2019 का देश पर चढ़ रहा है रंग
क्या UPA कर पाएगा NDA कों तंग
1 प्रधानमंत्री बनाम 12 प्रधानमंत्री की हो रही रेस,
सड़कों पर निकलने वालें है अब
नेता जी,धर नए-नए भेष,
शब्दों के चलेंगे बाण,चीखेंगे
फाड़ कर गला
होंगे वादे पर वादे,चाहे भले ना
हो जनता का भला।
70 बनाम 5 की चर्चा, होगी हर
नुक्कड़ पर अब रोज़
दलितों के घर खाना होगा,अब हर
नुक्कड़ पर होगा भोज
जात-पात,टोपी-तिलक...मेरे-तेरे
होगा हर रोज़
अब तो हर दिन होगा,नए-नए नारों की खोज
घोटालों के जनक हैं कहते,अबकी बार
जो मिल गयी सत्ता
देंगें सबको बेरोजगारी भत्ता,
देखना बड़ा दिलचस्प अब होगा
पैदा हुआ जो विकास अभी तक! क्या हो जाएगा उसका अंत ?
जातिवाद और वंशवाद की,लगेगी
सरेबाजार बोली
दे देकर नई दुहाई,भेदभाव की मचेगी
होली
सत्ता पर काबिज होने को,बढ़ रही
है वंशवाद की पुन: बेल
लोकतंत्र के रक्षक बन कर खेल रहे
हैं सिंहासन का खेल
खैर गठबंधन पर गठबंधन,करो अनेको
गठबंधन
ध्यान रहे बस इतना कि, कहीं होने
लगे ना लठबंधन
कहें मिश्री जी,
सत्ता से किसकी यारी साहब,
जनता करेगी सभी के अभिमान को अब
भंग।।।।
(संदीप कुमार मिश्र की कलम से-)
No comments:
Post a Comment