संदीप
कुमार मिश्र: शिव के सावन में नाग देव की पूजा विशेष फलदायी है...खासकर इस श्रावण
माह की नागपंचमी पर बन रहा है अति शुभ योग और संयोग। श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की
पंचमी को पड़ने वाली नागपंचमी का त्योहार वीरवार (27 जुलाई) को प्रात: 7 बजकर 2 मिनट पर कर्क लग्न में शुरू हो रही है
वहीं 7 बजकर 14 मिनट पर कर्क लग्न समाप्त भी हो रहा
है। आपको ये भी बता दें कि उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र वीरवार की रात को चार बजकर 39 मिनट पर समाप्त हो रही है।
साल
2017 की नागपंचमी विशेष महत्व और बढ़ जाता है क्योंकि पंचमी तिथि का देवता सर्प है
वहीं राहु को सर्प का स्वरूप कहा गया है,साथ ही लग्न का स्वामी चंद्रमा बुध के साथ
है।जिस कारण लग्न में उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र का स्वामी मंगल के साथ होने से ये
सभी योग सर्पयोग बना रहा है।ऐसे में इस प्रकार के योग में सर्प देवता का पूजन करने
से सर्पदंश का भय समाप्त हो जाता है।नागपंचमी के दिन यानि 27 जुलाई को दोपहर 1.30 बजे से 3.00 बजे
तक राहु काल है।
वासुकिः तक्षकश्चैव कालियो मणिभद्रकः.
ऐरावतो धृतराष्ट्रः कार्कोटकधनञ्जयौ ॥
एतेऽभयं प्रयच्छन्ति प्राणिनां
प्राणजीविनाम् ॥
(अर्थ:
वासुकि, तक्षक, कालिया, मणिभद्रक, ऐरावत, धृतराष्ट्र, कार्कोटक और धनञ्जय - ये प्राणियों को
अभय प्रदान करते हैं.)
नागपंचमी
पर करें विशेष पूजा
नागपंचमी
के दिन सुबह स्नान आदि से निवृत होकर साधक पूजन स्थान को पवित्र कर कुशा का आसन
स्थापित करना चाहिए और फिर सबसे पहले हाथ में पानी लेकर अपने ऊपर व पूजन सामग्री
पर छिड़कना चाहिए। इसके बाद संकल्प लेना चाहिए कि मैं कालसर्प दोष शांति हेतु यह
पूजा-पाठ कर रहा/रही हूं। इसलिए मेरे सभी कष्टों का निवारण कर मुझे कालसर्प दोष से
हे नागदेवता,हे भगवान शिव मुक्त करें। यह कहकर एक कलश स्थापित करके पूजा आरंभ करनी
चाहिए। नागपंचमी के दिन दही, दूध, कुशा, गंध, पंचामृत, पुष्प, घी, फल, खीर के द्वारा नाग देवता की पूजा करें। नागपंचमी के दिन साधक को ऊं
नम: शिवाय और महामृत्युंजय मंत्र का जाप और भगवान शिव का ध्यान प्रात: व संध्या के समय करना चाहिए। इस दिन ब्राह्मण को भोजन करवाना चाहिए
और फिर स्वंय भोजन करना चाहिए।
आपको
बता दें कि 27 जुलाई
2017 को
प्रात: 7 बजकर
5 मिनट
तक भद्रा है, इसलिए
इस समयावधि में पूजा ना करें। प्रात: 7 बजकर 5 मिनट पर प्रारंभ होगी पंचमी तिथि जो कि 28 जुलाई को प्रात: 6 बजकर 38 मिनट तक रहेगी।इसी दौरान पूजा करनी चाहिए।
हिन्दू
धर्म औऱ पंचांग के अनुसार सावन महीने की शुक्ल पक्ष के पंचमी को नाग पंचमी का
त्योहार मनाया जाता है। इस दिन नाग देवता या सर्प की पूजा का विधान है। परंपरा के
अनुसार नागपंचमी के दिन नाग देवता को दूध
पिलाया जाता है।
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