संदीप कुमार मिश्र: सोलह कलाओं से
युक्त चंद्रमा की शीतलता शरद पूर्णिमा के दिन देखते ही बनती है।इस बार शरद
पूर्णिमा 24 अक्टूबर को मनाई
जायेगी। शरद पूर्णिमा सभी बारह पूर्णिमाओं में सर्वश्रेष्ठ मानी जाती है।
कहते हैं कि शरद पूर्णिमा के दिन चंद्र किरणें इस धरा पर अमृत
बरसाती हैं। इसीलिए इस दिन खीर बना कर खुले आसमान के नीचे मध्य रात्रि में रखने का
विधान बताया गया है।क्योंकि रात में चन्द्रमा कि किरणों से जो अमृत वर्षा होती है, वह खीर को भी
अमृत समान बना देती है।ऐसा करने से खीर में चंद्रमा से जनित दोष शांत हो जाता है और
उसमें आरोग्य प्रदान करने क्षमता आ जाती है।कहते हैं कि शरद पूर्णिमा के खीर रुपी
प्रसाद को ग्रहण करने से मनुष्य किसी भी प्रकार के मानसिक कष्टों से मुक्त हो जाता
है।
जानिए शरद पूर्णिमा का पौराणिक महत्व
कहते हैं शरद पूर्णिमा के दिन ही योगेश्वर भगवान् कृष्ण ने
गोपियों संग महारास रचाना आरम्भ किया था।जैसा कि देवीभागवत महापुराण में भी कहा
गया है कि, गोपिकाओं के अनुनय
विनय पर भगवान् कृष्ण ने चन्द्र से महारास का संकेत दिया जिसे चन्द्र ने योगेश्वर
का मिलन संकेत समझते ही अपनी शीतल रश्मियों से प्रकृति को आच्छादित कर दिया। जन्द्र
किरणों ने ऐसी लालिमा बिखेरी की प्रभु कृष्ण के चहरे पर सुंदरता देखते ही बनती थी।ऐसी
मनमोहक अद्वितिय छवि जिसे देखने के लिए अनन्य जन्मों के प्यासे बड़े बड़े योगी, मुनि, महर्षि और भक्त
गोपिकाओं के रूप में भगवान श्रीकृष्ण की लीला रूपी महारास ने समाहित हो गए और अपनी सुधबुध खोकर सब कृष्णमय हो गए।कृष्ण
और गोपिकाओं का अद्भुत प्रेम देख कर चन्द्र ने अपनी सोममय किरणों से अमृत वर्षा
आरम्भ कर दी जिसमे भीगकर गोपिकाएं अमरता को प्राप्त होकर भगवान् कृष्ण के अमर
प्रेम की गवाह और भागीदार बन गईं।
कर्ज से मुक्ति माने का दिन
हमारे धर्म शास्त्रों में शरद पूर्णिमा को जागर व्रत, यानी कौन जाग रहा
है व्रत भी कहते हैं।कहते हैं कि शरद पूर्णिमा के दिन माता लक्ष्मी जी की पूजा सभी
कर्जों से हमें मुक्ति दिलाती हैं।इसलिए शरद पूर्णिमा को कर्ज से मुक्ति का दिन भी
कहा जाता है । शरद पूर्णिमा की रात्रि को हमें कर्ज से मुक्ति पानो के लिए श्रीसूक्त
का पाठ, कनकधारा स्तोत्र, विष्णु
सहस्त्रनाम का जाप और भगवान् कृष्ण का मधुराष्टकम् का पाठ करना चाहिए जिससे हमें
ईष्ट कार्यों की सिद्धि प्राप्त होती है।साथ ही रोग से मुक्ति पाने के लिए मोती या
स्फटिक की माला से ॐ सों सोमाय मंत्र का जप करना चाहिए साथ ही जिन्हें लो
ब्ल्ड प्रेशर, पेट,ह्रदय,नजला-जुखाम,कफ,आखों
की परेशानी हो वे आज के दिन चन्द्रमा की आराधान करें।इन सभी प्रपकार के विकारों से
छुटकारा मिल जाएगा।साथ ही जिन विद्यार्थियों का मन पढ़ाई में न लगता हो वे चन्द्र
यन्त्र धारण करके परीक्षा अथवा प्रतियोगिता में अच्छे अंक प्राप्त कर सकते हैं।इस
प्रकार से शरद पूर्णिमा का विशेष महत्व हमारे धर्म शास्त्रों में बताया गया है।।
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