Sunday, 14 February 2016

पाक के F-16 को करारा जवाब देगा भारत का सुखोई-30MKI

संदीप कुमार मिश्र: दोस्तों अमेरिका ने पाकिस्तान को F-16 फाइटर प्लेन देने के फैसला किया तो भारत ने इसपर अपनी नाराजगी जाहीर की।क्योंकि पाकिस्तान ऐसा मुल्क है जिसकी ना कोई नेक नियती है और ना ही कोई इमान।ऐसे में बात अमेरिका की करें तो विश्व का सबसे ताकतवर मुल्क वही करता है जिसमें सिर्फ उसका हित नजर आता है।ऐसे में बात चाहे आतंकवाद की हो या फिर पाकिस्तान की।इसी लिहाज से अमेरिका ने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई को और मजबूत बनाने के लिए पाकिस्तान को अपना F-16 फाइटर प्लेन देने का फैसले किया है।
ऐसे में सवाल उठता है कि जब पाक को अमेरिकी फाइटर प्लेन देने को राजी हो गया है तो ऐसे में बड़ा सवाल ये उठता है कि क्या F-16 फाइटर प्लेन भारत के लिए वाकई किसी चुनौती से कम नहीं है।क्या भारत के पास इससे बेहतर फाइटर प्लेन है ? क्या भारत पाकिस्तान के F-16 से निपटने में सक्षम है ?क्या हम पाक को करारा जवाब दे सकते हैं..?
F-16 से बढ़ेगी पाकिस्तान की ताकत ?
दोस्तों 80 के दशक से ही F-16  अमेरिका के मुख्य फाइटर प्लेन में से एक रहा है। समय और जरुरत के लिहाज से इसकी तकनीक को और भी उन्नत किया गया। और F-16 अब भी अमेरिकी वायुसेना का अहम हिस्सा है। F-16  को ताकतवर अमेरिकी सेना का प्रतीक माना जाता है।आपको बतै दें कि अमेरिका इससे पहले भी पाकिस्तान को F-16 फाइटर प्लेन दे चुका है,लेकिन ये F-16 पुराने फाइटर प्लेन से ज्यादा उन्नत तकनीक से लैस है।पाकिस्तान को F-16 मिलने से निश्चित तौर पर उसकी हवाई ताकत में इजाफा होगा।जो भारत के लिए चिंता का विषय है।
भारत के पास क्या है F-16 जवाब..?
अब यहां ये सोचना स्वाभाविक ही है F-16 के जवाब में भारत के पास क्या है।क्या हम F-16  के आगे लाचार हो जाएगें..? तो करारा जवाब भी सुन लिजिए-नहीं..कभी नहीं।दरअसल हमारी सेना के पास F-16  का जवाब पहले से ही मौजुद है और वह है मित्र देश रूस के सहयोग से हमारे देश भारत में ही निर्मित सुखोई-30MKI...।यकिनन सुखोई-30MKI को दुनिया के सबसे ताकतवर फाइटर प्लेनों में से एक माना जाता है। सुखोई-30MKI कई मामलों में अमेरिकी फाइटर प्लेन F-16 से बहुत आगे है।मतलब हमारे देश के पास F-16  का करारा धुल चटा देनेवाला जवाब पहले से ही मौजूद है।
भारत का सुखोई या पाकिस्तान का F-16, कौन है दमदार ?
ये जानना भी जरुरी है कि सुखोई-30MKI को बनाने के लिए भारत और रूस के बीच 2000 में समझौता हुआ था जबकि F-16 का निर्माण अमेरिका द्वारा सबसे पहले 1974 में किया गया था।वहीं भारत को पहला सुखोई-30 फाइटर प्लेन साल 2002 में मिला था।2015 में रूस के सहयोग से भारत ने स्वेदश में ही निर्मित सुखोई MKI30 को भारतीय वायुसेना में शामिल करके अपनी ताकत कई गुना बढ़ा ली। लंबाई से लेकर रेंज और मिसाइल ले जाने की क्षमता तक के मामले में सुखोई MKI30 पाकिस्तान के F-16 से कहीं बेहतर है। वर्तमान की बात करें तो भारत के पास 200 से ज्यादा सुखोई-30MKI फाइटर प्लेन हैं।
भारत का सुखोई है दमदार और शानदार
दरअसल स्वदेशी प्रणाली से बना सुखोई लंबी रेंज और उच्चा क्षमता वाला फाइटर प्लेन है। सुखोई-30MKI कुछ ऐसी तकनीकों से लैस है जोकि दुनिया में किसी और फाइटर प्लेन में नहीं है।तकनीक की बात करें तो इसमें सैटेलाइट नेविगेशन सिस्टम लगा है,जिसकी वजह से सुखोई-30MKI किसी भी मौसम में, दिन और रात कभी भी काम करने के लिए तैयार है।वहीं इसमें लॉन्ग रेंज रेडियो नेविगेशन सिस्टम भी लगा है।इसके अलावा इसमें ऑटोमेटिक फ्लाइट कंट्रोल सिस्टम लगा है। ऑटोमेटिक सिस्टम से नेविगेशन सिस्टम को जानकारी मिलते ही यह खुद ही फ्लाइट के रूट से जुड़ी गुत्थियों को खुद ही सुलझा लेता है, जिसमें अपने टारगेट को नेस्तनाबूद करने के अलावा वापस एयरफील्ड तक लैंडिंग करना शामिल है। वही F-16 सुखोई से बहुत पहले विकसित होने की वजह से कई आधुनिक तकनीको से परे है।


अंतत: कहना गलत नहीं होगा कि भारत के पास पाकिस्तान की हर चाल का जवाब मौजुद है। चाहे वो F-16 ही क्यों ना हो।हमारा सुखोई-30 MKI है ना...।

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