Thursday, 8 June 2017

YOU KNOW: सुंदरकांड का पाठ क्यों है अति विशेष फलदायी...?


संदीप कुमार मिश्र: सुंदरकांड का पाठ अति विशेष फलदायी है...सभी परेशानियों को नष्ट करता है सुंदरकांड का पाठ..मनुष्य में आत्मविश्वास बढ़ाता है सुंदरकांड का पाठ...मनुष्य की सभी समस्याओं का समाधान है सुंदरकांड।

गोस्वामी तुलसीदास कृत श्रीरामचरितमानस के सुंदरकांड की कथा सबसे अलग है. संपूर्ण श्रीरामचरितमानस में सुंदरकांड एकमात्र ऐसा अध्याय है जो प्रभु श्रीराम  भक्त हनुमान जी की विजय का कांड है।जिसका पाठ करने से आत्मविश्वास,इच्छाशक्ति,मनुष्य की को बल मिलता है।
दरअसल हनुमानजी समुद्र लांघकर लंका पहुंचे थे और माता सीता की खोज की थी और फिर लंका को जला कर माता सीता का संदेश लेकर प्रभु श्रीराम के पास लौटे थे।इस प्रकार सुंदरकांड एक भक्त की जीत का कांड है, जो अपनी इच्छाशक्ति के बल पर इतना बड़ा चमत्कार कर सकता है। सुंदरकांड में जीवन की सफलता के महत्वपूर्ण सूत्र भी दिए गए हैं। इसलिए पूरी रामायण में सुंदरकांड को सबसे श्रेष्ठ माना जाता है। इसी वजह से सुंदरकांड का पाठ विशेष रूप से फलदायी माना गया है।

हनुमानजी के पूजन में शास्त्रों के अनुसार विशेष ध्यान देने योग्य बातें-
- हनुमानजी की तीन परिक्रमा करने का विधान है। भक्तों को हनुमान जी की तीन परिक्रमा ही करनी चाहिए।
- दोपहर के समय महाबली हनुमान जी महाराज को गुड़, घी, गेहूं के आटे से बनी रोटी का चूरमा अर्पित करना चाहिए।
- अंजनी के लाल महावीर हनुमानजी को शाम के समय भक्तों को फल जैसे- आम, केले, अमरूद, सेवफल आदि का भोग लगाना चाहिए।
-भक्तों को  सुंदरकांड का पाठ करते समय हनुमानजी को सिंदूर, चमेली का तेल और अन्य पूजन सामग्री भी अर्पित करना चाहिए।


        ।।प्रभु श्री राम के अनन्य भक्त हनुमान जी महाराज आप सभी का कल्याण करें।।

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