संदीप कुमार मिश्र: चैत्र नवरात्र का पावन त्योहार 18 मार्च 2018 यानि
रविवार से उतरा-भाद्रपद नक्षत्र और मीन राशि में विक्रम संवत 2075 से शुरु हो
जाएगा।ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस बार नवरात्र में सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा
है।वहीं हिन्दू नव वर्ष यानि नए साल के राजा होंगे नवग्रहों के प्रधान देव भगवान
सूर्य देव और उनके मंत्री होंगे पुत्र शनि महाराज। वैसे तो पिता-पुत्र एक दूसरे के
विरोधी कहे जाते हैं।लेकिन बावजूद इसके पिता का पलड़ा बेटे पर भारी रहेगा। जो कि
संपूर्ण विश्व में भारत का मान सम्मान बढ़ाएगा।विद्वतजनों का ये भी कहना है कि नवरात्र का आरंभ और विश्राम इस बार दोनो रविवार
को ही पड़ रहा है,इसलिए भी ये बेहद शुभ संयोग लेकर आएगा।
आपको बता दें कि 2018 के इस चैत्र
नवरात्र में अष्टमी और नवमी दोनो एक ही दिन पड़ रहे हैं।जिससे कि नवरात्र आठ दिन
का ही होगा।हम सब जानते हैं कि विगत कुछ वर्षों से तिथियों में उतार-चढ़ाव आ रहे
हैं,जैसा कि पिछले 4 वर्षों के दौरान
नवरात्र 9 दिन के न होकर 8 दिन ही मनाए जा
रहे हैं।
इस बार 18 मार्च से शुरु हो रहा चैत्र नवरात्र सूर्य उदय के
साथ होगा और साथ ही सर्वार्थसिद्धि योग भी आरंभ हो जाएगा।
प्रतिपदा तिथि की बात करें तो 17 मार्च की शाम 7.41 बजे से प्रतिपदा
आरंभ हो जाएगी लेकिन मान्य तिथि 18 मार्च सूर्योदय ही मानी जाएगी।क्योंकि हमारे हिन्दू धर्म
में उदया तिथि ही मानी जाती है।वहीं 18 मार्च से लेकर 25 मार्च तक नवरात्र का पावन पर्व मनाया जाएगा। 24 मार्च शनिवार को
श्री दुर्गा अष्टमी सुबह 10:06
के बाद ही शुरु
हो जाएगी। 25 मार्च यानि
नवरात्र के समापन दिवस,दिन-रविवार को श्री रामनवमी व्रत के साथ मर्यादापुरुषोत्तम
प्रभु श्री रामचंद्र जी महाराज का जन्मोत्सव मनाया जाएगा।जबकि श्री दुर्गाष्टमी प्रात: 8:03
मिनट तक रहेगी और
फिर नवमी तिथि प्रारंभ हो जाएगी। 25 मार्च रविवार की तिथि पर अष्टमी-नवमी पर सूर्योदय होगा। इसलिए
इसी दिन कंजक पूजन करना अति शुभ बताया गया है।
चैत्र नवरात्र के पावन अवसर पर माता शेरावाली की कृपा आप
सभी पर बनी रहे।हम यही कामना करते हैं।जय माता दी।
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