Friday, 29 December 2017

जाने क्यों है:भगवान श्री हरि के चरणों में माता लक्ष्मी का निवास


संदीप कुमार मिश्र: जगत के पालनहाल भगवान श्री हरि विष्णु।जिनकी महिमा अनंत है,अपरंपार है,और भगवान श्री हरि के चरणों में निवास करती हैं माता लक्ष्मी।जिनकी कृपा से हम सांसारिक मोहमाया प्राप्त कर पाते हैं।जिनके पास रहने पर हम धनवान बन जाते हैं और अगल हमारे पास लक्ष्मी नहीं है तो हम रंक बन जाते हैं।हमारे जीवन में धन की बड़ी महत्ता है,क्योंकि धन के बगैर कुछ भी संभव नहीं है,सुख और ऐश्वर्य की प्राप्ति धन से ही संभव है जिसके लिए जरुरी है हम पर माता लक्ष्मी की कृपा सदैव बनी रहे।हमारे कर्म इतने नेक हो कि धन प्राप्ति के मार्ग सदैव बने रहे।क्योंकि कर्म प्रधान लोगों के पास ही धन सम्पदा रहती है।

लेकिन क्या आप जानते हैं कि माता लक्ष्मी हमेशा ही भगवान श्रीहरि विष्णु के चरणों में ही क्यों रहती है,श्रीहरि की सेवा में ही क्यों लगी रहती है?

दरअसल हमारे धर्म शास्त्रों में जहां कहीं भी वर्णन है वहां भगवान विष्णु के चरण दबाते हुए माता लक्ष्मी की चर्चा की गई है।जिसका मूल में है कि भगवान श्री हरि ने माता लक्ष्मी को अपने पुरुषार्थ के बल पर ही वश में कर रखा है।इसलिए इस बात को जान लीजिए कि माता लक्ष्मी उन्हीं के वश में रहती है जो हमेशा कर्म पर विश्वास रखते हैं और सर्वे भवंतु सुखिना का भाव मन में रखते हैं।यही वजह कि इस चरपाचर जगत में आवश्यकता के अनुसार श्रगवान ने अनेकों अवतार लिए और संसार का कल्याण किया।भगवान विष्णु मोह-माया से परे है। वे तो स्वयं दूसरों को मोह में डालने वाले हैं।

जिसका प्रमाण समुद्र मंथन के समय सहज ही देखने को मिल जाता है।हम सब जानते हैं कि भगवान विष्णु ने देवताओं को अमृत पान कराने के लिए असुरों को मोहिनी रूप धारण करके अपने सौंदर्य जाल में फंसाकर मोह में डाल दिया।उसी समय माता लक्ष्मी मंथन से प्रकट हुई।जिन्हें प्राप्त करने के लिए देवता और असुरों में घनधोर,घमासान युद्ध हुआ।लेकिन माता लक्ष्मी ने जगत के पालनहार भगवान विष्णु का वरण किया।

ऐसे तो लक्ष्मी का स्वभाव विशुद्ध रुप से चंचल है, उन्हें एक जगह पर रोक पाना असंभव है।लेकिन फिर भी वे भगवान विष्णु के चरणों में ही रहती है।यहीं पर मनुष्य के धैर्य की परीक्षा होती है क्योंकि जो भी जन सामान्य लक्ष्मी या माया की चंचलता और मोह में फंस जाता है,लक्ष्मी उससे उतनी ही दूर हो जाती है ।कहने का भाव है कि भाग्य के भरोसे बैठ जाने से लक्ष्मी का दूर होना स्वाभाविक है,इसलिए कर्म करते रहने में तनिक भी संकोच नहीं करना चाहिए।भाग्य एक बार लक्ष्मी की प्रप्ति करवा सकता है लेकिन उसे बनाए रखने के लिए कर्म करना ही पड़ेगा।

अंतत:भगवान श्रीहरि के चरणों माता लक्ष्मी इसीलिए निवास करती है क्योंकि भगवान विष्णु लक्ष्मी का सही सदुपयोग जानते हैं उन्हें वश में रखना जानते हैं।इसलिए मित्रों सरलता और सजगता से नेकी की राह पर चलते हुए कर्म करते जाइए माया (लक्ष्मी)कभी आपसे दूर नहीं होगी।

महालक्ष्मी नमस्तुभ्यं, नमस्तुभ्यं सुरेश्वरि।हरि प्रिये नमस्तुभ्यं, नमस्तुभ्यं दया निधे ।।
पद्मालये नमस्तुभ्यं नमस्तुभ्यं च सर्वदे।सर्व भूत हितार्थाय, वसु सृष्टिं सदा कुरुं ।।

माता महालक्ष्मी धन और वैभव की अधिष्टात्री देवी हैं. ऊपर दिए गए मंत्र का श्रद्धापूर्वक जप करने से मनुष्य मात्र की सभी अभिलाषाएं पूरी हो जाती हैं।

मोदी सरकार का बेईमान अमीरों पर करारा हमला, खुद को दिवालिया घोषित करना हु...

