संदीप कुमार मिश्र: वतन हमारा रहे सादगाम और आजाद,हमारा क्या हम रहे
ना रहें।हमारे देश को आजाद हुए 71 दशक बीत चुके हैं और जब हम वर्ष 2018 में 72 वां स्वतंत्रता
दिवस मनाएंगे तो ये भी सोचेंगे कि हमने इन विगत वर्षों में एक लम्बा सफर तय
किया।आज़ादी की इस प्रात:बेला को हम कैसे
भूल सकते हैं जिसे पाने के लिए हमारे देश के महान स्वतंत्रता सेनानियों ने वर्षों
तक संघर्ष किया और अंग्रेजों के गुलामी की बेड़ियों से भारत मां को आज़ादी दिलवायी
।
हमारी आज़ादी के कई मायने थे।मायने इस नजरीये से कि विश्व
की सबसे संबृद्ध सभ्यता संस्कृति हमारी थी,विविधता में एकता हमारी मूल पहचान थी,
यानी विविध संस्कृति, धर्म और भाषा
हमारे यहां ही थी।जो संसार के किसी भी हिस्से में नहीं बोली जाती है।जरा सोचिए ऐसी
संबृद्ध संस्कृति कहां मिलेगी,जहां लगभग 300 से ज्यादा भाषाएं बोली
जाती है। जिनमे से 18 आधिकारिक भाषाएं
हों।ऐसी विविधता और कहां देखने को मिलेगी।भारत विश्व का इकलौता ऐसा देश है, जहां
अनेकता में एकता की अद्भूत मिसाल देखने को मिलती है।जिसे 200 वर्षों तक अंग्रेज
तहस नहस करते रहे।जिसे गुलामी से मुक्त करवाने के लिए हमारे नायकों ने,भारत मां के
वीर सपूतों ने बलिदान दिया और हमें आजादी मिल गयी।
दरअसल हमारे देश में सभी धर्म,मज़हब, जाति,पंथ और
सांस्कृतिक पृष्ठभूमि के सम्माननियों का बड़े ही गर्मजोशी से अभिनंदन किया जाता है
तभी तो अतिथि को देवताओ के समान सम्मानित किया जाता है, और अतिथि देवो भवः कहकर
सम्बोधित किया जाता है।विगत 71 वर्षों में, हमारा देश दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के रूप में उभरा और
अब तक हमारा देश भारत
एक संबृद्ध राष्ट्र के रूप में अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी, दूरसंचार, उद्योग
के साथ हरित क्रांति के क्षेत्र में नए नए किर्तिमान स्थापित कर चुका है। जिसके
आधार पर हम हम कह सकते हैं कि देश की युवा पीढ़ी का वर्तमान और भविष्य शानदार और
सही दिशा में आगे बढ़ रहा है ।
आईए हम सब मिलकर देश को और भी संबृद्ध,स्वच्छ और निर्मल
बनाने का संकल्प लें।क्योंकि राष्ट्र सर्वप्रथम है।हमारा देश जितना ही संबृद्ध
होगा उतनी ही हमारी प्रगति होगी,उतना ही विकास होगा।72 वें स्वतंत्र दिवस की आप
सभी हार्दिक बधाई,शुभकामनाएं।।
।।जय हिन्द जय
भारत।।
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