Wednesday, 19 July 2017

सुश्री बहन मायावती जी किसी से कम हैं क्या? लड़ के दिखाएंगी लोकसभा का उपचुनाव !

नुक्कड़ चकल्लस: सुश्री मायावती जी लड़ जाईए लोकसभा चुनाव,दिखा दिजिए अपनी ताकत...बंद कर दिजिए सत्ता पक्ष के लोगों की जुबान...अरे ये तुच्छ सियासतदां जानते ही क्या हैं आपके बारे में...इनको तो बस अफवाहों से मतलब है...इन्हें नहीं मालूम कि आप तो दलितों की मसीहा हैं..दलित तो आपको मां मायावती कहते हैं...इन्हें नहीं मालूम कि आपने दलितों के लिए क्या नहीं किया है...अरे सब कुछ तो किया है...आज दलित आपकी वजह से रंक से राजा बन गए हैं !...और ये नासमझ सियासतदां आपको ही दलितों की आवाज नहीं उठाने दे रहे हैं...ऐसा नहीं चलेगा...आपकी आवाज दलितों की आवाज है...
2019 लोकसभा चुनाव तो अभी दूर है...लेकिन उपचुनाव जल्द ही होंगे उत्तर प्रदेश में यानि आपके प्रदेश में....बहन जी मौका बहुत अच्छा है...उपराष्ट्रपति के चुनाव के बाद दो लोकसभा की सीटें खाली होने वाली हैं यानि गोरखपुर और फूलपुर...ये दोनो सीटें आप आसानी से जीत सकती हैं...बता दिजिए इन्हें आप राज्य सभा के भरोसे नहीं है...आप एक जन नेता हैं...जनता के बीच रहने,उठने और बैठने वाली नेता है....आप जब चाहें चुटकी बजाकर चुनाव जीत सकती हैं.... खासकर 2014 लोकसभा चुनाव के बाद आपकी स्थिति बहुत मजबूत हुई है...अरे! नहीं नहीं… 2017 यूपी चुनाव के बाद से...ओह! नही भई...हां...राज्सभा में इस्तीफा देने के बाद से...इवीएम से सत्ता पाने वालों को बता दिजिए कि आप कि क्या अहमियत है...राज्यसभा का क्या है...!आप तो...आप हैं...! किसी से कम हैं क्या...? बता दिजिए इन्हें कि आप हैं तो जातिवाद का इकबाल बुलंद हैं...नहीं नहीं...मतलब दलित समाज की आवाज की गूंज सड़क से संसद तक सुनाई देती है और रहेगी...!
तोड़ दिजिए... अपनी उपचुनाव ना लड़ने की तीसरी कसम...अपनी शक्ति को पहचानिए...और बता दिजिए सबको कि आपकी पार्टी में एक से एक दिग्गज नेता अभी भी कुछ बचें हैं...जिनका विकल्प किसी भी दल के पास नहीं हैं...ये भी जरुर बताईए लोगों को कि तिलक तराजू और तलवार....” वाले....! जिनसे आपको सबसे ज्यादा कभी नफरत थी वो भी आपका राग दरबारी गाते हैं...इतनी बड़ी राजनेता हैं आप कि,अगर आपने अपनी कड़ी मेहनत से दस बीस हजार करोड़ रुपये कमाए हैं तो इन लोगों को जलन क्यों हो रही है...आपने कड़ी मेहनत से कमाएं हैं...आप पढ़ी लिखी हैं...समझदार हैं...सब बैलेंस करना जानती हैं...पढ़ाई लिखाई से याद आया... लोगों को ये भी बता दिजिए कि आप बगैर देख कर भी पढ़ सकती हैं...चाहे कितना छोटा भाषण हो...या फिर एक वाक्य का मुहावरा ही क्यों ना हो...
लोकसभा जीतना कौन सी बड़ी बात है आपके लिए...वो तो यूं यूं...चुटकी बजाकर आप जीत सकती हैं...2019 में प्रचंड़ बहुमत लाना है आपको यूपी में....जिसकी झलक गोरखपुर या फूलपुर से जीत कर दिखा दिजिए बहन जी...हम तो जानते ही हैं कि आप डरने वाली नहीं हैं...इन्हें भी बता दिजिए इस बात को...हां नई तो...! एक ऐतिहासिक जीत दर्ज करते मूंह बंद कर दिजिए इन सत्ताधारियों का....और बता दिजिए कि जब तक आप हैं तब तक ना तो दलितों की आवाज दबेगी...ना ही आरक्षण खत्म होगा...चाहे भले ही कोई पढ़ा लिखा जरुरत मंद आरक्षण की वजह से बरबाद हो जाए...लेकिन दलित...दलित...दलित...आप ही इनकी आवाज हैं....क्यों है ना...?
कौन कहे इन राजनेताओं से कि दलितों की जो वर्तमान दशा है...वो 21वीं सदी ही नहीं...भविष्य की 100वीं सदी तक भी ऐसी ही रहने वाली है...जब तक सुश्री बहन मायावती जी जैसी बेहतरिन नेता और दलितों की शुभ चिंतक हैं !...हमारे देश की सत्तर प्रतिशत आबादी आज भी गांवो में ही निवास करती है...गांव का ही निवासी होने के कारण बड़ी ही बारीकी से देखा है मैने कि दलितों की वर्तमान स्थिति जो है उसके लिए सुश्री बहन जी ने कितनी मेहनत की है...!
किसी भी गांव में आप चले जाईए बहन जी की तारीफ ही निकलेगी लोगों की जुबान से...वो तो गलती से ये बीजेपी वाले 2014 में दलितों का वोट ले लिए और सुश्री बहन जी की एक भी सीट नहीं आयी और फिर इसी की पुनरावृति यूपी चुनाव में कर दिए, जिससे मात्र 19 सीटें ही मिल सकीं...लेकिन मजाल है की पाप्यूलर्टी में बहन जी के कोई कमी आई हो...हां ठीक है कि अप्रैल 2018 में बहन कुमारी मायावती जी का राज्यसभा का कार्यकाल खत्म हो रहा है...क्या फर्क पड़ता है...उससे पहले ही बहन जी यूपी में दो लोकसभा की खाली हुई सीटों पर से एक में चुनाव लड़कर और ऐतिहासिक जीत दर्ज करते सबको दिखा देंगी कि वो दौलत कि नहीं दलित की बेटी है...
बहन जी किसी से कम हैं क्या...जो लालू जी आफर दे रहें हैं राज्यसभा में अपनी पार्टी से संसद भेजने का...हैं...बताईए...जिनके उपर चारा चोरी से लेकर ना जाने कितने घपलों और घोटालों का आरोप लगा हो वो साफ सुथरी बेदाग छवी वाली बहन जी को आफर दे रहें भला !...ये क्या मजाक है...बहन जी कम हैं क्या किसी से...दलितों की मसीहा हैं...हमदर्द हैं....अरे बहन जी ने तो पहले ही कह दिया है कि अब वो अपनी मूर्ति नहीं बनवाएंगी...जितनी बननी थी बन गई...बहन जी आप संघर्ष करें दलित भाई आपके साथ हैं....अरे नहीं सभी जात धर्म वाले आपके साथ हैं....!
 
 बता दिजिए बहन जी सबको कि आपकी माया आप ही जानती हैं....बता दिजिए कि आप एक चतुर खिलाड़ी हैं...और इस बार लोकसभा का उपचुनाव फूलपुर से कौन कहे...गोरखपुर से लड़ और जीत कर दिखाएंगी....अरे आपकी आपकी आवाज दलितों की आवाज है भई...
मजाक समझते हैं क्या...?

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