मोदी सरकार का देश के घोटाले घपलेबाजों पर करारा प्रहार।वित्त मंत्री अरुण जेटली का कांग्रेस शासन पर पोलखोल।जरुरी है विकास के लिए पारदर्शिता और यकिनन मोदी सरकार सही दिशा में आगे बढ़ रही है।

Thursday, 28 December 2017

कुलभूषण जाधव मामले पर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का राज्यसभा में बयान

बेशर्म पाकिस्तान को भारतीय संसद से शानदार और करारा जवाब दिया गया।जिस बेशर्म पाकिस्तान नें एक मां को बेटे से...एक पत्नी को उसके पती से जी भर कर मिलने नहीं दिया,ऐसे नापाक देश का कैसा इमान और कैसा धर्म।माननिय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज जी ने पाकिस्तान की पूरी सच्चाई संसद में बयां कर दी,
लेकिन अब समय आ गया है कि सिर्फ कड़ी निंदा से काम नहीं चलेगा...अब तो भारत मांग रहा है कुलभूषण जाधव और वो भी ससम्मान...जय हिन्द।।।

Wednesday, 27 December 2017

जानिए 2018 में क्या कहती है आपकी राशि:बता रहे हैं प्रसिद्ध ज्योतिर्विद् आचार्य सचिन जी


संदीप कुमार मिश्र: साल 2018 में हर कोई उम्मीद करेगा कि ईश्वर उसकी आशाओं,आकांक्षाओं के अनुरुप सफलता दें,घर में सुख शान्ति रहे।इस लिहाज से आपके मन में ये ख्याल अवश्य आ रहा होगा कि नव वर्ष आपके लिए कैसा होगा,कौन सा कार्य आप करें,जिसमें आपको सफलता मिले,उन्नति और तरक्की मिले।तो चलिए आपको बताते हैं साल 2018 का राशिफल-


मेष राशि,संबोधन

मेष राशि: मेष राशि वालों के लिये यह वर्ष महत्वपूर्ण रहने वाला है। इस साल आपकी सकारात्मक सूझ-बूझ (सोच) आपके जीवन में सकारात्मक परिणाम लायेगी। चतुर्थ भाव में राहु के कारण घर से दूर भी जाना पड़ सकता है। कार्य स्थल पर 2018 में कुछ वृद्धि की संभावना है। इस वर्ष पती पत्नि आपसी संबंधों मे कुछ कटुता न आने दें। प्रेम के मामलो में मिश्रित परिणाम सामने आयेंगे सप्तम भाव का गुरू भी आपसी सामझस्य बनाने में काफी मददगार साबित होगा। आपके शिक्षक आपकी मेहनत को सराहेंगे। अपना ध्यान लक्ष्य पर ही रखें। बच्चों की सेहत मे उतार-चढाव बना रहेगा। माता पिता का भरपूर सहयोग मिलेगा। ह्रदय संबधी/ डायबीटिज संबंधी लोगो को सावधान रहना होगा। योग/ध्यान का सहारा लें।

उपाय: प्रातःकाल उगते हुए सूर्य को तांबे को पात्र से अर्ध्य दें मंगलवार/शनिवार को बंदरो को गुड़ चना खिलायें, घर में मांगलिक कार्यक्रम अवश्य करायें।

शुभ रंग: नारंगी,भाग्य प्रतिशत: 70

वृष राशि,संबोधन

 वृष राशि: वृष राशि वालों का यह वर्ष 2018 मिश्रित परिणाम लेकर आया है, अच्छे परिणाम के लिये मेहनत ज्यादा करनी होगी राशि से आठवें भाव में शनि रास्तों में बाधा डालेगा लेकिन सदमार्ग पर रहना ही सटीक उपाय होगा। अपने क्रोध पर नियंत्रण रखें। साल के शुरूआत में Office में किसी से न उलझे वरना नुकसान होगा। कारोबार में किसी पर विश्वास न करें धार्मिक यात्रा पर जायेंगे । October2018 के बाद आर्थिक स्थिती मे सुधार होगा। कार्यों को लेकर यात्रायें लाभ देगी। विधार्थीयो को सफलता सूझ-बूझ से ही मिलेगी अपने पिता से सामंजस्य बनाना काफी लाभदायक साबित होगा। पैरों से संबंधित रोग परेशान कर सकते है। सिर दर्द/ठण्ड की परेशानी रह सकती है।

उपाय: मंगलवार/शनिवार हनुमान जी को सिंदूर चढायें।शनिवार को भैरव मंदिर अवश्य जायें। जरूरतमंदों की मदद करें।

