संदीप कुमार मिश्र - ना गले लगना, ना तेरा छूना, ना ही तेरे स्पर्श का सुकून पाना..काश! होता कहीं ऐसा कि तुझसे लिपटकर कर रो लेता काश!...
बड़ी मुद्दत के बाद दो मुल्कों में चली आ रही तल्खियों को कम करने का एक बेहद सुनहरा अवसर था.लेकिन अफसोस की हम भूल बैठे थे कि हम उम्मीद किससे कर बैठे थे, पाकिस्तान से! जो पाक सिर्फ नाम का ही है इमान तो कभी था ही नहीं वहां.. फिर उम्मीद करना तो बेमानी ही है साब.
दरअसल हम बात कुलभूषण जाधव की कर रहे हैं, जिनकी बुढ़ी मां और पत्नी को जाधव से मिलने का अवसर मिला था, लेकिन ये कैसी मुलाकात,जहां सरहदों की दीवार तो नहीं थी लेकिन शीशे की दीवार ने मिलने का एहसास ही ना होने दिया.. कितना अच्छा होता कि कुलभूषण की मां अपने बेटे की सिर पर हाथ फेर लेती, स्पर्श कर लेती, पत्नी आलिंगन कर के जी भर कर रो लेता और मन हल्का कर लेती तो नापाक जमीं पर कदम रखना नहीं अमरता, लेकिन अफसोस ऐसा हो ना सका.
आपको बता दें कि पाकिस्तान की जेल में बंद भारतीय नेवी के पूर्व अधिकारी कुलभूषण जाधव की पत्नी और मां ने सोमवार को इस्लामाबाद में जाधव से जब मुलाकात की.लेकिन बेहद शर्मनाक पाकिस्तान का जो रवैया इस मुलाकात पर दिखा वह किसी को भी हैरान कर सकता था क्योंकि पाक का रवैया मानवता को तार-तार करने वाला था.
पाकिस्तान ने मानवता के सभी मापदंडों की भयंकर अवहेलना की. आपको जानकर हैरानी होगी कि मुलाकात से पहले जाधव की पत्नी और मां के कपड़े तक बदलवाए गए और उनके कानों की बाली से लेकर बिंदी भी हटा दी गई. जब जाधव के परिजन इस्लामाबाद पहुंचे तब पत्नी और मां बिंदी लगाए हुईं थीं और दोनों के कानों में बालियां थी. लेकिन मुलाकात के दौरान कमरे में बैठे परिजनों के कान खाली हैं और माथे से बिंदी भी हटा दी गई थी.
क्योंकि मुलाकात से पहले और बाद के फोटो से साफ नजर आता है कि इस्लामाबाद पहुंचने के बाद जाधव की मां और पत्नी के कपड़े बदलवाए गए थे. मुलाकात से पहले की फोटो में मां ने सफेद रंग की साड़ी पहनी हुई थी और वह एक शॉल लिए हुए हैं, जबकि पत्नी पीले रंग का सूट पहने हुई थी और लाल से रंग की एक शॉल ओढ़े हुईं थीं. मुलाकात के बाद भी दोनों इन्हीं कपड़ों में नजर आए लेकिन बंद कमरे में मुलाकात के दौरान दोनों की ही वेशभूषा अलग थी.
बड़ा सवाल ये उठता है कि ऐसी मुलाकात का क्या मतलब था, पाक अपनी आदतों से समझौता करने वाला नहीं है,ऐसे में विकल्प एक ही है कि कुलभूषण को किसी भी सुरतेहाल भारत लाया जाए और पाकिस्तान को माकूल जवाब दिया जाए, क्योंकि पाक इकलौता ऐसा मुल्क है जिसका ना कोई इमान है, ना ही कोई इज्जत और ना ही कोई सम्मान...पाक का सिर्फ एक ही इमान है दहशतगर्दी और आतंकी घटनाओं को अंजाम देना और मानवता को तार तार करना...!!!
बड़ी मुद्दत के बाद दो मुल्कों में चली आ रही तल्खियों को कम करने का एक बेहद सुनहरा अवसर था.लेकिन अफसोस की हम भूल बैठे थे कि हम उम्मीद किससे कर बैठे थे, पाकिस्तान से! जो पाक सिर्फ नाम का ही है इमान तो कभी था ही नहीं वहां.. फिर उम्मीद करना तो बेमानी ही है साब.
दरअसल हम बात कुलभूषण जाधव की कर रहे हैं, जिनकी बुढ़ी मां और पत्नी को जाधव से मिलने का अवसर मिला था, लेकिन ये कैसी मुलाकात,जहां सरहदों की दीवार तो नहीं थी लेकिन शीशे की दीवार ने मिलने का एहसास ही ना होने दिया.. कितना अच्छा होता कि कुलभूषण की मां अपने बेटे की सिर पर हाथ फेर लेती, स्पर्श कर लेती, पत्नी आलिंगन कर के जी भर कर रो लेता और मन हल्का कर लेती तो नापाक जमीं पर कदम रखना नहीं अमरता, लेकिन अफसोस ऐसा हो ना सका.
आपको बता दें कि पाकिस्तान की जेल में बंद भारतीय नेवी के पूर्व अधिकारी कुलभूषण जाधव की पत्नी और मां ने सोमवार को इस्लामाबाद में जाधव से जब मुलाकात की.लेकिन बेहद शर्मनाक पाकिस्तान का जो रवैया इस मुलाकात पर दिखा वह किसी को भी हैरान कर सकता था क्योंकि पाक का रवैया मानवता को तार-तार करने वाला था.
पाकिस्तान ने मानवता के सभी मापदंडों की भयंकर अवहेलना की. आपको जानकर हैरानी होगी कि मुलाकात से पहले जाधव की पत्नी और मां के कपड़े तक बदलवाए गए और उनके कानों की बाली से लेकर बिंदी भी हटा दी गई. जब जाधव के परिजन इस्लामाबाद पहुंचे तब पत्नी और मां बिंदी लगाए हुईं थीं और दोनों के कानों में बालियां थी. लेकिन मुलाकात के दौरान कमरे में बैठे परिजनों के कान खाली हैं और माथे से बिंदी भी हटा दी गई थी.
क्योंकि मुलाकात से पहले और बाद के फोटो से साफ नजर आता है कि इस्लामाबाद पहुंचने के बाद जाधव की मां और पत्नी के कपड़े बदलवाए गए थे. मुलाकात से पहले की फोटो में मां ने सफेद रंग की साड़ी पहनी हुई थी और वह एक शॉल लिए हुए हैं, जबकि पत्नी पीले रंग का सूट पहने हुई थी और लाल से रंग की एक शॉल ओढ़े हुईं थीं. मुलाकात के बाद भी दोनों इन्हीं कपड़ों में नजर आए लेकिन बंद कमरे में मुलाकात के दौरान दोनों की ही वेशभूषा अलग थी.
बड़ा सवाल ये उठता है कि ऐसी मुलाकात का क्या मतलब था, पाक अपनी आदतों से समझौता करने वाला नहीं है,ऐसे में विकल्प एक ही है कि कुलभूषण को किसी भी सुरतेहाल भारत लाया जाए और पाकिस्तान को माकूल जवाब दिया जाए, क्योंकि पाक इकलौता ऐसा मुल्क है जिसका ना कोई इमान है, ना ही कोई इज्जत और ना ही कोई सम्मान...पाक का सिर्फ एक ही इमान है दहशतगर्दी और आतंकी घटनाओं को अंजाम देना और मानवता को तार तार करना...!!!
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