संदीप
कुमार मिश्र : आस्थाओं,तीज,त्योहारों का देश है भारत।
हमारे देश भारत में ऐसे तो हर त्योहार बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है
लेकिन सभी त्योहारों में सबसे बड़े त्योहार के रुप में दिवाली का पावन त्योहार
मनाया जाता है। कार्तिक मास की अमावस्या को दिवाली बड़ी ही धूमधाम से मनाई जाती है।हम
सब जानते है कि इस साल दीपावली 19 अक्टूबर
2017 को देश भर में मनायी जाएगी।दरअसल
दिवाली के त्योहार रौशनी का त्योहार है जिसकी एक अलग ही पहचान है।दिवाली पर रौशनी
के लिए पारंपरिक तरीकों में दीयों को सबसे ज्यादा महत्व दिया जाता है।
दीपावली
पर दीए जलाने की अपनी एक अलग ही परंपरा हमारे देश में है।कहते हैं कि दिवाली पर
दीए जलाने से भगवान गणेश और मां लक्ष्मी प्रसन्न होती है।साथ ही दीयों को हमारे धर्म शास्त्रों
में शुभता के तौर पर भी देखा जाता है।ऐसे में ये जानना बेहद जरुरी है कि दिवाली पर
कहां-कहां हमें दीए जलाने चाहिए-
दीपावली
पर मां लक्ष्मी की पूजा करने के बाद सबसे पहले उनकी तस्वीर के आगे घी का एक बड़ा
दीया जलाना चाहिए।साथ ही पूरे घर में सरसो के तेल का दीपक जलाना चाहिए। खासतौर पर
घर के मुख्य दरवाजे के दोनो छोर पर जरूर दीया जलाना चाहिए। घर के मंदिर में भी
हमें दीया जलाना चाहिए।
इसके
साथ ही घरों में मौजूद खिड़की,चौखट,बालकनी और छत पर भी दीए जलाने चाहिए। इतना ही
नही घर के अन्न भंड़ार और घर की रसोई में भी दीया जलाना चाहिए।कहते हैं ऐसा करने
से घर में सदैव अन्न भरा रहता है और अन्न
की कोई कमी नहीं होती है।
दिवाली के शुभ अवसर
पर घर के बाहर भी
कई जगहों पर दीए जलाना हमारे धर्म शास्त्रों में शुभ माना गया है। घर के बाहर चौराहे
पर नजदीक के मंदिर और दीवाली की रात में पीपल के पेड़ के नीचे दीया जलाने का भी
विशेष महत्व है।
आईए
इस हम सब मिलकर इस दिवाली पर ज्ञान का दीप जलाएं और परिवार,समाज और देश से
अज्ञानता के अंधकार को मिटाएं।शुभ दिपावली।।
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