Saturday, 6 October 2018

शारदीय नवरात्रि :जाने कैसे करें घट स्थापना,क्या है पूजा विधि और क्या है अखंड ज्योति का महत्व



संदीप कुमार मिश्र: जगत जननी मां जगदम्बा की आराधना का पावन पर्व नवरात्र।वर्ष भर में पड़ने वाले चारो नवरात्रों में दो तो गुप्त नवरात्र होते है।लेकिन दो जनसामान्य कै लिए बेहद खास होते हैं।चैत्र और शारदीय नवरात्र।इस बार शारदीय नवरात्र का प्रारंभ 10 अक्टूबर से होने जा रहा है।नवरात्र में मां दुर्गा के 9 रूपों की पूजा होती है

शारदीय नवरात्रि 2018:मां दुर्गा के सिद्ध नवार्ण मंत्र से होगी आपकी सभी मनोकामना पूरी, जाने कैसे ? https://sandeepaspmishra.blogspot.com/2018/10/2018_6.html

।।आईए जानते हैं नवरात्र में मां दुर्गा के 9 रूपों की पूजन समय क्या है।।
शारदीय नवरात्रि प्रारंभ- 10 अक्टूबर 2018, दिन-बुधवार
कलश स्थापना (घटस्थापना) का शुभ मुहूर्त
कलश स्थापना मुहूर्त = 06:22 से 07:25 तक।
मुहूर्त की अवधि = 01 घंटा 02 मिनट।

।।कलश स्थापना और पूजन के लिए आवश्यक सामग्री।।
मिट्टी का पात्र और जौ के 11 या 21 दाने
शुद्ध साफ की हुई मिट्टी जिसमें कंकड़ पत्थर ना हो
शुद्ध जल से भरा हुआ मिट्टी, सोना, चांदी, तांबा या पीतल का कलश
( कलश स्थापना में लोहे या स्टिल का कलश वर्जित है )
मोली (रक्षा सूत्र), अशोक या आम के 5 पत्ते कलश को ढकने के लिए, मिट्टी का ढक्कन,  साबुत चावल, एक पानी वाला नारियल
पूजा में काम आने वाली सुपारी,कलश में रखने के लिए सिक्के
लाल कपड़ा या चुनरी,मिठाई,लाल गुलाब के फूलो की माला और फल
कलश स्थापना,पूजन विधि
कलश स्थापना से पहले पूजा स्थल को साफ करें फिर एक लकड़ी के आसन पर लाल कपड़ा बिछाएं और उसपर थोड़े चावल ऋद्धि सिद्धि के दाता भगवान श्रीगणेश को याद करते हुए रखें। इसके बाद कलश को स्थापित करें और उसमें मिट्टी भर के और पानी डाल कर उसमे जौ बो दें। क्रमश: कलश पर रोली से स्वास्तिक और ॐ बनाकर कलश के मुख पर मोली से रक्षा सूत्र बांधें । कलश में सुपारी, सिक्का डालकर आम या अशोक के पत्ते रख दें और फिर कलश के मुख को ढक्कन से ढक दें और फिर ढक्कन को चावल से भर दें।लाला चुनरी में लपेटकर रक्षा सूत्र से बांधा हुआ नारियल भी पास में रख दें। इस नारियल को कलश के ढक्कन के उपर रखे और सभी देवी देवताओं का सच्चे मन से हाथ जोड़कर आवाहन करें। अंत में दीपक जलाकर कलश की पूजा करें और कलश पर फल-फूल,मिठाइयां चढ़ा दें।इस प्रकार से कलश स्थापना संपन्न करे।एक बात का अवश्य ध्यान रखें कि नवरात्र के नौ दिनो तक इस कलश की पूजा अवश्य करें और माता की प्रेम सहित सपरिवार आरती करें।

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नवरात्र में अखंड ज्योत का महत्व
नवरात्र में कलश स्थापना के साथ ही अखंड ज्योत अवश्य जलाना चाहिए जो नौ दिनो तक जलती रहे।कहते हैं कि अखंड ज्योत को जलाने से घर में हमेशा शक्ति स्वरुपा मां दुर्गा की कृपा बनी रहती है।एक बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए अखंड ज्योत जलाने वाले को,कहते हैं कि जिन घरों में अखंड ज्योत जले उस घर के सदस्यों को जमीन पर ही सोना चाहिए।

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अंतत: माता शेरावाली तो भाव की भूखी है आप सप्रेम पूरी श्रद्धा से माता की पूजा अर्चना करें मां तो इसी से प्रसन्न हो जाती है।हम कामना करते हैं कि शारपदीय नवरात्र में जगत जननी मां जगदम्बा की विशेष कृपा आप सभी पर सदैव बनी रहे।।जय माता दी।।


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