Tuesday, 22 August 2017

गणेश चतुर्थी विशेष :भगवान श्रीगणेश को मोदक क्यों प्रिय है, जानें

SANDEEP/SAMBODHAN
संदीप कुमार मिश्र: भाद्रपद मास की चतुर्थी से लेकर चतुर्दशी तक यानी पूरे दस दिनों तक देश भर में रहती है गणेश चतुर्थी की धूम।लंबोधन भगवान गणेश की कृपा पाने के लिए हर भक्त आतुर रहता है।इस बार गणेश चतुर्थी का त्योहार 11 दिनों तक चलेगा।साल 2017 की गणेश चतुर्थी की शुरुआत 25 अगस्त से होगी।
हमारे धर्म शास्त्रों में गजानन भगवान गणेश को ज्ञान,बुद्धि, विवेक, समृद्धि,सौभाग्य और आरोग्य के देवता के रूप में सर्वमान्य रुप से पूजा जाता है।कहते हैं कि किसी भी देव की पूजा बिना प्रसाद चढ़ाए पूरी नहीं होती और सभी देवी-देवताओं का अलग अलग प्रसाद होता है।अब बात भगवान गणपति की करें तो लंबोदर भगवान गणेश जी को मोदक अति प्रिय है।
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क्या आप जानते हैं मोदक क्यों है खास ? 
दरअसल हमारे धर्म शास्त्रों में मोदक को जिस प्रकार से पारिभाषित किया गया है उसका अर्थ है कि- मोद यानी आनन्द देने वाला,कहने का भाव है कि  जिससे आनंद प्राप्त होता है। गहराई से इसके भाव को समझें तो तन के लिए आहार हो या मन मस्तिष्क के विचार हों,उनका सात्विक और शुद्ध होना बेहद जरुरी है, तभी तो मनुष्य जीवन का वास्तविक आनंद प्राप्त कर सकता है।

मोदक को ज्ञान और बुद्धि का प्रतीक माना जाता है, इसलिए ज्ञान बुद्धि के दाता...देवताओं में अग्रगण्य भगवान श्रीगणेश को मोदक अतिप्रिय हैं।कहते हैं कि जिस प्रकार से मोदक बाह्य रुप से तो कठोर होता है लेकिन अन्दर से नरम और मिठास से भरा होता है,ठीक उसी प्रकार घर परिवार के मुखिया को उपर से सख्त होकर संस्कार और नियमों का परिवार जन से पालन करवाना चाहिए लेकिन अंदर से परिवार के प्रति नरम रहकर सभी का पालन पोषण करना चाहिए...जिससे कि भगवान गणेश की कृपा परिवार और कुटुंब पर बनी रहे और परिवार में सुख संबृद्धि बनी रहे।
धर्म शास्त्रों में मोदक और गणेश जी के संबंध में तो यहां तक कहा गया है कि जो भी भक्त श्रद्धा और प्रेम से भगवान गणेश जी को हजार मोदक का भोग लगाता है,उस भक्त की सभी मनोकामनाएं,इच्छाएं भगवान श्रीगणेश अवश्य पूरी करते हैं।
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।।जय श्री गणेश।।


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