शुभ रंग: लाल,भाग्य प्रतिशत: 55


मिथुन राशि,संबोधन

मिथुन राशि: मिथुन राशि वालो का वर्ष 2018 शानदार रहेगा। व्यापारिक दृष्टि से काफी सकारात्मक परिणाम साल के मध्य तक मिलेंगे। दाम्पत्य जीवन में कुछ मनमुटाव देखने को मिलेगा। किसी से भी अपशब्दों का इस्तेमाल आपको परेशानी में डाल सकता है। आय के नए-नए स्त्रोत खुलेंगे। प्रेम संबंधी मामलों में यह साल शुभ रहेगा। दूषित खान-पान से (Street Food) बचें। परिवार के अकारण कलह भी (द्वितीय भाव) राहु अवश्य करायेगा। वांणी पर संयम हर तरीके से शुभता लायेगा। अकारण खर्चा भी बढ सकता है घबरायें नही।विद्यार्थी अपना कार्य समय पर करने की आदत डालें अन्यथा परिणाम शुभ नही होंगे। अपनी दवा साथ में रखें। अनिन्द्रा/तनाव बढ़ा सकता है। Doctor की सलाह लें।उपाय: विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ नित्य करें। किन्नरों का आशीर्वाद लें। पक्षियों को बाजरा डालें।शुभ रंग: नीला काला,भाग्य प्रतिशत: 60

कर्क राशि,संबोधन

 कर्क राशि: कर्क राशि वालो का 2018 मिश्रित परिणाम लेकर आया है। आपकी राशि पर राहु का प्रभाव विचारों मे भिन्नता लायेगा। अपनों से बात करते समय सावधानी रखें। स्वभाव में अचानक परिवर्तन भी कई बार परेशानी में डाल सकता है। माता-पिता की सेहत पर ध्यान जरूर दें। पेट की समस्या को नजरअंदाज न करें। व्यापार  में सोच-समझकर ही निवेश करना लाभप्रद रहेगा। समय रहते कानून की मदद लें। खान-पान का विशेश ध्यान रखें। पार्टनरशिप सोच कर ही करें अन्यथा धोखा होगा। विद्यार्थी अपना ध्यान शिक्षा पर केन्द्रित करें। अपने मित्रों के साथ भी समय बितायें। प्रेम संबंधो मे कुछ खटास आ सकती है। पुरानी बिमारी जोड़ो का दर्द परेशान करेगा। किड़नी की समस्या/शुगर पर कन्ट्रोल रखें।

उपाय: भगवान शिव का जाप करें, गर्म वस्त्रों का दान करें। काला तिल उड़द/कोयला का दान धार्मिक स्थल पर करें।शुभ रंग: सफेद,भाग्य प्रतिशत: 58

सिंह राशि,संबोधन

सिंह राशि : सिंह राशि वालों के लिए साल 2018 कई सुनहरे मौके लेकर आएगा। इस साल धार्मिक कार्यो में आपका समय बीतेगा। परिवार मे छोटे-भाई बहनों की सेहत से संबंधित समस्या खत्म होगी। दाम्पत्य जीवन में जीवन साथी से अचानक वाद-विवाद परेशानी में डाल सकता है। विचारों और वांणी मे सादगी अवश्य रखें, वरना पछताना पड़ सकता है। प्रात: जल्दी उठने की आदत डालना आपको हर कार्य में सफलता दिलायेगा। पार्टनशिप से आपको फायदा भी मिलेगा लेकिन साल के मध्य के बाद। विद्यार्थियों को भरपूर सफलता मिलेगी। माता-पिता का निरादर आपको बड़ी परेशानी में अवश्य डाल देगा। प्रेम संबंधों में सफलता मिलेगी। गर्भवती महिलाओं को सतर्कता बरतनी होगी। समय पर डाक्टर की सलाह लें। गले से और नसों से संबंधित परेशानी बढ़ सकती है।
उपाय: उगते सूर्य को अर्घ्य दें, नेत्रहीन लोगों को मीठा भोजन बांटे, दवा का वितरण करें।शुभ रंग: मेहरून,भाग्य प्रतिशत: 65
कन्या राशि,संबोधन

कन्या राशि: कन्या राशि वालों के लिए साल 2018 विचारों में सकारात्मक प्रभाव लेकर आएगा। चतुर्थ भाव का शनि आपको परेशानी में डालकर एक अलग निखार देगा। कड़ी मेहनत के बाद सफलता मिलेगी। पैसों का लेन-देन सावधानी पूर्वक करें। परिवार में माहौल शांति पूर्ण रहेगा। विद्यार्थियों को कड़ी मेहनत की आवश्यकता होगी। नौकरीपेशा लोगों की नौकरी में बदलाव से लाभ मिलेगा। करियर में यह वर्ष ठीक-ठाक परिणाम देगा।मित्रों से संबंध पहले से बेहतर होगें। व्यापार में निवेश अनुभवी लोगों की सलाह से करें। विद्यार्थियों को कुछ समस्या बनी रह सकती है। सूझ-बूझ से किया कार्य हर परेशानी को खत्म करेगा। Digestive plub आपको समस्या में डाल सकती है। चोट लगने का भय रहेगा,इसीलिये लापरवाही न करें। उपाय: मां दुर्गा के कवच का पाठ करें, कम्बल का दान अवश्य करें।
शुभ रंग: हरा,भाग्य प्रतिशत: 71
तुला राशि,संबोधन

