संदीप कुमार मिश्र: सूर्य उपासना का
महापर्व है छठ पूजा। भगवान सूर्य देव ही ऐसे देव हैं जो प्रत्यक्ष देवता माने गये
है।संपूर्ण संसार में शक्ति और उर्जा का संचार करते हैं सूर्य देव।सूर्य के बिना तो
इस धरा पर जीवन की कल्पना ही नहीं की जा सकती। भगवान सूर्य के प्रति अटूट आस्था,श्रद्धा
और विश्वास का ही महापर्व है छठ पूजा।जिसे सूर्य षष्ठी व्रत भी कहा जाता है।
सूर्यदेव की उपासना का इकलौता ऐसा पर्व
है छठ पूजा जिसमें उगते और डूबते सूर्य को अर्ध्य दिया जाता है। कार्तिक शुक्ल
षष्ठी को संपन्न होने वाला सूर्य-षष्ठी व्रत, छठ पहले तो उत्तर-भारत में ही
मनाया जाता था लेकिन धीरे-धीरे इसकी महत्ता बढ़ती गई और अब संपूर्ण देश के साथ ही
विश्व के कुछ अन्य राष्ट्रों में भी मनाया जाने लगा।
वास्तविक रुप से हम देखें तो सूर्य
उपासना का ये महापर्व प्रकृति को समर्पित है।स्वच्छता और सादगी को समर्पित है।पूराणों
और वैदिक महत्व की बात करें तो अनंत काल से ही सूर्य की उपासना का प्रमाण मिलता
है। ऐसे में हम कह सकते हैं कि वैदिक युग में जिन देवी देवताओं को सर्वपूज्य माना
जाता है, उनमें सूर्य, अग्नि और इंद्र प्रमुख हैं।
छठ पूजा का इतिहास
चार दिनों की छठ पूजा कार्तिक शुक्ल
पक्ष की षष्ठी से सप्तमी तक मनाई जाती है| चार दिनों के इस पवित्र त्योहार
में आस्था और भक्ति का हर रंग मिला होता है। कहते हैं कि छठी माता की पूजा माताएं संतान की रक्षा और उन्नति और खुशहाली के ले करती
है।एक पौराणिक कथा के अनुसार-
किसी समय एक राजा को संतान नहीं थी जिससे
राजा बहुत दुखी थे। महर्षि कश्यप जब राजा के राज्य में आए
तो राजा ने उनकी बहुत सेवा की,जिसके बाद महर्षि ने खुश होकर आशीर्वाद दिया। जिसके
प्रभाव से रानी गर्भवती हो हुई,लेकिन संतान मृत पैदा हुई।जिससे दुखी होकर राजा
रानी ने आत्महत्या करने का निर्णय लिया।लेकिन जैसे ही वे दोनों नदी
में कूदने को हुए उन्हें छठी माता ने दर्शन दिये और कहा कि आप मेरी पूजा करें।आपकी
मनोकामना अवश्य पूरी होगी। राजा रानी ने विधि-विधान के साथ छठी माता की पूजा की जिससे
उन्हें स्वस्थ संतान की प्राप्ति हुई।तभी से कार्तिक शुक्ल पक्ष की षष्ठी को छठ
पूजा की शुरुआता हुई।इसके अलावा भी हमारे धर्म शास्त्रों में छठ पूजा का वर्णन है।कहते
हैं कि माता सीता ने और द्रोपदी ने भी छठ पूजा की थी। आप सभी इष्ट मित्रों को छठ
पूजा की हार्दिक शुभकामनाएं।छठी मईया आप सभी की मनोकामनाओं को पूरा करें और आपको
मनोवांछित फल प्रदान करें।जय छठी मईया।।
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