भगवान शिव की कृपा पाने
के लिए श्रावण माह में क्या करें ?
भगवान शिव की कृपा पाने
के लिए सावन माह में ये जरुर करें-
1- पंचामृत (दूध, दही, घी, शक्कर और शहद) चढ़ाने के लिए विशेष मंत्र-
कामधेनु समुद्भूतं सर्वेषां जीवनं परम्। पावनं यज्ञहेतुश्च
पय: स्नानाय गृहृताम्।।
ऊँ शिवाय नम:। पय: स्नान समर्पयामि
इसके बाद अन्य
शास्त्रोक्त पूजा सामग्रियों का चढ़ावा करें।
2- शीघ्र फल पाने के लिए-शिवलिंग के दक्षिण दिशा की ओर बैठकर यानी उत्तर दिशा की ओर
मुंह कर पूजा और अभिषेक शीघ्र फल देने वाला माना गया है।
3. विवाह में अड़चन - नित्य शिवलिंग पर केसर मिला हुआ दूध चढ़ाएं।
4. धन प्राप्ति – प्रतिदिन किसी नदी या तालाब जाकर आटे की गोलियां मछलियों
को खिलाएं।
5. सुख-समृद्धि – नित्य नंदी (बैल) को हरा चारा खिलाएं।
6. अन्न की कमी - नित्य गरीबों
को भोजन कराएं।
7. मनोकामनाएं पूर्ति के लिए - 21 बिल्वपत्रों पर चंदन से ऊँ नम: शिवाय लिखकर शिवलिंग पर चढ़ाएं साथ ही एकमुखी रुद्राक्ष भी अर्पण करें।
8. शनि दोष - महामृत्युंजय मंत्र का पाठ भी करें, रुद्रावतार श्रीहनुमान जी की उपासना करें, सात प्रकार के अनाज का दान करना भी शनि कृपा का श्रेष्ठ उपाय है, शिव मंत्रों का पाठ भी शनि पीड़ा से रक्षा करता है। “ऊँ कालकालाय नम:”, “ऊँ नीललोहिताय नम:”
केले या गाय के दूध से बनी मिठाई का भोग अर्पित कर धूप व घी
का दीप लगाएं। इसके बाद शिव मंत्र का स्मरण करें –
शंकराय नमस्तुभ्यं नमस्ते करवीरक।
त्र्यम्बकाय नमस्तुभ्यं महेश्वरमत: परम्।।
नमस्तेस्तु महादेव स्थावणे च तत: परम्।
नम: पशुपते नाथ नमस्ते शम्भवे नम:।।
नमस्ते परमानन्द नम: सोमर्धधारिणे।
“नमो भीमाय चोग्राय त्वामहं
शरणं गत:”।।
शिव पूजा, मंत्र स्मरण के बाद आरती करें। शनिवार को श्री हनुमान के चरणों में जाकर काली
उड़द चढ़ाएं। बालकृष्ण को केसर चंदन लगाकर माखन-मिश्री का भोग अर्पित करें और शनि
की प्रसन्नता की कामना करें।
9. बिल्वपत्र न तोड़े - चतुर्थी, अष्टमी, नवमी, चतुर्दशी, अमावस्या, संक्राति
(सूर्य का राशि बदल दूसरी राशि में प्रवेश), सोमवार, नए बिल्वपत्रों की जगह पर पुराने बिल्वपत्रों को जल से पवित्र कर शिव पर चढ़ाए
जा सकते हैं।
10. लक्ष्मी प्राप्ति - पंचोपचार पूजा में चंदन, अक्षत के बाद तीन पत्ती वाले 11,
21, 51 या श्रद्धानुसार ज्यादा
से ज्यादा बिल्वपत्र शिवलिंग पर इस मंत्र को बोलते हुए चढ़ाएं-
त्रिदलं त्रिगुणाकारं त्रिनेत्रं त्रयायुधम।
त्रिजन्म पापसंहारं मेकबिल्वं शिवार्पणम।।
शिव मंत्र जप या स्तुति
कर शिव आरती करें। खुशहाल, धनी और
सेहतमंद रहने की कामना करें।
।।ऊँ नम: शिवाय।।
सादर
Sandeep Kumar Mishra