तुला राशि: तुला राशि वालो के लिए वर्ष 2018 काफी महत्वपूर्ण रहेगा। साल के शुरूआत में काफी जोश/उर्जा से आप भरे रहेंगे। लेकिन आपकी जल्दबाजी/क्रोध आपके सारे कार्यों पर पानी फेर सकती है। करियर के लिहाज से नौकरी/व्यापार में हर तरीके से लाभदायक रहने वाला है। सेहत का ध्यान रखाना भी जरूरी होगा। साल के मध्य के बाद विदेश यात्रा काफी लाभ देगी। जमीन-जायदाद को लेकर निवेश बहुत सावधानी पूर्वक करना होगा। धन की स्थिती अप्रैल 2018 से पहले से बेहतर हो जाएगी। विद्यार्थी पढ़ने के लिये विदेश जा सकते है। उनका यह स्वप्न अवश्य पूरा होगा। जीवन साथी से कुछ मनमुटाव आपके कार्यों में विघ्न डाल सकता है। प्रेम संबंधी मामलों में सतर्क रहना होगा। खान-पान की आदतों पर अवश्य ध्यान दें। पीठ दर्द/जोड़ो का दर्द परेशान कर सकता है।ध्यान रखें।
उपाय: मां लक्ष्मी को पंचमेवा का भोग लगायें। सुहागन स्त्रीयों को वस्त्रादि दान दें।
शुभ रंग: गुलाबी,भाग्य प्रतिशत: 80
वृश्चिक राशि,संबोधन

वृश्चिक राशि: वृश्चिक राशि वालों के लिए साल 2018 उतार-चढाव भरा रहेगा। वित्तीय मामलो में सावधानी अवश्य बरतनी होगी।सुअवसर आपके सामने होंगे, लेकिन जल्दबाजी कार्यों को बिगाड़ सकती है। पैसा कमाने के उद्धेश्य से समय शुभ है। लेकिन व्यर्थ में पैसा न खर्चें। विद्यार्थी अपनी मेहनत से अपने लक्ष्यों को आसानी से प्राप्त कर पाएंगें। समय का सदुपयोग उन्हें सफल बनायेगा। व्यापारिक लेन-देन सोच समझकर ही करना होगा। प्रेम संबंधो को लेकर वृश्चिक राशि के लोग थोड़ा चिंतित रह सकते है। आंखो से संबंधित रोगी तथा ह्रदय रोगी इस साल लापरवाही न बरतें। साल के मध्य के बाद आर्थिक स्थिती पहले से बेहतर हो जायेगी। निवेश सोच समझकर ही करें।
उपाय: सुंदरकाण्ड का पाठ मंगलवार को करें। शहद से शिवलिंग का अभिषेक करें।
शुभ रंग: सफेद,भाग्य प्रतिशत: 69
धनु राशि,संबोधन

धनु राशि: धनु राशि वालों को साल 2018 मन मुताबिक परिणाम देगा। व्यापारिक मामलों में नये मुकाम हासिल करेंगे आप।आपकी राशि पर शनि का गोचर अधिक कर्म/मेहनत करने की प्रेरणा के साथ-साथ लाभ भी दुगना देगा। लेकिन आप गलत कार्यों पर पैसा न खर्चे। छोटे भाई-बहनों से वाद-विवाद हो सकता है। परिवार में खुशी का माहौल बनाये रखें।जल्द ही कर्ज की स्थिती से बाहर निकल आएंगें। विद्यार्थी मेहनत खूब करेंगें, लेकिन परिणाम में कुछ कमी आयेगी। नई नौकरी वाले लोगों के लिये समय शुभ रहेगा। माता पिता का भरपूर सहयोग मिलेगा। नौकरी में प्रमोशन मार्च के बाद दिखेगा।बच्चों से संबंध पहले से बेहतर होंगें। परिवार में किसी व्यक्ति की बिमारी पर पैसा खर्च हो सकता है। बाहर के खाने से बचें, व्यायाम, योग को अपनी दिनचर्या में शामिल करेंउपाय: सतनाज का दान करें। पीपल के पेड़ के नीचे दीया जलायें।शुभ रंग: पीला,भाग्य प्रतिशत: 59

