Thursday, 22 September 2016

नवरात्रि पर्व पर नव दुर्गा की 9 दिन बीज मंत्र से करें आराधना


संदीप कुमार मिश्र: सर्वविदित है कि नवरात्रि के पावन पर्व पर शक्ति के 9 रुपों की पूजा आराधना होती है।हमारे धर्म शास्त्रों में कहा गया है कि आदिशक्ति जगत जननी मां जगदम्बा के सभी स्वरुप भक्ति और शक्ति प्रदान करने वाली हैं।एक तरफ जहां माता संपूर्ण संसार से बुराईयों को खत्म करने के लिए कालरात्रि और चंद्रघंटा के रुप में अवतार लेती हैं तो वहीं  जगत के कल्याण और उत्थान के लिए सिद्धिदात्री और महागौरी के रुप में प्रकट होकर अपने साधको को मनवांछित फल प्रदान करती हैं।
प्रथमं शैलपुत्री च द्वितीयं ब्रह्माचारिणी।तृतीयं चन्द्रघण्टेति कूष्माण्डेति चतुर्थकम्।।
पंचमं स्कन्दमातेति षष्ठं कात्यायनीति च।सप्तमं कालरात्रीति महागौरीति चाष्टमम्।।
नवमं सिद्धिदात्री च नवदुर्गा: प्रकीर्तिता:।उक्तान्येतानि नामानि ब्रह्म्रणव महात्मना।।
इस प्रकार नवरात्रि के 9 दिनों में माता के नव रुप की पूजा अर्चना बड़े ही विधि-विधान से होती है।चाहे घर हो मंदिर या फिर बड़े-बड़े पंडाल।हर जगह माता की पूजा बड़े ही धूमधाम से होती है।एक गृहस्थ के लिए जरुरी है जानना कि नवरात्र के 9 दिनों में माता शेरावाली को प्रसन्न करने के लिए कौन से मंत्रों का जाप करना चाहिए।
9 दिन माता के बीज मंत्रों से करें नव देवियों को प्रसन्न। होगी मनोकामना पूरी,बनेंगे बिगड़े काम।जाने कौन से हैं 9 बीज मंत्र क्रमश:-
1. शैलपुत्री : ह्रीं शिवायै नम:
2. ब्रह्मचारिणी : ह्रीं श्री अम्बिकायै नम:
3. चन्द्रघंटा : ऐं श्रीं शक्तयै नम:
4. कूष्मांडा ऐं ह्री देव्यै नम:
5. स्कंदमाता : ह्रीं क्लीं स्वमिन्यै नम:
6. कात्यायनी : क्लीं श्री त्रिनेत्रायै नम:
7. कालरात्रि : क्लीं ऐं श्री कालिकायै नम:
8. महागौरी : श्री क्लीं ह्रीं वरदायै नम:
9. सिद्धिदात्री : ह्रीं क्लीं ऐं सिद्धये नम:

।।जय माता दी।।

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