Monday, 5 August 2019

श्रीनगर में कर्फ्यू का मतलब ?



संदीप कुमार मिश्र- भारत का स्वर्ग कहे जाने वाले श्रीनगर में कर्फ्यू लगा दिया गया है। कश्मीर के तकरीबन सभी नेताओं को नजरबंद कर दिया गया हैं।हमारी सेना और सुरक्षाबलों की गश्त तेज हो गई है।जिससे बेचैन होकर वहां के नेता लगातार ट्वीट कर रहे हैं- माहौल काफी गरम है। उनका कहना है कि-"कुछ बताया नहीं गया उन्हें ! ये जो हो रहा है, वो क्या है और क्यों है, पता नहीं चल रहा है."अब उन्हें कौन कहे कि आपको बताकर क्या हो जाएगा ?और यदि आपको बता ही दिया जाए तो क्या होगा ? आजादी के सात दशक बाद भी अब तक हुआ क्या ? तब तो हर बार बताया गया था न ? लेकिन हुआ क्या,आपकी लगातार धमकियां मिलती रही और पूर्व की हमारी सरकारें सत्ता मद में चूर सोती रही !

आपको ये जानकर हैरानी होगी कि श्रीनगर में एक सिनेमा हॉल तक नहीं है,मॉल तो छोड़ ही दिजिए। शाम होते ही घाटी में सन्नाटा पसर जाता है,70 साल से अधिक हो गये देश को आज़ाद हुए लेकिन वहां के चंद सियासी परिवारों ने धरती के स्वर्ग को नर्क बना दिया है..और यही वजह है कि वो चाहते हैं कि कश्मीर की हालत जस की तस बनी रहे। लेकिन समय ने करवट ली और अब वहां के ज्यादातर लोग जो चाहते हैं कि माहौल बदले वो डर से कुछ कह नहीं पाते।जिस कश्मीर में किसी फौजी को कहीं घेरकर गला काट दिया जाता है, किसी इंफॉर्मर को डुबो डुबोकर मार दिया जाता है और सारा वीडियो वायरल कर दिया जाता है कि जो हिम्मत थोड़ी जुटा रहा होता है, वो डर कर बैठ जाता है – आप कह सकते हैं कि 70 साल से यही होता आया है।

कश्मीर के अलगाववादी नेता जो  भारत के पैसे पर ऐश तो करते हैं, घूमते-फिरते मौज करते हैं, लेकिन गाते पाकिस्तान की हैं।इन कश्मीरी नेताओं की औलादें तो विदेशों में पढती और रहती हैं। लेकिन कश्मीर की आम आबादी के हालात जस के तस हैं। यकिनन वहां के जो फर्जी राजनेता बने बैठे हैं, वो कश्मीर के विशेष अधिकार हनन के नाम पर भोलेभाले कश्मीरीयों में डर बनाकर हालात को खतरनाक बनाए रखने का स्वांग रचते हैं। मुमकिन है नई सरकार मोदी सरकार की अगुवाई में कश्मीर में एक नई भोर हो जिससे वहां के नौजवान को नई दिशा और दशा मिले और आनेवाली नस्ल 21वीं सदी का हिन्दुस्तान देख पाए।


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