मकर राशि,संबोधन
 मकर राशि: मकर राशि वालों के लिए साल 2018 शुभ परिणाम देगा। लेकिन इस वर्ष मेहनत अधिक करनी होगी। लाभ मेहनत पर ही निर्भर रहेगा।संभव है मार्ग में कई बाधायें आपका रास्ता रोकेंगी। लेकिन आप बाहर निकल आयेंगे। अपने खर्च पर रोक लगाएं वरना कर्ज की स्थिती बन सकती है। व्यापार में सोच-समझकर निवेश करें।अपनी सेंहत का ध्यान रखना भी जरूरी होगा। वरना गैस/अपच की परेशानी बढ़ सकती है।परिवार का भरपूर सहयोग आपकी सभी  परेशानी दूर कर देगा।इस वर्ष विद्यार्थीयों को अपना लक्ष्य प्राप्त करने में कठिनाई नही होगी। परिवार में माहौल सुखद बना रहेगा। लेकिन पत्नी की सेहत का ध्यान रखें। मित्रता में सतर्कता भी रखें। पैर दर्द/गैस की समस्या परेशानी का सबब बन सकती है।उपाय:णेश वन्दना रोज करें। भैरव मन्दिर में दूध अर्पण करें।शुभ रंग: नीला,भाग्य प्रतिशत: 63

कुंभ राशि,संबोधन

कुंभ राशि: कुंभ राशि वालों का 2018 बेहतरीन ही नहीं शानदार भी रहने वाला है।साल 2018 आपके जीवन में सुनहरे अवसर के साथ-साथ लाभप्रद परिणाम भी लेकर आएगा। आय के नऐ-नऐ स्त्रोत मिलेंगे। मतलब मेहनत कम लाभ ज्यादा ।परिवार में स्थिती पहले से बेहतर होगी। व्यापारिक स्थल पर हर तरफ से सहयोगियों का साथ मिलेगा, साल के शुरू में कार्यों में सावधानी रखें वरना नुकसान हो सकता है। अपनी वांणी पर संयम आपको शुभता दिलायेगा। विद्यार्थीयों के लिये समय शुभ रहेगा। अपने माता-पिता/गुरूजनों/बड़ो का भूलकर भी तिरस्कार न करें। अपनी नींद को पूरा करें वरना पेट/गैस से संबंधित परेशानी बढ़ सकती है। वाहन चलाते समय सतर्क रहें,ऐसे पुरानी बीमारी से लोगों को राहत मिलेगी।उपाय: पीपल के पेड़ की सेवा करें, गणेश जी को दूर्वा चढ़ायें। बड़ो का सम्मान करें।शुभ रंग: काला, भाग्य प्रतिशत: 69
मीन राशि,संबोधन

मीन राशि:  मीन राशि वालों का 2018 बिल्कुल औसत भरा रहेगा। अपने कार्यों को सुनियोजित तरीके से करने पर शुभ परिणाम अवश्य मिलेगा। ग्रहों में परिवर्तन के कारण कार्य स्थल पर थोड़ा बदलाव करना पड़ सकता है। आफिस में होने वाली राजनीति से अपने आपको दूर रखें। अपनी माता की सेहत पर ध्यान दें, तथा परिवार में भी समय अवश्य बितायें जिससे माहौल पहले से बेहतर हो। विद्यार्थीयों की शिक्षा का क्रम ठीक चलेगा, बस कार्यों को समय पर करें। अक्टूबर 2018 के बाद आपको कुछ राहत मिलेगी। पैसों का लेन देन ध्यान पूर्वक ही करें, वरना नुकसान होगा। दूसरो की मदद के लिये हमेशा तैयार रहें तो शुभ परिणाम भी दिखेगा। रिश्तों मे पारदर्शिता अवश्य रखें। अपने वजन को न बढ़ने दें। बाहरी खान-पान से बचें।
     उपाय: गुरूवार का व्रत उपवास रखें, पीले चंदन केसर का तिलक करें।
                  शुभ रंग: पीला,भाग्य प्रतिशत: 59
http://sandeepaspmishra.blogspot.in/

Tuesday, 26 December 2017

ये कैसी मुलाकात:पाकिस्तान से मानवीयता बेमानी है!

संदीप कुमार मिश्र - ना गले लगना, ना तेरा छूना, ना ही तेरे स्पर्श का सुकून पाना..काश!  होता कहीं ऐसा कि तुझसे लिपटकर  कर रो लेता काश!...

बड़ी मुद्दत  के बाद दो मुल्कों में चली आ रही तल्खियों को कम करने का एक बेहद सुनहरा अवसर था.लेकिन अफसोस की हम भूल बैठे थे कि हम उम्मीद किससे कर बैठे थे,  पाकिस्तान से! जो पाक सिर्फ नाम का ही है इमान तो कभी था ही नहीं वहां.. फिर उम्मीद करना तो बेमानी ही है साब.

