहाल सिंह जी गुरुद्वारे के बारे में कहा जाता है की जो यहां आकर खिलौना जहाज चढ़ाते है और विदेश जाने की मन्नत मांगते है वो जरुर पूरी होती है।आप जाना चाहते हैं विदेश और आपको मौका नहीं मिल पा रहा है तो जालंधर जिले में स्थित गुरुद्वारे में आकर खिलौना हवाई जहाज चढ़ाइए।यहां के लोग हर रविवार को गुरुद्वारे में जा कर अरदास करते हैं और खिलौना हवाई जहाज चढ़ाते हैं।पंजाब का जालंधर जिला,जहां के तल्हण गांव में स्थित संत बाबा निहाल सिंह जी गुरुद्वारे के बारे में देश-विदेश में रह रहे भारतीय समुदाय के लोगों का ऐसा ही मानना है कि विदेश जाने के इच्छुक लोग इस गुरुद्वारे में केवल देश से बल्कि विदेशों से भी यहां आते हैं और अपने मन की मुराद पूरी करने के लिए खिलौना हवाई जहाज चढ़ाते हैं।यह तो विश्वास की बात है,गुरू के प्रति आस्था की बात है। लोग अपने मन की मुराद पूरी करने के लिए यहां आते हैं।यहां मत्था टेकते हैं,अरदास करते हैं।आपको जानकर ताज्जुब होगा कि अर्सों से लोग यहां हवाई जहाज चढ़ाते रहे हैं।इस क्षेत्र के लोगों की खास तौर से युवाओं की एक ही इच्छा रहती है।विदेश जाना और वहां बस जाना।लोग विदेश जाने के लिए अपनी इच्छा लेकर यहां आते हैं और खिलौना जहाज चढ़ाते हैं।

गुरुद्वारे के बाहर सजीधजी दुकानें और हर एक दुकान पर रंग बिरंगी ढेरों खिलौनें और साथ में मालाएं,लौकेट,कैसेट और भी ना जाने क्या-क्या।जिसे देख कर किसी का भी मन इन दुकानो पर जाए बगैर नहीं रह सकता।लेकिन इन सभी दुकानों पर जो चिज़ या यूं कहें कि जो खिलौना लोगों को सबसे ज्यादा आकर्षीत करता है वो है जहाज।अनेको प्रकार के जहाज,रंग बिरंगे जहाज,जो सस्ते से सस्ते और महंगे से मंहगे दामों में इन दुकानों पर उपलब्ध हैं।जिनकी बिक्री यहां सबसे ज्यादा होती है।इन जहाजो की किमत 50 रु से लेकर 300 रुपए तक है।जो हर आमो खास की पहुंच में है।दुकानदार बेजसप्रीत  का कहना है कि लोग उसके यहां से जहाज ले जाते हैं और गुरूद्वारे में चढ़ाते हैं। जिससे कि उनकी विदेश जाने की मन्नते यहां पर जरूर पूरी होती हैं।

गुरुद्वारा से जुड़े लोगों के अनुसार चढे़ हुए हवाई जहाजों को गुरुद्वारे में दर्शन के लिए आने वाले आस-पड़ोस के बच्चों को बांट दिया जाता है।गुरुद्वारे के बाहर दुकानों में बड़ी संख्या में हवाई जहाज बिकता है।दुकानदारों का कहना है कि अन्य दिनों की अपेक्षा रविवार को इन खिलौनों की बिक्री ज्यादा होती है और लगभग 20 जहाज हर रविवार को बिक जाते हैं।

विदेश जाने की चाह में पैदा हुई इस चाह को आप चाहे जो कह लें, लेकिन अंधविश्वास जैसी बात को यहां कोई भी मानने को तैयार नहीं। तभी तो  यहां पर हर रोज ही भक्तों का तांता लगा रहता है।जिसने भी यहां पर मन्नत मांगी और विदेश जाने का वीसा लग गया।वो जरूर यहां पर आकर जहाज चढ़ाकर अपनी मन्नत पूरी करता है।कहते हैं कि विश्वास हो तो आदमी पहाड़ को भी हिला सकता है और कुछ ऐसा ही लगता है यहां पर जहाज चढ़ाने वालों के विश्वास को देख कर।    

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