संदीप कुमार मिश्र: भारत माता ने आज अपना यशस्वी पुत्र खो दिया। देदीप्यमान
सूर्य अस्त हुआ। भावभीनी, अश्रुपूरित श्रद्धांजलि।
अटल जी के लिए मेरी लेखनी बस इतना ही कह सकती है कि,
अटल ही अटल हैं
मातृभूमि के लाल
अटल है
जीत ले जो हर
ह्रदय को,
वो आवाज अटल है,
राष्ट्रपुरुष की
पहचान अटल है
जनहिन की आवाज
अटल हैं,
सर्वधर्म समभाव
अटल हैं
जीयें तो भारत
मां के लिए,
भारत के मां के
वीर सपूत अटल हैं
भाव अटल है,राग अटल है,ताल अटल हैं
जन-जन की आवाज
अटल है
कर रहा है मन याद
जिनको
शब्दों के सम्राट
अटल हैं,
हिन्दी की पहचान
अटल है
देश का सम्मान
अटल है
अब ना होगा कोई
ऐसा ‘अटल’ ना हो पाएगा ऐसा
कोई ‘बिहारी’
अब तो पूर्ण
विराम अटल हैं!!
No comments:
Post a Comment