संदीप
कुमार मिश्र: अक्षय तृतीया पर किसी प्रकार की खरीदारी विना
कोई मुहूर्त देके कर सकते हैं।आईए जानते हैं कि अपनी राशि के अनुसार क्या करें
खरीदारी :
मेष
राशि- मसूर दाल, वृषभ राशि- चावल, बाजरा,मिथुन राशि- मूंग, धनिया और वस्त्र,कर्क राशि- दूध, चावल,सिंह राशि- लाल फल, तांबा,कन्या राशि- मूंग दाल,तुला राशि-शक्कर,चावल, वृश्चिक राशि- जल, गुड़,धनु राशि- केला, पीले चावल,मकर राशि- काली दाल, उड़द, दही,कुंभ राशि - काला तिल, वस्त्र,मीन राशि- हल्दी, चना दाल।
ये तो रहा राशि के अनुसार क्या दान करें।आईए अब ये भी जानना
जरुरी है कि 9 ग्रहों की शांति और शुभता के लिए हमें
क्या करना चाहिए विशेष दान
हमारे सनातन धर्म में दान का विशेष महत्व बताया गया है
खासकर अक्षय तृतीया पर किसी भी प्रकार के दान का अतिविशेष महत्व होता है।ज्योतिष
के अनुसार अक्षय तृतीया के दिन सूर्य और चंद्रमा अपनी उच्च राशि में स्थित होते
हैं।जिस वजह से इस दिन को अबूझ मुहूर्त कहा जाता है।दरअसल सूर्य और चंद्रमा दोनों ही
महत्वपूर्ण ग्रह हैं। चंद्रमा जहां मन का स्वामी माना जाता है और सभी प्रकार के
परिणामों को सीधे प्रभावित करता हैं, वहीं सूर्य नक्षत्र मंडल के स्वामी माने जाते हैं और केंद्र
बिन्दु हैं।
आज के दिन मंगल की शुभता और
कर्ज से मुक्ति के लिए सत्तू, लाल चंदन, गुड़, लाल वस्त्र, ताम्रपात्र तथा फल-फूल का दान मंदिर में करना चाहिए।चंद्र की शुभता और मन की शांति के लिए चावल, घी, चीनी, मोती, शंख, कपूर का दान
करें।सूर्य की शांति के लिए जौ का
सत्तू, गेहूं, मसूर, घी, गुड़, शहद, मूंगा आदि का दान
करें।बुध की अनुकूलता के लिए हरा
वस्त्र, मूंग दाल, हरे फल तथा सब्जी
का दान करें।गुरु की प्रसन्नता के लिए
केले के पेड़ में हल्दी मिश्रित जल चढ़ाकर घी का दीपक जलाएं। केला, आम, पपीता का दान
करें।शुक्र शांति के लिए सुहागिनों को
वस्त्र एवं शृंगार सामग्री देकर सम्मानित करें। सत्तू, ककड़ी, खरबूजा, दूध, दही, मिश्री का दान
करें।शनि-राहु के लिए एक नारियल को
मोती में लपेटकर सात बादाम के साथ दक्षिणमुखी हनुमान मंदिर में चढ़ाएं।केतु अनिष्टकारक हो तो सप्त धान्य, पंखे, खड़ाऊ, छाता, लहसुनिया और नमक
का दान करें।
इस प्रकार से दान का महत्व हमारे धर्म शास्त्रों में बताया
गया है खासकर अक्षय तृतीया पर।हम सभी कामना करते हैं कि अक्षय तृतीया आपके जीवन
में उन्नति,तरक्की और खुशहाली लेकर आए।
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