संदीप कुमार मिश्र: भाई बहन के
पवित्र रिश्तों का अटूट बंधन रक्षा बंधन।जिसे श्रावण मास की पूर्णिमा को बड़े ही
धूमधाम के साथ मनाया जाता है। इस पवित्र दिन पर बहनें अपने भाई को रक्षा सूत्र
बांधती हैं और ईश्वर से उनकी लंबी आयु और रक्षा की प्रार्थना करती हैं।26 अगस्त
को रक्षाबंधन का त्योहार देशभर में मनाया जाएगा और साथ ही 26 अगस्त को ही सावन का
पवित्र माह भी समाप्त हो जाएगा।
रक्षा बंधन के दिन बहनें भाई की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधती
हैं तो खास मंत्रों का उच्चारण करती है।जिसमें भाव छूपा होता है कि उनके भाई पर
कोई भी विपत्ति या आपत्ति ना आए और वह हर क्षेत्र में सफलता हासिल करें।ऐसे सनातन
धर्म में वास्तविक रक्षा सूत्र का मतलब ही मंत्रों का ही होता है।आईए जानते हैं
कि रक्षा सूत्र बांमधते समय किस मंत्र का उच्चारण करना चाहिए-
येन बद्धो बलि:
राजा दानवेंद्रो महाबल:।
तेन त्वामपि
बध्नामि रक्षे मा चल मा चल।
अर्थ- जिस
रक्षासूत्र से महान शक्तिशाली राजा बलि को बांधा गया था, उसी सूत्र से मैं
तुम्हें बांधता हूं। हे रक्षे (राखी), तुम अडिग रहना। अपने रक्षा के संकल्प से कभी भी
विचलित मत होना।
प्रात:स्नान कर नवीन वस्त्र
धारण करें औक फिर
चावल के आटे से चौक
बनाए फिर एक मिट्टी के घट या मटके की स्थापना करें।घट का पूजन, आरती करें, तिलक करें, फूल चढ़ाएं और
फिर रक्षा सूत्र बांधकर मिष्ठान चढ़ाएं और फिर एक लकड़ी के पीढ़े पर अपने भाई को
पूर्व दिशा में मुख करके बिठाएं। सजी हुई थाली से भाई की आरती उतारें और उसे रोली, दही और अक्षत का
टीका लगाएं।इसके बाद भाई के दाईं कलाई पर रक्षा सूत्र यानी राखी बांधें।राखी
बांधने के बाद भाई को मिष्ठान अवश्य खिलाएं।
26 अगस्त
रक्षाबंधन
अनुष्ठान का समय- 05:59 से 17:25
अपराह्न मुहूर्त-
13:39 से 16:12
पूर्णिमा तिथि
आरंभ – 15:16 (25 अगस्त)
पूर्णिमा तिथि
समाप्त- 17:25 (26 अगस्त)
भद्रा समाप्त:
सूर्योदय से पहले
भाई बहन के पवित्र रिश्ते रक्षा बंधन की आप सभी को हार्दिक बधाई शुभकामनाएं ।।
भाई बहन के पवित्र रिश्ते रक्षा बंधन की आप सभी को हार्दिक बधाई शुभकामनाएं ।।
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