Tuesday, 12 December 2017

हनुमान जी महाराज को प्रसन्न करने के लिए मंगलवार को करें सुंदरकांड का पाठ


संदीप कुमार मिश्र: ज्ञानियों में अग्रगण्य हनुमान जी महाराज की साधना,आराधना,पूजा सभी प्रकार के मनोरथ को पूर्ण करने वाली है। हमारे धर्म शास्त्रों में मंगलवार के दिन महाबली हनुमान की पूजा का दिन बताया गया है। बल, बुद्धि, विद्या के दाता हनुमान जी की पूजा से सीधक के जीवन में आने वाली सभी बाधाएं नष्ट हो जाती है।33 कोटि देवी देवतीओं में हनुमान जी महाराज ही इस धरती पर जीवित देव बताये गए हैं,जिनके संबंध में कहा जाता है कलियुग में हनुमान जी महाराज धरती पर सदैव विचरण करते रहते हैं।

हनुमान जी महाराज की महिमा अनंत है।ऐसा हिन्दु धर्म में मान्यता है कि मंगलवार के दिन सुंदरकांड का पाठ विशेष फलदायी है।पौराणिक मान्यता के अनुसार यह भी कहा जाता है कि लगातार चालीस सप्ताह तक जो व्यक्ति श्रद्धापूर्वक भावसहित सुंदरकांड का पाठ करता है तो उसके जीवन के सभी प्रकार के कष्ट,बाधा दूर हो जाते हैं और उस व्यक्ति पर हनुमान जी महाराज की विशेष कृपा बनी रहती है।।

जाने सुंदरकांड का पाठ क्यों है सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करने वाला ?
दरअसल हमारे सनातन हिन्दू धर्म में कहा गया है कि हनुमानजी को प्रसन्न करने के लिए विधि विधान और सही नियमो के साथ हनुमानजी जी पूजा कते साथ आस्था और विश्वास से सुन्दरकाण्ड का पाठ करना चाहिए। सुंदरकांड का पाठ मंगलवार और शनिवार को करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है।

सुंदरकांड पाठ की महिमा अनंत है

गोस्वामी तुलसीदासजी महाराज द्वारा रचित श्रीरामचरितमानस के सुंदरकांड पाठ से हनुमानजी महाराज सहज ही प्रसन्न हो जाते हैं। जो भी भक्त नियमित रूप से सुंदरकांड का पाठ करते हैं, उनके सभी प्रकार रोग,शोक,दुख,क्लेश दूर हो जाते हैं। सुंदरकांड मानस का एकमात्र ऐसा अध्याय है जो श्रीराम के भक्त हनुमान जी की विजय गाथा का बखान करता है।सुंदरकांड के पाठ से आत्मविश्वास, इच्छाशक्ति और मानसिक शक्ति की हममें बढ़ोतरी होती है। 
हनुमान जी महाराज अपने साधक में आत्मविश्वास लाते हैं।इसीलिए तो हनुमानजी की पूजा सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करने वाली बताई गई है। सुंदरकांड में तीन श्लोक, साठ दोहे तथा पांच सौ छब्बीस चौपाइयां हैं। साठ दोहों में से प्रथम तीस दोहों में विष्णुस्वरूप प्रभु श्रीराम के गुणों का वर्णन किया गया है। सुंदर शब्द इस कांड में चौबीस चौपाइयों में आया है।

सुंदरकांड पाठ करने का विधान
जब भी आप सुंदरकांड का पाठ करें उससे पहले कुछ बातों का अवश्य ध्यान रखें-

-स्नान करके स्वच्‍छ वस्त्र धारण करें।- हनुमानजी और श्री राम की फोटो या प्रतिमा पर पुष्पमाला चढ़ाकर दीप जलाये और भोग में गुड चन्ने या लड्डू का भोग अर्पित करे।

- पाठ शुरू करने से पहले सबसे पहले श्री गणेश की पूजा करे फिर अपने गुरु की , पितरो की फिर श्री राम की वंदना करके सुन्दरकाण्ड का पाठ शुरू करे।

- पाठ खत्म होने के बाद श्री हनुमान आरती और श्री राम जी आरती करे और पाठ में भाग लेने वालो को आरती और प्रसाद दे ।- जब सुन्दर कांड समाप्त हो जाये तो भगवान को भोग लगा कर आरती अवश्य करें।
।।प्रेम से बोलिए हनुमंत लाल जी महाराज की जय।।

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