दरअसल हम बात कुलभूषण जाधव की कर रहे हैं, जिनकी बुढ़ी मां और पत्नी को जाधव से मिलने का अवसर मिला था, लेकिन ये कैसी मुलाकात,जहां सरहदों की दीवार तो नहीं थी लेकिन शीशे की दीवार ने मिलने का एहसास ही ना होने दिया.. कितना अच्छा  होता कि कुलभूषण की मां अपने बेटे की सिर पर हाथ फेर लेती, स्पर्श कर लेती, पत्नी आलिंगन कर के जी भर कर रो लेता और मन हल्का कर लेती तो नापाक जमीं पर कदम रखना नहीं अमरता, लेकिन अफसोस ऐसा हो ना सका.
आपको बता दें कि पाकिस्तान की जेल में बंद भारतीय नेवी के पूर्व अधिकारी कुलभूषण जाधव की पत्नी और मां ने सोमवार को इस्लामाबाद में जाधव से जब मुलाकात की.लेकिन बेहद शर्मनाक पाकिस्तान का जो रवैया इस मुलाकात पर दिखा वह किसी को भी हैरान कर सकता था क्योंकि पाक का रवैया मानवता को तार-तार करने वाला था.

पाकिस्तान ने मानवता के सभी मापदंडों की भयंकर  अवहेलना की. आपको जानकर हैरानी होगी कि  मुलाकात से पहले जाधव की पत्नी और मां के कपड़े तक बदलवाए गए और उनके कानों की बाली से लेकर बिंदी भी हटा दी गई. जब जाधव के परिजन इस्लामाबाद पहुंचे तब पत्नी और मां बिंदी लगाए हुईं थीं और दोनों के कानों में बालियां थी. लेकिन मुलाकात के दौरान कमरे में बैठे परिजनों के कान खाली हैं और माथे से बिंदी भी हटा दी गई थी.

क्योंकि मुलाकात से पहले और बाद के फोटो से साफ नजर आता है कि इस्लामाबाद पहुंचने के बाद जाधव की मां और पत्नी के कपड़े बदलवाए गए थे. मुलाकात से पहले की फोटो में मां ने सफेद रंग की साड़ी पहनी हुई थी और वह एक शॉल लिए हुए हैं, जबकि पत्नी पीले रंग का सूट पहने हुई थी और लाल से रंग की एक शॉल ओढ़े हुईं थीं. मुलाकात के बाद भी दोनों इन्हीं कपड़ों में नजर आए लेकिन बंद कमरे में मुलाकात के दौरान दोनों की ही वेशभूषा अलग थी.
बड़ा सवाल ये उठता है कि ऐसी मुलाकात का क्या मतलब था, पाक अपनी आदतों से समझौता करने वाला नहीं है,ऐसे में विकल्प एक ही है कि कुलभूषण को किसी भी सुरतेहाल भारत लाया जाए और पाकिस्तान को माकूल जवाब दिया जाए, क्योंकि पाक इकलौता ऐसा मुल्क है जिसका ना कोई इमान है, ना ही कोई इज्जत और ना ही कोई सम्मान...पाक का सिर्फ एक ही इमान है दहशतगर्दी और आतंकी घटनाओं को अंजाम देना और मानवता को तार तार करना...!!!


