संदीप
कुमार मिश्र: विश्व के सबसे यूवा लोकतंत्र में किसी भी निर्णय का आंकलन राजनीतिक नफा-नुकसान
को नजर में रखकर देखा जाता है।क्योंकि सत्ता पर बने रहने की चाह किसे नहीं होती।पीएम
नरेंद्र मोदी ने नोटबंदी के बाद एक बार फिर जीएसटी के तौर पर अपने राजनीतिक सफर का
सबसे बड़ा दांव लगा दिया है।ये एसा दांव है जो सफल हुआ और जनसमर्थन मिला तो अच्छे
अच्छे सूरमा भी धूल फांकने लगेंगे नहीं तो मोदी जी के लिए ये दांव किसी भस्मासुर
से कम नहीं होगा।
दरअसल
जीएसटी का एक गलत निर्णय 2019 में मोदी सरकार का खेल बिगाड़ कर रख देखा। साथ ही देश
की अर्थव्यवस्था और जनमत दोनो के लिए जीएसटी, भविष्य में बीजेपी की दिशा और दशा
दोनो तय करेगी,क्योंकि 2019 का चुनावी शंखनाद होने में तकरिबन 20 महिने शेष बचें
हैं, ऐसा में इस प्रकार के क्रांतिकारी निर्णय लेने की क्षमता हर किसी में नहीं
होती।हां ये अलग बात है कि पीएम मोदी इसी प्रकार का निर्णय लेने के लिए जाने जाते
हैं।।
एक
बात तो तय है कि अगर जीएसटी कामयाब होता है तो मोदी जी की छवी सर्वमान्य नेता के
तौर पर और ज्यादा मजबूत होगी।
नोटबंदी
का निर्णय आपको याद होगा...ये एक ऐसा निर्णय था,जिसे लाख परेशानियों के बाद भी
अपार जनसमर्थन मिला।आलोचना भी मिली, लेकिन समर्थन ज्यादा मिला।इस बात से कतई इनकार
नहीं किया जा सकता कि 2014 लोकसभा चुनाव में ऐतिहासिक बहुमत हासिल होने से पीएम
मोदी ने देश को एक स्थिर शुरुआत दी।परिणाम चाहे जो हो, लेकिन निर्णय लेने की उनकी
क्षमता का हर कोई कायल हो गया।मोदी सरकार को तीन साल होने को है, इस दौरान मोदी सरकार
ने कुछ सख्त और बोल्ड कदम भी उठाए...मसलन आतंकी लॉन्च पैड्स के खिलाफ पाकिस्तान
में घुसकर हमारी सेना द्वारा सर्जिकल स्ट्राइक इसके बाद नोटबंदी जैसा साहसिक फैसला
अहम रहा।
मोदी
जी को करीब से जानने वालों का कहना है कि जीएसटी को हर स्तर पर कामयाब बनाने के
लिए मोदी सरकार कमर कस चुकी है।पीएम लगातार जीएसटी की बारीकियों को समझने के साथ
ही लगातार इस मुद्दे पर अधिकारियों से ब्रीफिंग भी ले रहे हैं और ऐसा ही उन्होंने
नोटबंदी के दौरान भी किया था। पहले नोटबंदी और अब जीएसटी....देश की इकॉनमी को
रफ्तार देने के लिए मोदी हर संभव प्रयास कर रहे हैं।यकिनन पीएम मोदी जानते हैं कि
जीएसटी के सहारे उन्होंने देश की आवाम से एक बार फिर बड़ा वादा किया है, जिसे निभाना बहुत आसान नहीं होगा।
बहरहाल
अब देखना दिलचस्प होगा कि जीएटी से देश की अर्थव्यवस्था को कितना बल मिलता है,आम
जनमानस को इससे कितना लाभ होता है, इंतजार करिए...क्योंकि 2019 के आम चुनाव में मोदी सरकार की राह कठीन
या फिर आसान बनाने में जीएसटी के निर्णय का फैसला बेहद अहम होगा और 2019 में पता
चल जाएगा कि मोदी जी के लिए जीएसटी का दांव उन्हें पास करता है या फेल ।
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