Thursday, 2 August 2018

सख्ती से लागू हो NRC, किसी घुसपैठिये को भारत में रहने हक नहीं ! मेरा देश कोई धर्मशाला नहीं



संदीप कुमार मिश्र: वाह रे सरकार! कीटनाशक दवा(NRC) का छिड़काव किया असम में और कीड़े बंगाल के बिलबिला रहे हैं। शर्म आती है जो मानवीयता की दुहाई देते हैं।अरे जनाब अपनी आबरु लूटाकर मानवीयता की रक्षा नहीं होती।मेरा देश मेरा है,धर्मशाला नहीं है।कोई समस्या हैं तो समाधान मिल बैठकर ढ़ुंढना होगा। लेकिन ना जाने कई दशकों से जंग खाई व्यवस्था को सिर्फ इस आधार पर नहीं छोड़ा जा सकता कि घुसपैठियों से किसी की सरकार बनती है।
इन घुसपैठियों के कुकृत्यों से कितनी जनधन की हानी हो रही है इसका अंदाजा शायद हर किसी को है लेकिन फैसला लेनो की हिम्मत किसी में नहीं।किंचित ही देश का कोई ऐसा राज्य,जिला या कस्बा हो जहां इन घुसपैठियों के आतंक से लोग परेशान ना हो।चोरी,डकैती,बलात्कार,हत्या जैसी ना जाने कितनी घटनाओं में इनका सीधे सीधे हाथ होता है।देश की राजधानी दिल्ली भी इससे अछूती नहीं है...
अब किस किस इलाके का नाम लूं।कई तो ऐसे हैं जहां दिन में भी जाने से डर लगता है।सरकारें वोट बैंक की राजनीति में एक के बाद एक हजारों की तादाद में जुग्गी बसा कर दिल्ली की पहचान को ही खत्म कर दिया।जुग्गी वाली दिल्लीबनाकर रख दिया।जुग्गी बसाने का ठेका समय-समय पर दिल्ली में शिफ्ट होता रहा।सिर्फ वोटबैंक के लिए।

अब आप सोचिए राजधानी दिल्ली जब इन घुसपैठियों से सुरक्षित नहीं है तो आसाम, बंगाल और सीमावर्ती क्षेत्रों की क्या दशा होगी जहां कई दशक से ये घुसपैठियों तांडव मचा रहे हैं।
अब कोई मुझे सरकार प्रेमी या मोदी भक्त कहता हो तो कहता रहे लेकिन मोदी सरकार के इस कड़े फैसले का मैं पूरजोर समर्थन करता हूं और करता रहूंगा।अब मोमता दीदी नाराज हो,उनका वोट बैंक खत्म हो जाए या फिर कांग्रेस और अन्य पार्टियां चील्ल पों मचाएं या मिमियाएं...।शर्म आती है ऐसे बयानो पर जब बंगाल की मुख्यमंत्री मोमता दीदी ये कहती हैं कि अगर इन घुसपैठियों को निकाला जाएगा तो गृह युद्ध हो जाएगा।ऐसा प्रेम अगर बंगाली आवाम के लिए दिखाया होता तो शायद बंगाल से गरीबी,भूखमरी,बेरोजगारी खत्म हो गई होती।लेकिन नाश कर दिया इन लेफ्टिस्टों ने और मोमता दीदी ने बंगाल का।
सरकार को बड़ी कड़ाई से NRC लागू करवाना चाहिए।हां लेकिन एक बात का विशेष और खासतौर पर ध्यान रखना चाहिए कि किसी भी भारतीय का हक ना मारा जाए।कोई अपना बेसहारा ना हो जाए।यकिनन ये मेरा देश है,हमारा देश है कोई धर्मशाला नहीं है। मानवीयता की बात हम अपने घर में कर लेंगे,अपनों से प्रेम भी करेंगे और लड़ेंगे भी...लेकिन किसी घुसपैठिये को अपने घर के सामानों संसाधनो का दुरुपयोग करने नहीं देगें।


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