संदीप कुमार मिश्र: ऐसे तो प्रत्येक दिन पाक और पवित्र है।हर दिन ईश्वर की साधना और भक्ति के लिए
बना है लेकिन सावन के सोमवार का विशेष महत्व है,सावन के सोमवार व्रत की महिमा अनंत
है,अपरंपार है।हमारे शास्त्रों में कहा गया है कि जब माता सती ने अपने पिता दक्ष
के घर पर शरीर त्यागने से पहले भगवान भोलेनाथ को हर जन्म में पति के रूप में पाने
का प्रण भी किया था। अपने दूसरे जन्म में माता पार्वती ने सावन(श्रावण) माह में ही
निराहार रह कर कठोर तप साधना की थी और भगवान शिव को पति स्वरुप पाया था ।तभी सावन
का महात्म्य अति विशेष हो गया और संपूर्ण सृष्टी शिवमय हो गई।
कहते हैं कि सावन (श्रावण)में जो भी
विवाह योग्य लड़कियां इच्छित वर पाने के लिए सभी श्रावण सोमवार का व्रत रखती हैं,उनकी
मनोकामना अवश्य पूरी होती है।सोमवार के व्रत में भगवान शिव के अलावा शिव परिवार यानि
माता पार्वती, कार्तिकेय, नंदी और गणेश जी की भी पूजा अर्चना की जाती है। सावन के व्रत सभी साधक चाहे वो
स्त्री हों या पुरुष सभी रख सकते हैं।ऐसे भी सोमवार को उपवास रखना हमारे धर्म
शास्त्रों में श्रेष्ठ बतलाया गया है।
श्रावण(सावन)में कैसे करें शिव
पूजन
सावन(श्रावण) के प्रथम सोमवार के दिन प्रात: और सायंकाल स्नान के बाद,भगवान शिव की सपरिवार पूजा करें।विशेष ध्यान रखें कि पूजा पूर्वामुखी या उत्तर दिशा
की ओर होकर ही करें।कुश का आसन उपयोग मे लाएं और बैठकर पूजा करें। पंचामृत(दूध, दही,घी, शक्कर, शहद व गंगा जल)से शिव परिवार को स्नान करवाना चाहिए।ततपश्चात फल, सुगंध, रोली,चंदन, फूल, व वस्त्र शिव परिवार को अर्पित करने चाहिए। शिवलिंग पर सफेद पुष्प, बेलपत्र, भांग, धतूरा, सफेद वस्त्र के साथ ही सफेद मिष्ठान चढ़ाने चाहिए।गणेश जी को दूर्वा(हरी घास) लड्डू,मोदक, व पीले वस्त्र भक्तों को अर्पित कना चाहिए।और फिर महादेव की आरती
या शिव चालीसा पढ़ना चाहिए।साथ ही भगवान गणेश जी की आरती करनी चाहिए।ऐसा करने के
बाद समस्त शिव परिवार से अपने परिवार की सुख-समृद्धि की प्रार्थना करनी चाहिए और
क्षमा प्रार्थना कर प्रणाम करना चाहिए।
श्रावण सोमवार के सभी व्रधारी को आदिदेव महादेव की स्तुति दिन में दो बार करनी चाहिए।सूर्योदय में और सूर्यास्त के बाद।
भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए साधक को मंत्र जाप अवस्य करना चाहिए।जो इस प्रकार से है..कहते हैं इस मंत्र में बड़ी
शक्ति है और इस मंत्र साधना से भगवान शिव प्रसन्न होकर सभी मनोकामनाओं को पूरा
करते हैं -
!! ध्यायेन्नित्यंमहेशं रजतगिरिनिभं चारुचंद्रावतंसं रत्नाकल्पोज्जवलांग परशुमृगवराभीतिहस्तं प्रसन्नम !!
इसके अलावा शिव भक्त साधारण एवं सर्वाधिक सर्वप्रिय पंचाक्षरी
मंत्र ‘ओम् नम: शिवाय ’ और गणेश मंत्र ‘ओम् गं गणपतये नम:’ का जाप भी कर सकते हैं। इस प्रकार से श्रावण सोमवार का पुण्य फल प्राप्त किया
जा सकता है।बम बम भोले।
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