Wednesday, 24 October 2018

Shubh Diwali 2018: जानिए दिवाली पर लक्ष्मी-गणेश की कैसी मूर्ति की पूजा करने से घर में होगी धन वर्षा



संदीप कुमार मिश्र :  दीपों का त्योहार दिवाली।खुशियों का त्योहार दिवाली।अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाने का त्योहार दिवाली।दीपावली सिर्फ देश ही नहीं विदेशों में भी बड़े ही धूमधाम के साथ मनायी जाती है।हर वर्ष कार्तिक महीने की अमावस्या के दिन दीपावली का त्योहार मनाया जाता है।
दोस्तों दीपावाली का त्योहार इस साल 7 नवंबर 2018 को मनाई जाएगी।आपको बता दें कि  दिवाली के इस खास पर्व पर धन की देवी माता लक्ष्मी और बुद्धि के देवता लंबोदर भगवान गणेश की पूजा की जाती है।हर साल दिवाली पर  घर में नई लक्ष्मी और गणेश की मूर्ति लाने का विधान है।
चलिए आपको बताते हैं कि हमें दिवाली पर पूजा के लिए हमे लक्ष्मी और गणेश जी की कैसी मूर्ति खरीदनी चाहिए जिससे घर में बरकत और खुशहाली आए...

गणेश की मूर्ति खरीदते समय इन बातों का रखें ध्यान-
1.जब भी आप लक्ष्मी गणेश की मूर्ति  खरीदें,एक बात का अवश्य ख्याल रखें कि दोनो मूर्तियां एक साथ जुड़ी हुई ना हो, दोनों विग्रह अलग-अलग होने चाहिए।
2.भगवान गणेश की मूर्ति में उनकी सूंड बाएं हाथ की तरफ मुड़ी हो ना कि दाईं तरफ।क्योंकि दाईं तरफ मुड़ी हुई सूंड शुभ नहीं होती है।
3.भगवान गणेश को मोदक प्रिय है इसलिए ऐसी मूर्ति खरीदें जिसमें गणेश जी के हाथ में मोदक हो। ऐसी मूर्ति सुख-समृद्धि का प्रतीक मानी जाती है।
4.मूर्ति में गणेश जी का वाहन मूषक भी अनिवार्य है।
5.दिवाली पर सोने, चांदी, पीतल या अष्टधातु या क्रिस्टल की मूर्ति खरीदना शुभ होता है।

लक्ष्मी की मूर्ति खरीदते समय इन बातों का रखें ध्यान
1.मां लक्ष्मी की ऐसी मूर्ति कभी ना खरीदें जिसमें मां लक्ष्मी उल्लू पर विराजमान हों। ऐसी मूर्ति को काली लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है।
2.कमल पर विराजमान माता लक्ष्मी की मूर्ति खरीदनी चाहिए जिसमें उनका हाथ वरमुद्रा में हो और धन की वर्षा करता हो।
3.हमेशा माता लक्ष्मी की मूर्ति बैठी हुई मुद्रा में ही खरीदें ना कि खड़ी हुई मुद्रा में।

जानिए क्यों करते नई मूर्ति की पूजा
ऐसी मान्यता है कि पुराने समय में सिर्फ धातु और मिट्टी की मूर्तियों का ही चलन था । धातु की मूर्ति से ज्यादा मिट्टी की मूर्ति की पूजा होती थी। जो हर साल खंडित और बदरंग हो जाती थी,इसलिए नई मूर्ति हर वर्ष घर में लाई जाती है। वहीं ऐसा भी माना जाता है कि कुम्हारों की आर्थिक मदद को ध्यान में रखते हुए नई मूर्ति खरीदने की शुरुआत की गई।साथ ही ऐसा भी कहा जाता है कि नई मूर्ति एक आध्यात्मिक विचार का भी संचार करती है जो गीता में योगेश्वर भगवान श्रीकृष्ण ने दिया है। नई मूर्ति लाने से घऱ में नई ऊर्जा और शक्ति का संचार होता है।
दिवाली आपके जीवन में खुशहाली उन्नति और तरक्की लेकर आए हम यही कामना करते हैं।
।।शुभ दीपावली।।


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