Saturday 29 January 2022

Mauni Amavasya 2022: कब है मौनी अमावस्या ? क्या है व्रत विधि,नियम और महत्व, इस दिन क्या करना चाहिए ?

 


Mauni Amavasya 2022: सनातन हिन्दू धर्म संस्कृति में अमावस्या और पूर्णिमा की तिथियों का विशेष महत्व बताया गया है। इस विशेष दिन पर गंगा स्नान, पूजा, जप और दान का विधान धर्म शास्त्रों में बताया गया है। ऐसी मान्यता है कि अमावस्या और पूर्णिमा के दिन पूजा, जप, तप और दान करने से देवी-देवता प्रसन्न होते हैं। उनकी कृपा से व्यक्ति समस्त पाप बंधन से मुक्त हो जाता है साथ ही पितृजन भी प्रसन्न होकर व्यक्ति को सुख, समृद्धि और दीर्घायु होने का आशीर्वाद देते हैं।इसीलिए पूर्णिमा और अमावस्या के दिन बड़ी संख्या में श्रद्धालु पवित्र नदियों में स्नान, पूजा-पाठ करते हैं।

आपको बता दें कि इस वर्ष मौनी अमावस्या 1 फरवरी 2022, दिन मंगलवार को है। माघ महीने में पड़ने वाली अमावस्या को माघी अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है।

जाने मौनी अमावस्या के दिन क्या करना चाहिए दान

ज्योतिर्विदों के अनुसार, मौनी अमावस्या के दिन तेल, तिल, सूखी लकड़ी, कपड़े, गर्म वस्त्र, कंबल और जूते दान करने का विशेष महत्व है। कहा जाता है कि जिन जातकों की कुंडली में चंद्रमा नीच का होता है, उन्हें इस दिन दूध, चावल, खीर, मिश्री और बताशा दान करने से शुभ फल प्राप्त होते हैं।

क्या है मौनी अमावस्या का महत्व

धर्म शास्त्रों के अनुसार, मौनी अमावस्या के दिन मौन धारण करने से साधक को विशेष ऊर्जा प्राप्त होती है। मौनी अमावस्या पर गंगा नदी में स्नान करने से दैहिक (शारीरिक), भौतिक (अनजाने में किया गया पाप), दैविक (ग्रहों, गोचरों का दुर्योग) तीनों प्रकार पापों से मुक्ति मिलती है। कहा जाता है कि इस दिन सभी देवी-देवता गंगा में वास करते हैं, जो साधकों को सभी पापों से मुक्ति देते हैं।

मौनी अमावस्या व्रत नियम

1.  सनातन धर्म प्रेमी साधकों को मौनी अमावस्या के दिन सुबह नदी, सरोवर या पवित्र कुंड में स्नान करना चाहिए। स्नान के बाद भगवान भास्कर को अर्घ्य देना चाहिए ।

2. मौनी अमावस्या के दिन व्रत रखकर जहां तक संभव हो मौन रहना चाहिए। गरीब और भूखे व्यक्ति को आज के दिन भोजन अवश्य कराएं।

3. मौनी अमावस्या के दिन अनाज, वस्त्र, तिल, आंवला, कंबल, पलंग, घी और गौ शाला में गाय के लिए भोजन का दान करें।

मौनी अमावस्या के दिन गंगा नदी का जल बन जाता है अमृत

मौनी अमावस्या को लेकर धार्मिक मान्यता है कि इस तिथि पर गंगा नदी का जल अमृत के समान हो जाता है। इस दिन गंगा में स्नान करने से सभी पाप मिट जाते हैं। साथ ही, निरोगी काया प्राप्त होती है और मृत्यु के बाद मोक्ष की प्राप्ति होती है।जय माँ गंगे,हर हर गंगे।

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