Monday, 25 December 2017

जन्मदिन विशेष- अटल विचारों का समंदर कविह्रदय अटल बिहारी वाजपेयी


सबसे लंबे समय तक गैर-कांग्रेसी PM रहे वाजपेयी, हारे थे पहला चुनाव
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विशाल व्यक्तित्व और कवि हिरदय जननायक, शब्दों के व्यंगवाण से बड़े बड़ों को धराशायी कर देने वाले  देश के पूर्व प्रधानमंत्री और भारत रत्न से सम्मानित अटल बिहारी वाजपेयी जी का आज जन्मदिन है. वाजपेयी जी आज 93 वर्ष के हो गए हैं. अटल जी ने अपने राजनीतिक करियर में अनेकों ऐसे फैसले लिए जो ऐतिहासिक हैं और उनके विचारों का विपक्ष भी कायल हुआ.आईए उनके जन्मदिन पर जानते हैं उनसे जुड़ी कई दिलचस्प बातें...
सबसे लंबे समय तक गैर-कांग्रेसी PM रहे वाजपेयी, हारे थे पहला चुनाव
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श्रीमान अटल बिहारी वाजपेयी के पिता पंडित कृष्ण बिहारी वाजपेयी उत्तर प्रदेश में आगरा जिले के प्राचीन स्थान बटेश्वर के मूल निवासी थे और मध्य प्रदेश की रियासत ग्वालियर में अध्यापन कार्य करते थे. अटल बिहारी वाजपेयी के पिता अध्‍यापक के अलावा हिन्दी व ब्रज भाषा के सिद्धहस्त कवि भी थे. उनकी मां का नाम मां का नाम कृष्णा वाजपेयी था.
सबसे लंबे समय तक गैर-कांग्रेसी PM रहे वाजपेयी, हारे थे पहला चुनाव
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25 दिसम्बर, 1924 को ग्‍वालियर में शिन्दे की छावनी में ब्रह्ममुहूर्त में उनका जन्‍म हुआ. अटल जी की बीए की शिक्षा ग्वालियर के विक्टोरिया कालेज (वर्तमान में लक्ष्मीबाई कालेज) में हुई. उन्‍होंने कानपुर के डीएवी कॉलेज से राजनीति शास्त्र में एमए की परीक्षा प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण की. एम० ए० के बाद उन्होंने कानपुर में ही एल०एल०बी० की पढ़ाई भी शुरू की लेकिन उसे बीच में ही छोड़कर पूरी निष्ठा से संघ-कार्य में जुट गए.
सबसे लंबे समय तक गैर-कांग्रेसी PM रहे वाजपेयी, हारे थे पहला चुनाव
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छात्र जीवन से वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवक बने और तभी से राष्ट्रीय स्तर की वाद-विवाद प्रतियोगिताओं में भाग लेते रहे. उनके धुर विरोधी भी उनके कायल थे. अटल बिहारी वाजपेयी में काव्य के गुण वंशानुगत परिपाटी से प्राप्त हुए. कहा जाता है कि महात्मा रामचंद्र वीर द्वारा रचित अमर कृति 'विजय पताका' पढ़कर अटल जी के जीवन की दिशा ही बदल गई.
सबसे लंबे समय तक गैर-कांग्रेसी PM रहे वाजपेयी, हारे थे पहला चुनाव
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उन्होंने डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी और पण्डित दीनदयाल उपाध्याय के निर्देशन में राजनीति का पाठ पढ़ा. साल 1955 में उन्होंने पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ा, पर सफलता नहीं मिली. अटल बिहारी वाजपेयी भारतीय जनसंघ की स्थापना करने वालों में से एक रहे हैं, जो बाद में भारतीय जनता पार्टी नाम से राजनैतिक पार्टी बनी. 1968 से 1973 तक अटल बिहारी वाजपेयी जनसंघ के अध्यक्ष रहे और वे जीवन भर भारतीय राजनीति में सक्रिय रहे.
सबसे लंबे समय तक गैर-कांग्रेसी PM रहे वाजपेयी, हारे थे पहला चुनाव
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अटल जी ने हिम्मत नहीं हारी और 1959 में बलरामपुर (जिला गोण्डा, उत्तर प्रदेश) से जनसंघ के प्रत्याशी के रूप में विजयी होकर लोकसभा में पहुंच कर ही दम लिया. 1957 से 1977 जनता पार्टी की स्थापना तक अटल जी बीस वर्ष तक लगातार जनसंघ के संसदीय दल के नेता रहे. मोरारजी देसाई की सरकार में वह 1977 से 1979 तक विदेश मंत्री रहे और विदेशों में भारत की छवि बनाई.
सबसे लंबे समय तक गैर-कांग्रेसी PM रहे वाजपेयी, हारे थे पहला चुनाव
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1980 में जनता पार्टी से असंतुष्ट होकर इन्होंने जनता पार्टी छोड़ दी और भारतीय जनता पार्टी की स्थापना में मदद की. 6 अप्रैल, 1980 में बनी भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष पद का दायित्व भी वाजपेयी जी को सौंपा गया. अटल बिहारी वाजपेयी दो बार राज्यसभा के लिए भी निर्वाचित हुए. अटल बिहारी वाजपेयी ने सन् 1996 में प्रधानमंत्री के रूप में देश की बागडोर संभाली.
सबसे लंबे समय तक गैर-कांग्रेसी PM रहे वाजपेयी, हारे थे पहला चुनाव
