Friday 15 July 2022

 


Sawan 2022 Parad Shivling: महादेव को प्रसन्न करते चाहते हैं तो सावन में करें  पारद शिवलिंग की पूजा, जानें चमत्कारी फायदे

Sawan 2022 Parad Shivling Puja: श्रावण माह में भोलेभंडारी भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए शिवलिंग की विधि विधान से पूजा करने के लिए शिवालयों में भक्तों का तांता लगा रहता है। ऐसे में श्रावण मास में पादर शिवलिंग की पूजा करने का बड़ा विशेष महत्व बताया गया है। शिव महापुराण और लिंगपुराण में पारद शिवलिंग का वर्णन मिलता है। शिव महापुराण में ऐसी चर्चा है कि सावन में पारद शिवलिंग की पूजा से सहस्त्र शिवलिंग की पूजा का फल  साधक को प्राप्त होता है। चलिए जानते हैं पारद शिवलिंग की पूजा के क्या फायदे और लाभ-

सावन में पारद शिवलिंग पूजा के फायदे:

शिव जल्द होंगे प्रसन्न

धर्म शास्त्रों,पुराणों के अनुसार शिवलिंग के मूल में ब्रह्मा,मध्य में भगवान विष्णु और ऊपर के भाग में भगवान शंकर विराजमान होते हैं। पारा एक धातु है जिसमें चांदी को मिलाकर पारद शिवलिंग का निर्माण किया जाता है।

पारद शिवलिंग पूजा से मिलती है पाप से मुक्ति

महादेव को पारा बहुत प्रिय है। यही वजह है श्रावण मास में पारद शिवलिंग की पूजा से शिव जी जल्द प्रसन्न होते हैं। कहा जाता है कि पारद शिवलिंग के स्पर्श मात्र से सभी पाप कर्मों से मुक्ति मिल सकती है। पारद शिवलिंग की पूजा सिर्फ जल और पुष्प अर्पित कर करना चाहिए।

धन प्राप्ति के लिए करें पारद शिवलिंग की पूजा

जिस भी सनातनी मतावलंबी के घर में पारद शिवलिंग की पूजा होती है कहा जाता है कि वहां स्वंय भगवान शंकर का वास होता है।ब्रह्म पुराण के अनुसार सावन में रोजाना पारद शिवलिंग की पूजा से मोक्ष प्राप्त होता हैं। पारद शिवलिंग के घर में होने से मां लक्ष्मी और कुबेर देवता विराजमान होते हैं और घर में धन-धान्य की कमी नहीं होती है।

सुरक्षा कवच

ग्रह शांति के लिए पारद शिवलिंग की पूजा करनी चाहिए । घर में पारद शिवलिंग के होने से बुरी शक्तियों आसपास नहीं भटकती। गलत मंशा से किए टोने-टोटके का असर खत्म हो जाता है।इतना ही नही अकाल मृत्यु का भय भी खत्म हो जात है।

पारद शिवलिंग पूजा से होगी सकारात्मक ऊर्जा में वृद्धि

धर्म शास्त्रों में ऐसा कहा गया है कि घर, ऑफिस या दुकान में रखने से नकारात्मक ऊर्जा, सकारात्मक ऊर्जा में बदल जाती है। काम के प्रति एकाग्रता बढ़ती है। मन शांत और भाग्य चमकता है।

।।ऊँ नम: शिवाय।।

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