संदीप कुमार मिश्र: सनतान संस्कृति में हर दिन,माह और हर क्षण का विशेष महत्व हमारे धर्म ग्रंथों
में बताया गया है।भारत विश्व का एकमात्र ऐसा देश है,जहां के रहन सहन,बोली
भाषा,मौसम और ऋतुओं में सबसे ज्यादा भिन्नताएं हैं।जो जनसामान्य के लिए हितकारी
हैं।ऐसा ही पवित्र माह है कार्तिक। मनुष्य के मोक्ष का द्वार भी कार्तिक मास को
कहा गया है। कार्तिक माह हमारे हिंदू धर्म में पवित्रता और शुभता का प्रतिक
है।गोवर्धनधारी भगवान कृष्ण को भी कार्तिक माह अतिप्रिय है।
कार्तिक माह हिन्दू पंचांग का आठवां माह है।इस पवित्र माह में दामोदर भगवान की पूजा करने
का विशेष महत्व हमारे धर्म शास्त्रों में बताया गया है।शरद पूर्णिमा से लेकर
कार्तिक पूर्णिमा तक के समय को कार्तिक माह कहा जाता है ।कार्तिक के पावन माह में
भक्ति भाव से ईश्वर की साधना,आराधना करने वाले को मनोवांछित फल प्राप्त होता है।
कहते हैं कि अपने कुटुंब में सुख शांति और संबृद्दि के लिए कार्तिक में विशेष रुप
से पूजा आराधना करनी चाहिए।
आईए जानते हैं कुछ खास उपाय और विधान
जिससे परम पिता परमात्मा की आप पर बरसेगी कृपा-
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कार्तिक माह में ब्रम्हचर्य का करें पालन।सत्संगी
और भजनानंदी बने।
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भगवान विष्णु की विशेष रुप से करें पूजा
अर्चना।सरसो के तेल,देशी घी,तिल के तेल का दीपक जलाएं।
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जीवन में अज्ञानता रुपी अंधियारे,और सुख संपदा
के लिए माता लक्ष्मी के सामनें दीपक अवश्य जलाएं।कार्तिक माह में घर के अलावा
मंदिर,नदी के तट पर भी दीपक जलाएं।
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प्रत: स्नान का भी कार्तिक माह
में अति विशेष फल बताया गया है।साथ ही साधक को तुलसी जी की पूजा और तुलसी दान भी
करना चाहिए।
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कहते हैं कि कार्तिक माह में तुलसी जी का पूजन
और सेवन करने के से घर में से सभी प्रकार की नकारात्मकता खत्म हो जाती है और घर
में सुख-शांति का वास होता है।
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संयमित भोजन करें और भक्ति भाव से ईश्वर में
अपनी आस्था बनाए रखें।
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