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पहली बार 16 से 31 मई, 1996 तक वे प्रधानमंत्री की कुर्सी पर बैठे. 19 मार्च, 1998 को फिर प्रधानमंत्री पद की शपथ ली और उनके नेतृत्व में 13 दलों की गठबंधन सरकार ने पांच वर्षों में देश के अंदर प्रगति के अनेक आयाम छुए. साल 1998 में पोखरण में परमाणु विस्‍फोट करके उन्‍होंने देश को दुनिया के कुछ गिने-चुने परमाणु संपन्‍न देशों में शुमार करवा दिया.
सबसे लंबे समय तक गैर-कांग्रेसी PM रहे वाजपेयी, हारे थे पहला चुनाव
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पोखरण में भारत का द्वितीय परमाणु परीक्षण कराया और उन्‍होंने अमेरिका की सीआईए को भनक तक नहीं लगने दी. साल 2004 में कार्यकाल पूरा होने से पहले भयंकर गर्मी में हुए लोकसभा चुनाव में बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए ने वाजपेयी के नेतृत्व में चुनाव लड़ा और भारत उदय (इण्डिया शाइनिंग) का नारा दिया.
सबसे लंबे समय तक गैर-कांग्रेसी PM रहे वाजपेयी, हारे थे पहला चुनाव
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उन्होंने लंबे समय तक राष्ट्रधर्म, पांचजन्य और वीर अर्जुन आदि राष्ट्रीय भावना से ओत-प्रोत अनेक पत्र-पत्रिकाओं का सम्पादन भी किया. इसके अतिरिक्त वे एक ओजस्वी एवं पटु वक्ता एवं प्रसिद्ध हिन्दी कवि भी हैं. अटल बिहारी वाजपेयी की पहली कविता ताजमहल थी. पहली कविता ताजमहल में ऋंगार रस के प्रेम फूल न चढ़ाकर "एक शहंशाह ने बनवा के हसीं ताजमहल, हम हसीनों की मोहब्बत का उड़ाया है मजाक" की तरह उनका भी ध्यान ताजमहल के कारीगरों के शोषण पर ही गया. 
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उनके संघर्षमय जीवन, परिवर्तनशील परिस्थितियां, राष्ट्रव्यापी आन्दोलन, जेल-जीवन आदि अनेकों आयाम के प्रभाव एवं अनुभूति ने काव्य में सदैव ही अभिव्यक्ति पाई. मृत्यु या हत्या, कैदी कविराय की कुण्डलियां, संसद में तीन दशक, कुछ लेख: कुछ भाषण, सेक्युलर वाद, राजनीति की रपटीली राहें, बिन्दु बिन्दु विचार, अमर आग है, उनकी कुछ प्रकाशित रचनाएं हैं.
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अटल बिहारी वाजपेयी सबसे लंबे समय तक गैर कांग्रेसी प्रधानमंत्री रहे हैं. अटल जी ने गठबंधन सरकार को न केवल स्थायित्व दिया बल्कि सफलता पूर्वक संचालित भी किया. अटल ही पहले विदेश मंत्री थे, जिन्होंने संयुक्त राष्ट्र संघ में हिंदी में भाषण देकर भारत को गौरवान्वित किया था. उन्‍होंने सौ साल से भी ज्यादा पुराने कावेरी जल विवाद को सुलझाया.
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संरचनात्मक ढांचे के लिए कार्यदल; सॉफ्टवेयर विकास के लिए सूचना एवं प्रौद्योगिकी कार्यदल; केन्द्रीय बिजली नियंत्रण आयोग आदि का गठन किया. अटल जी ने राष्ट्रीय राजमार्गों एवं हवाई अड्डों का विकास; नई टेलीकॉम नीति तथा कोकण रेलवे की शुरुआत आदि के माध्यम से बुनियादी संरचनात्मक ढांचे को मजबूत करने वाले कदम उठाये. उन्‍होंने राष्ट्रीय सुरक्षा समिति, आर्थिक सलाह समिति, व्यापार एवं उद्योग समिति भी गठित की.
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उन्‍होंने आवश्यक उपभोक्ता सामग्रियों की कीमतों को नियंत्रित करने के लिये मुख्यमंत्रियों का सम्मेलन बुलाया, उड़ीसा के सर्वाधिक गरीब क्षेत्र के लिए सात सूत्री गरीबी उन्मूलन कार्यक्रम शुरू किया. आवास निर्माण को प्रोत्साहन देने के लिए अर्बन सीलिंग एक्ट समाप्त किया तथा ग्रामीण रोजगार सृजन एवं विदेशों में बसे भारतीय मूल के लोगों के लिए बीमा योजना शुरू की.
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हालांकि अयोध्‍या कांड उनके जीवन के लिए हमेशा कलंक बना रहा. 1999 का कारगिल युद्ध और 2001 में संसद पर हमला उनके कार्यकाल में ही हुआ. शहीद सैनिकों को उनके घरों तक पहुंचाने के लिए ताबूतों में हुए भ्रष्‍टाचार उनके जीवन पर दूसरा बड़ा दाग है.
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पाकिस्‍तान के साथ संबंधों को नई शुरुआत देने के लिए उन्‍होंने दिल्‍ली से लाहौर के बीच बस सेवा शुरू की. दिल्‍ली से लाहौर जाने वाली पहली बस में वे स्‍वयं पाकिस्‍तान गए. वाजपेयी ने स्वतंत्रता संघर्ष में हिस्सा लिया और वे 1942 में जेल गए. 1975-77 में आपातकाल के दौरान अटल जी को बन्दी बनाया गया था.
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वाजपेयी को उनकी राष्ट्र की उत्कृष्ट सेवाओं के लिए देश के सर्वौच्च सम्मान भारत रत्न और पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया. वे भारतीय संगीत और नृत्य में भी काफी रुचि लेते हैं. जगजीत सिंह ने उनकी कविताओं को 'नई दिशा' और 'संवेदना' नाम की दो एलबमों में अपनी आवाज दी.