संदीप कुमार मिश्र: कहते हैं कि
राजनीति के अखाड़े में कब कौन सा दांव फिट बैठ जाए कोई नहीं जानता।बैठ जाए तो
सत्ता, ना बैठे तो कर ही क्या सकते हैं...क्यों...अब शिव के राज मध्य प्रदेश को ही
ले लिजिए,कहां तो राहुल गांधी आस लगाए बैठे कि मायावती की मायावी हाथी उन्हें एमपी
में सत्ता सुख दिलाएगी, लेकिन कांग्रेस के रणनीतिकारों को बीएसपी ने ऐसा झटका दिया
कि दिल के अरमा भरभरा के बह गए।मान मनउवल तो खुब हुई लेकिन कांग्रेस की एक ना चली
और मायावी हाथी ने अपना रास्ता अलग अख्तियार कर लिया।
दरअसल मध्य प्रदेश कांग्रेस के नेता बीएसपी को बहुत ज्यादा भाव
देने के पक्ष में नहीं थे,
लेकिन कांग्रेस आलाकमान
के कहने पर बातचीत की कोशिश की गई। कांग्रेस के होश तब फाख्ता हो गए, जब गठबंधन की
चर्चाओं को फैलाने से पहले ही मायावती ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर साफ कर दिया कि उनकी
पार्टी का कांग्रेस से गठबंधन नहीं होगा...और फिर क्या होना था आप समझ ही सकते हैं।सत्ता
सुख के अकाल से जूझ रही कांग्रेस की उम्मीदों पर पानी फिर गया।
कांग्रेस की कोशिशें परवान चढ़ती उससे पहले ही मायावती ने
अपने 22 कैंडिडेट्स के
नामों का ऐलान कर दिया।फिर क्या था मध्य प्रदेश में गठबंधन की उम्मीद खत्म।इतना ही
नहीं मायावती ने कांग्रेस के जले पर तब और नमक रगड़ने का काम कर दिया जब उन्होंने
बाकायदा एक प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाकर कांग्रेस के खिलाफ अपनी जमकर भड़ास निकाली।
इन सब के पीछे की अब वजह बताई जा रही है कि 2013 में जिन सीटों पर बीएसपी को महज कुछ वोट ही
मिले थे, वे सीटें भी सुश्री
बहन जी को चाहिए थी,जिसके लिए कांग्रेस के स्थानिय नेता तैयार दिखाई नहीं दे रहे
थे।कहां तो राहुल गांधी सोच रहे थे कि MP में हाथी की
सवारी करके 2019 में दिल्ली दरबार में दस्तक देंगे...कहां तो माया के चक्कर में
फंसकर रणनीति के मामले में फिलहाल शिव ‘राज’ से मात खा बैठे।
कैसे ना कांग्रेस के अरमा आंसूओं में बहते।अब आप ही बताईए एक तो बहन जी ने गठबंधन नहीं किया दूसरे पहले से ही आपसी कलह से जूझ रही MP कांग्रेस में और झगड़ा लगा गई।बहन जी ने दिग्गी राजा यानी दिग्विजय सिंह को दोषी भी ठहरा दिया जिससे कांग्रेस आपस में ही लड़ती रहे।और तो और मायावती ने साफ शब्दों में ऐलान कर दिया था कि एमपी के साथ ही राजस्थान में भी कांग्रेस के साथ कोई गठबंधन नहीं होगा।छत्तीसगढ़ में पहले ही बीएसपी सुप्रीमो ने कांग्रेस के पूर्व दुलारे अजीत जोगी के साथ गठबंधन कर ही लिया था।वहां भी कांग्रेस की दाल नहीं गली ।
कैसे ना कांग्रेस के अरमा आंसूओं में बहते।अब आप ही बताईए एक तो बहन जी ने गठबंधन नहीं किया दूसरे पहले से ही आपसी कलह से जूझ रही MP कांग्रेस में और झगड़ा लगा गई।बहन जी ने दिग्गी राजा यानी दिग्विजय सिंह को दोषी भी ठहरा दिया जिससे कांग्रेस आपस में ही लड़ती रहे।और तो और मायावती ने साफ शब्दों में ऐलान कर दिया था कि एमपी के साथ ही राजस्थान में भी कांग्रेस के साथ कोई गठबंधन नहीं होगा।छत्तीसगढ़ में पहले ही बीएसपी सुप्रीमो ने कांग्रेस के पूर्व दुलारे अजीत जोगी के साथ गठबंधन कर ही लिया था।वहां भी कांग्रेस की दाल नहीं गली ।
अब इस पूरी बकवास का लूब्बे लूबाब निकला क्या ? राहुल गांधी मध्य प्रदेश में करेंगे क्या ? तीन-तीन तो सीएम
कैंडिडेट हैं उनके पास,और कोई किसी के कम नहीं।अब सिंहासन तो एक है और बैठने वाले
तीन...ये तो बड़ी नाइंसाफी है....तो क्या MP कि फिर एक बार
शिव....................?अब खाली जगह आप
भरिये....।MP गजब है!
No comments:
Post a Comment