संदीप
कुमार मिश्र: 19 अक्टूबर यानि कार्तिक अमावस्या के दिन दिवाली
का त्योहार बड़ी ही धूमधाम के साथ देशभर में मनाया जाएगा।दिपावली के दिन धन संपदा
की देवी मां लक्ष्मी और ऋद्धि सिद्धि के दाता भगवान गणेश की पूजा करने की मान्यता
होती है।हमारे हिन्दू धर्म शास्त्रों में दिपावली में लक्ष्मी गणेश पूजन में
प्रदोष काल का भी विशेष महत्व होता है।आपको बता दें कि दिन-रात के संयोग को ही
प्रदोष काल कहा जाता है।
शुभ
दिपावली के पावन अवसर पर इस बार शाम 5.43 से
रात 8.16 तक प्रदोषकाल रहेगा। इसी समय में जन
सामान्य को सुख-समृद्धि की कामना के लिए मां लक्ष्मी,भगवान गणेश और कुबेर जी का पूजन करना चाहिए। एक बात का विशेष ध्यान रखना
चाहिए वो ये कि दिवाली के दिन मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा हमें शुभ मुहूर्त
में ही करनी चाहिए।
दरअसल
इस बार दिपावली पर पूजा करने के लिए 3
शुभ मुहूर्त बताए गए हैं। इन तीनों शुभ मुहूर्त में पूजा करने का अपना ही विशेष
महत्व होता है।जी हां इन विशेष शुभ मुहूर्त में मां लक्ष्मी के साथ ही भगवान
विष्णु, गणेश और कुबेर जी की पूजा करने का भी
विधान बताया गया है।
जानिए
दिवाली पर पूजा का शुभ मुहूर्त
1.प्रदोष काल मुहूर्त
मां
लक्ष्मी पूजा का शुभ मुहूर्त: शाम 05.43 से
08.16 तक
वृषभ
काल: शाम 7.11 से 9.06 तक
2. चौघड़िया पूजा मुहूर्त
सुबह:
6.28 से 7.53
शाम:
4.19 से 8.55
3.महानिशिता काल मुहूर्त
लक्ष्मी
पूजा का अवधि- 51 मिनट
महानिशिता
काल- 11.40 से 12.31
आपको
बता दें कि दिवाली के दिन अमावस्या तिथि आरंभ 00:13 (19 अक्टूबर) पर होगी और अमावस्या तिथि समाप्त 00:41 (20 अक्टूबर) पर होगी।।शुभ दिपावली।।
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