संदीप
कुमार मिश्र: राज्य दर राज्य बीजेपी के बढ़ते कदम
कांग्रेस मुक्त भारत की बीजेपी की सोच को निरंतर बढ़ा रहे हैं।गठबंधन की ही सही
लेकिन इस दिशा में एक अहम राज्य बीजेपी की झोली में और आ गया....बिहार...।देशभर
में बीजेपी की पकड़ निरंतर मज़बूत होती जा रही है।जिसके दूरगामी परिणाम के रुप में
2019 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का केंद्र की सत्ता में वापसी रास्ता और प्रबल
होता नजर आ रहा है।
आपको
बता दें कि नीतीश कुमार का बीजेपी के साथ आने से उसके सहयोगी दलों का देश की लगभग 70 फीसदी से अधिक आबादी पर शासन हो गया
है।बीजेपी और उसके सहयोगी दलों की उन 12
राज्यों में से सात में सरकार है, जहां
से 20 या इससे अधिक लोकसभा सदस्य चुने जाते
हैं। ऐसे पांच गैर-बीजेपी राज्यों में क्षेत्रीय दलों का वर्चस्व है।वहीं तमिलनाडु
में अन्नाद्रमुक और ओडिशा में बीजद भी कमल की तरफ लगातार बढ़ रहा है।
कांग्रेस
की बात करें तो अब उसके पास इकलौता कर्नाटक जैसा बड़ा राज्य बचा हुआ है, जहां पर अगले साल विधान सभा के चुनाव होने हैं।जहां पर
बीजेपी बीएस येदियुरप्पा के नेतृत्व में कांग्रेस को सत्ता से उखाड़ फेंकने के लिए
एड़ी-चोटी का जोर लगा रही है।
कश्मीर
से कन्याकुमारी और असम से कच्छ तक बीजेपी अपने मिशन पर लगातार आगे बढ़ रही है और
भगवा मिशन को बिहार से विपक्ष को धराशायी करने के लिए एक और शक्ति मिल गयी है।
वहीं
पश्चिम बंगाल में भी बीजेपी ममता दीदी की मजबूत पकड़ को ढ़ीला करने के लिए बड़ी
तेजी से जमीनी स्तर पर काम कर रही है,जबकि दक्षिण भारत में जहां कभी बीजेपी का कोई
आधार नहीं था वहां भी अपनी पैठ मज़बूत की है। आंध्र प्रदेश में तेलुगू देशम पार्टी
के साथ बीजेपी सत्ता पर काबिज है।जबकि तेलंगाना और तमिलनाडु में सत्तारूढ़ दलों के
साथ भी बीजेपी के मधुर संबंध हैं।
ऐसे
में कहना गलत नहीं होगा कि संभव है आने वाले समय में देश के सियासी नक्शे पर उत्तर
से दक्षिण...और पूरब से पश्चिम तक भगवा रंग ही नजर आए...और भारतीय जनता पार्टी का
कांग्रेस मुक्त भारत का सपना साकार हो जाए...।
नीतीश
के साथ आने से उत्साहित एक भाजपा नेता ने कहा, '2019 में विपक्ष की ओर से कौन सा चेहरा होगा? अखिलेश यादव, मायावती, ममता बनर्जी,
लालू प्रसाद? भ्रष्टाचार और सुशासन पर हमें इनमें से
कोई घेर नहीं सकता. नीतीश का मामला अलग
था.'
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