संदीप
कुमार मिश्र: त्योहारों,उत्सवों का संबृद्ध देश है
भारत।भारत की संपन्नता का मूल आधार भी यहां की संस्कृति,संस्कार और सर्वधर्म समभाव
की भावन ही है जिससे भारत विश्व गुरु के पद पर सुशोभित है।एक त्योहार संपन्न होता
है कि दूसरे की तैयारीयां हमारे देस में शुरु हो जाती है।यही विशेषता हमें औरों से
भिन्न बनवाती है।
दरअसल हम सब जानते हैं कि वैशाख मास में शुक्ल पक्ष की
तृतीया तिथि को अक्षय तृतीया का त्योहार मनाया जाता है जिसे आखातीज भी कहा जाता है।धर्म
ग्रंथों में ऐसा कहा गया है कि 'अक्षय' यानी- जिसका कभी
क्षय ही ना हो,कहने का मतलब जो कभी नष्ट ही न हो।इसलिए अक्षय तृतीया पर किए जाने
वाले किसी भी प्रकार के दान-पुण्य से मनोवांछित लाभ प्राप्त होता है।इसलिए कहा
जाता है कि किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत अक्षय तृतीया पर ही करनी चाहिए।
इस साल अक्षय तृतीया 18 अप्रैल2018,दिन बुधवार को पड़
रही है।हमारे हिन्दू धर्म शास्त्रों के अनुसार इस दिन विवाह करने वालों को अखंड
सौभाग्य की प्राप्ती होती है।हिन्दू पंचांग के अनुसार अक्षय तृतीया के दिन से ही
मांगलिक कार्य, व्यापार आरंभ, मुंडन संस्कार, शुभ
विवाह, गृह निर्माण, गृह प्रवेश, देव प्रतिष्ठा, जैसे सभी प्रकार
के शुभ कार्य प्रारंभ हो जाते है।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार लगभग 11 वर्ष के बाद इस बार
अक्षय तृतीया पर पूर्णकालिक यानी 24 घंटे का सर्वार्थसिद्धि योग का अतिविशेष महासंयोग
बन रहा है,जो सभी प्रकार के कार्यों के लिए शुभदायक,फलदायक है।
अक्षय
तृतीया का शुभ-मुहूर्त
18 अप्रैल2018
तृतीया तिथि प्रात: 4.47 बजे से प्रारंभ,समापन
रात 3.03 बजे तक ।
इस दिन पूरे समय खरीदारी की जा सकती है। हम कामना करते हैं
है कि सर्वार्थसिद्धि योग के इस महासंयोग में पड़ने वाली अक्षय तृतीया आपके जीवन
में अनंत-अपार सुख-समृद्धि लेकर आये।।।
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