Friday 23 September 2016

शारदीय नवरात्र इस बार दस दिन:क्या है महत्व...?

संदीप कुमार मिश्र: हमारी भारतीय सनातन संस्कृति में शारदीय नवरात्र विशेष महत्व रखती है।जिसके कई पौराणीक प्रमाण हमारे धर्म ग्रंथों में बताए गये हैं।नौ दिनो तक चलने वाले नवरात्र के महोत्सव में मां भगवती के नौ रुपों की पूजा-आराधना बड़े ही विधि विधान से की जाती है।माता के नौ रुप शैलपुत्रीब्रह्मचारिणीचंद्रघण्टा,कुष्माण्डा,स्कन्दमा‍ता,कात्यायनी,कालरात्री,महागौ‍री,सिद्धिदात्री के रुप में नवदुर्गा की हर्ष और उल्लास के साथ धूमधाम से पूजा अर्चनी की जाती है।
दस दिन की शारदीय नवरात्र
अक्सर नवरात्र का पर्व नौ दिवसीय होती है,और तिथि के घटने पर ये आठ दिन की भी हो जाती है। लेकिन इस बार नवरात्र का पावन महोत्सव यानी शारदीय नवरात्रि 10 दिन तक चलेगा। 1 से 10 अक्टूबर 2016 तक नवरात्र का त्योहार देश भर में मनाया जाएगा।क्योंकि शनिवार यानी 1 तारीख से को प्रथम दिवस पर घट स्थापना होगी और माता शेरावाली के पहले रुप शैलपुत्री की आराधना होगी।वहीं 2 अक्टूबर प्रात: 5:53बजे से द्वितिया तिति लग रही हैजो 3 तारीख की प्रात: 7: 44 बजे तक रहेगी।जैसा कि हम सब जानते हैं कि हमारे हिन्दू धर्म और ज्योतिष शास्त्र में कहा जाता है कि जिसका दिन उसकी रात... यानी तीसरे दिन भी द्वितिया तिथि ही रहेगी और माता ब्रम्हचारीणी की पूजा 2 और 3 तारीख को होगी। यही कारण है कि इस बार नवरात्र 10 दिन की होगी और जिसका समापन 10 अक्टूबर को संपन्न होगी।और दशहरा,विजय दशमी का त्योहार 11 अक्टूबर को मनाया जाएगा।  
नवरात्र का बढ़ना है शुभ फलदायी
ज्योतिष शास्त्र और हिन्दू पंचाग के अनुसार इस बार की नवरात्रि अति शुभ है।क्योंकि ये दस दिन की है।समस्त देशवासीयों के लिए शारदीय नवरात्र इस बार सुख,स्वास्थ,सम्पन्नता,शांति और समृद्धि लेकर आएगा। ऐसे में भक्ति और भाव के साथ जगत जननी मां जगदम्बा की करें आराधना और साधना।माता बड़ी दयालू है,वो अपने भक्तों को कभी निराश नहीं करती है।माता भगवती आपकी समस्त मनोकामनाओं को पूरा करें।।जय माता दी।।
शारदीय नवरात्र की तिथियों के बारे में जाने क्रमश:
            तारीख             दिन                नवरात्र
 1 अक्टूबर        शनिवार     प्रतिपदा,घट स्थापना,शैलपुत्री की पूजा
     2 अक्टूबर            रविवार       द्वितीया, माता ब्रम्हचारिणी की पूजा
3 अक्टूबर          सोमवार     द्वितीया, माता ब्रम्हचारिणी की पूजा
           4 अक्टूबर        मंगलवार           तृतीया,माता चंद्रघंटा की पूजा
           5 अक्टूबर        बुद्धवार            चतुर्थी,कुष्माण्डा देवी की पूजा
           6 अक्टूबर        गुरुवार            पंचमी,स्कंदमाता की पूजा
           7 अक्टूबर        शुक्रवार            षष्ठी,कात्यायनी माता की पूजा
           8 अक्टूबर        शनिवार           सप्तमी,माता कालरात्री की पूजा
           9 अक्टूबर        रविवार            अष्टमी,माता महागौरी की पूजा
           10 अक्टूबर       सोमवार           नवमी,सिद्धीदात्री देवी की पूजा
           11 अक्टूबर       मंगलवार           दशमी,दशहरा,रावण दहन

ऐसे तो नवरात्र के पावन अवसर पर माता भगवती की पूजा आराधना जनसामान्य दुर्गा सप्तशती के पाठ से करते हैं, लेकिन आज की आपाधापी भरी जींदगी और समयाभाव में आप सप्तशती का पाठ नहीं कर पाते हैं तो भगवान् शिव रचित सप्तश्लोकी दुर्गा का पाठ अत्यंत ही प्रभावशाली है।जिसका पाठ सरलता और सुलभता से आप कर सकते हैं और इसका फल भी दुर्गा सप्तसती के पाठ के समान ही मिलता है।

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