Tuesday, 1 March 2016

वित्त मंत्री जी बजट से मध्यम वर्ग को ऐसी उम्मीद तो ना थी...!

संदीप कुमार मिश्र: सरकार किसी की भी हो साब,लगता है जनता के पक्ष में सिर्फ उम्मीद करना ही है...क्योंकि सरकार तो वही करती है जो उसके हित में हो...खैर बात आम बजट 2016 की हो रही है तो आपको बता दें कि मोदी सरकार में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने तीसरी बार आम बजट संसद में पेश किया।चर्चा इसलिए जरुरी है कि इस बजट से मध्यम वर्ग के लोगो को ढ़ेरों उम्मीदें थीं, लेकिन अफसोस बजट को पेश हुआ लेकिन मध्यम वर्ग को मायूस होना पड़ा।
दरअसल मध्यम वर्ग को जो सबसे ज्यादा उम्मीद थी वो आयकर स्लैब में बदलाव को लेकर थी। लेकिन देश के जनाब वित्त मंत्री साब ने आयकर स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया। बल्कि सर्विस टैक्स में 0.5 फीसदी का इजाफा कर जोर का झटका धीरे से दे दिया। 2016 के इस बजट में सर्विस टैक्स जो 14.5 फीसदी था,उसे बढ़ाकर 15 फीसदी कर दिया गया है। यानी सर्विस टैक्स से जुड़ी सभी सेवाएं महंगी हो जाएंगी।
अब साब सर्विस टैक्स बढ़ने से इसका सीधा असर मध्य वर्ग के जन-जीवन पर पड़ना निश्चित है ।आपको बता दें कि सर्विस टैक्स बढ़ने से हवाई यात्रा, एटीएम से पैसे निकालना, रेस्तरां में खाना, फिल्म देखना, मोबाइल बिल, जिम, ब्यूटी पार्लर जाना और रेल टिकट यानी सब कुछ महंगा हो जाएगा।वहीं महंगाई की ये मार बीमा पॉलिसी पर भी पड़ेगी। यही नहीं सर्विस टैक्स बढ़ने से सिगरेट, सिगार, गुटखा और पान मसाला महंगा हो जाएगा।गाड़ी खरीदने का आप मन बना रहे हैं तो वो भी इस बजट से महंगी कर दी गई हैं।अब तो ब्रांडेड कपड़ों के लिए भी आपको अपनी जेब ढ़ीली करनी पड़ेगी।
एक बात तो थोड़ी राहत देने वाली है वो ये कि वित्त मंत्री जी ने सलाना ढाई लाख रुपए की आमदनी को टैक्स के दायरे से बाहर रखा है।लेकिन 2.5 लाख रुपए से 5 लाख रुपए तक की सालाना आमदनी पर 10 फीसदी की दर से टैक्स लगता है। वहीं 5 लाख रुपए से 10 लाख रुपए तक की सालाना आमदनी पर 20 फीसदी और 10 लाख रुपए से ज्यादा की सालाना आमदनी पर 30 फीसदी की दर से इनकम टैक्स लगाया जाता है। सीनियर सिटीजन को 3 लाख रुपए तक की सालाना आमदनी पर 10 फीसदी की दर से टैक्स देना होता है। जबकि महिलाओं को तीन लाख रुपए की सलाना आमदनी पर कोई आयकर नहीं देना होता है। महिलाओं को 3 लाख से पांच लाख रुपए तक 10 फीसदी, 5 लाख से 10 लाख रुपए तक- 20 फीसदी, 10 लाख रुपए से ऊपर 30 फीसदी आयकर देना होता है।
ऐसे में आप कह सकते है कि जिस मिडिल क्लास के दम पर हर धर मोदी के नारे लगे और नरेंद्र मोदी जी प्रधानमंत्री बने और पूर्ण बहुमत से एनडीए देस की सत्ता पर काबिज हुई, उसी मिडिल क्लास की उम्मीदों पर सरकार ने पानी फेर दिया...!आम बजट 2016-17 में मध्यम वर्ग को मामूली राहत दी गई,बदले में उस पर महंगाई का बोझ उड़ेल दिया गया।एक राहत की बात आप कह सकते हैं कि वित्त मंत्री जी ने मिडिल क्लास को कुछ राहत देने की बात कही।मतलब अगर आप 50 लाख तक का मकान खरीदते हैं तो आपको 50 हजार रुपए की अतिरिक्त छूट मिलेगी। हालांकि यह पहली बार मकान खरीदने वालों के लिए ही होगी।लेकिन मध्य वर्ग जिसकी आस थोड़ी ज्यादा थी उसपर कुछ भी खास नहीं देखने को मिला बजट में...।
वहीं इस आम बजट में अमीरों पर कर का बोझ पड़ता दिख रहा है। यानी कि एक करोड़ से ज्यादा आय वाले लोगों पर सरचार्ज 12 प्रतिशत से बढ़ाकर 15 प्रतिशत किया गया है।साथ ही डीजल कारें, ब्रैंडेड कपड़े और गहने भी इस बजट से मंहगे हो जाएंगे।वहीं गरीबों के लिए वित्त मंत्री जी ने कई कल्याणकारी योजनाएं शुरू करने की घोषणा भी की।
बजट 2016 में कुछ अन्य घोषणाएं जो इस प्रकार रही-
-गरीब बुजुर्गों को एक लाख तीस हजार का स्‍वास्‍थ्‍य बीमा
-गरीब महिलाओं के नाम पर होगा एलपीजी कनेक्‍शन
- गरीबों के लिए नई सुरक्षा बीमा योजना,
- गरीबों को रसाई गैस के लिए 200 करोड़,
-किसानों की आय पांच सालों में दोगुनी करना,
-परंपरागत खेती को लाभ की खेती बनाना,
-किसानों के विकास के लिए 35984 करोड़ रुपए,
-किसानों के लिए देश में 12 ई-पोर्टल खुलेंगे,
-मनरेगा के लिए 38500 करोड़ रुपए,
-गांवों में विद्युतिकरण के लिए 8500 करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई है।
अंतत: ऐसे में इस बजट का लुब्बेलुबाव यही है कि 2016-17 का बजट पर गौर करें तो यही नजर आएगा कि वित्त मंत्री जी के इस बजट में अमीर और मध्यमवर्ग की अपेक्षा और गरीबों और किसानों की सुध कुछ ज्यादा ही ली गई है। यह बजट गरीब परिवारों और किसानों को ज्यादा समर्पित है। इस लिहाज से आप कह सकते हैं कि आगामी कुछ महीनों में कई राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं,और उसका असर बजट में साफ नजर आता है।

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