संदीप
कुमार मिश्र: आज की भागदौड़ भरी जींदगी में धन की आवश्यकता किसे नहीं होती...हर
किसी को अपने सपने और ख्वाब को पूरा करने के लिए रुपये पैसे की जरुरत होती है।ऐसे
में हर कोई चाहता है कि माता लक्ष्मी की
कृपा उनपर सदैव बनी रहे।
आपको
बता दें कि भाद्रपद के शुक्लपक्ष की अष्टमी को महालक्ष्मी व्रत मनाया जाता है जोकि
इस बार 29 अगस्त को है।महालक्ष्मी व्रत 16 दिन तक आश्विन कृष्ण पक्ष की अष्टमी
तिथि तक चलता है। हिन्दू धर्म शास्त्रों में ऐसा कहा गया है कि महालक्ष्मी व्रत बहुत
महत्वपूर्ण व्रत है। इस व्रत को रखने से माता लक्ष्मी की कृपा होती है और सभी
मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं साथ ही जीवन में आने वाली सभी प्रकार की समस्याओं का
अंत हो जाता है।
कहते
हैं कि 16 दिनों तक चलने वाले महालक्ष्मी की
पूजा में जो सभी साधक 16 दिन व्रत ना रख पाएं उन्हें कम से कम एक दिन का व्रत अवश्य रखना चाहिए। महालक्ष्मी व्रत में व्रती को
अन्न ग्रहण नहीं करना चाहिए और 16वें
दिन इस विशेष पूजा का उद्यापन करना चाहिए।लेकिन जो साधक एक दिन का व्रत रखें वो
अगले दिन उद्यापन कर सकते हैं।
महालक्ष्मी व्रत पूजा विधान
महालक्ष्मी
व्रत पूजा के दिन मां लक्ष्मी के हाथी पर विराजित मूर्ति या चित्र की पूजा करने का
विधान बताया गया है। लाल कपड़ा बिछाकर उस पर चौकी रखकर मां लक्ष्मी की स्थापना
करनी चाहिए और फिर मां लक्ष्मी की मूर्ति के सामने श्रीयंत्र रखकर, पूजा में कमल
का फूल सोने-चांदी के आभूषण मिठाई और फल रखना चाहिए।मां लक्ष्मी का ध्यान करते हुए
श्रद्धा भाव से धूप दीप नैवेद्य चढ़ाकर सपरिवार प्रेम सहित माता लक्ष्मी की आरती
गानी चाहिए।।जय मां लक्ष्मी।।
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