Wednesday, 19 July 2017

मंत्र की शक्ति से हो जाएंगे आप मालामाल

संदीप कुमार मिश्र: हमारे धर्म शास्त्रों में मंत्र की शक्ति की विशेष महत्ता बताई गई है।किसी भी पूजा साधना में अक्सर मंत्रों का उच्चारण करते हुए देख और सुन सकते हैं।इन्हीं मंत्रों में छुपा होता है हमारी सेहत,संपन्नता का खजाना।जरुरत होती है तो सिर्फ इस बात की कि मन्त्रों के उच्चारण का हामारा तरीका सही है या नहीं..जानने की कोशिश करते हैं मंत्रों की शक्ति का शास्त्रीय और वैज्ञानिक महत्त्व क्या है...?
दरअसल सदियों से हिन्दू धर्म शास्त्रों में मनुष्य की सभी समस्याओं की समाधान मंत्रों में बताया गया है।चाहे धन कमी हो,स्वास्थ्य खराब हो,कर्ज से मुक्ति ना मिल रही हो या फिर जीवन में आने वाली अन्य परेशानिया और दुविधाएं...जिससे आप आर्थिक सामाजिक और मानसिक तौर पर कमजोर हो रहे हों...सभी समस्याओं का निदान वेदों,ग्रंथों, शास्त्रों में किसी ना किसी रुप में बताया गया है...।
कहा जाता है कि मन्त्रों के बोलने का शास्त्रीय और वैज्ञानिक महत्त्व हमें मनोवैज्ञानिक रुप से लाभ पहुंचाता है।क्योंकि मंत्रों का सही और सटीक उच्चारण से जो ध्वनि उत्पन्न होती है उससे हमारे शरीर में जो कंपन होता है,उसके प्रभाव स्वरुप हमारा मस्तिष्क सकारात्मक रूप से प्रभावित होता है और हमारी सोचने की दिशा सही हो जाती है और हम अपने निर्धारित लक्ष्य को पाने के लिए सही दिशा में आगे बढ़ने लगते हैं...।
कुछ अद्भूत और चमत्कारिक मंत्र जिनका विशेष रुप से शास्त्रों में वर्षन किया गया है,जिनसे आपकी आर्थिक विपन्नता दूर हो जाती है-


भगवान श्रीकृष्ण के इस सात अक्षरों के संबंध में हमारे धर्म शास्त्रों में कहा गया है कि इसमें अद्वितिय शक्ति का भंडार है।कहने हैं कि इस मंत्र से रंक को भी राजा बनते देर नहीं लगती। सामान्य तौर पर आपने जीवन में आर्थिक परेशानी या तंगी चल रही हो तो इस मंत्र का जाप बहुत जल्द ही आपकी आर्थिक स्थिति बेहतर कर आपका जीवन सामान्य कर सकता है।कहा ये भी जाता है कि इस मंत्र का सवा लाख जाप आपके जीवन में आश्चर्यजनक रुप से आर्थिक लाभ दिलाता है।

ये मंत्र भगवान श्रीकृष्ण का सप्तदशाक्षर महामंत्र कहलाता है।कहते हैं कि ये मंत्र करोड़पति बनाने वाला अचूक मंत्र है।आर्थिक परेशानियें को दूर कर धन लाभ देने में सप्तदशाक्षर महामंत्र इतना शक्तिशाली है कि इसके जाप से व्यक्ति करोड़पति भी बन सकता है।शास्त्रों के अनुसार इस मंत्र का साधक को जाप 5 लाख बार जाप अवश्य करना चाहिए,नहीं तो इसका लाभ नहीं मिल पाता है।



 आदि देव महादेव भगवान शिव के इस मंत्र का जो साधक प्रतिदिन 1008 बार जाप करता है उसे शिघ्र ही कर्ज से मुक्ति मिल जाती है।नित्य प्रति जो भी आस्थावान व्यक्ति इस मंत्र का जाप करता है उसे जल्द ही इसका असर दिखने को मिल जाता है और वो बहुत जल्द ऋण-मुक्त हो जाता है।साथ ही धन प्राप्ति की राह में आने वाली बाधाएं भी शनै: शनै: दूर होने लगती हैं।ऐसा हमारे धर्म शास्त्रों में बताया गया है।

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